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चम्बा ! वैसे तो सरकार द्वारा विकासात्मक योजनाओं के लिए लाखों ,करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। जगह जगह लोगों को सुविधा देने के लिए नई-नई योजनाओं के तहत कार्य किए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत सड़कों और गलियों को पक्का किया जाता है ताकि लोगों को सुविधा मिल पाए। लेकिन चम्बा मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर फुलणु टाला के पास श्मशान घाट के रास्ते की हालत खस्ता होने की वजह से लोगों को शवों को ले जाने में काफी दिक्कत होती है। यहां का रास्ता इतना खराब है यहां जरा सा भी पैर फिसला तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यहां आस-पास के गांव के सभी लोग इसी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए शवों को लाते हैं लेकिन यहां पर हालत इतनी खराब है कि सब को उठा कर चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। जो लोग चलने में थोड़े असमर्थ होते हैं उन लोगों को यहां काफी मुश्किल होती है। एक तो यहां पर रास्ता खराब ऊपर से फिसलन हमेशा ही उन्हें चोट लगने का डर रहता है। कई बार लोगों ने यहां के पंचायत प्रतिनिधियों से इस रास्ते को ठीक करवाने की गुहार लगाई थी लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार श्मशान घाट के रास्ते को ठीक करने का प्राथमिकता से काम करती है ,लेकिन यहां पर यह कार्य क्यों नहीं हो पा रहा है यह एक सोचने वाली बात जरूर बनती है। हालांकि जब इस बारे यहां के पंचायत प्रतिनिधियों से पूछा गया तो उन्होंने कैमरे के आगे तो कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने इस काम को जल्द शुरू करने की बात तो जरूर की। यहां पर श्मशान घाट में शव यात्रा पर पहुंचे लोगों ने बताया कि फुलणु टाला के पास जो श्मशान घाट है वहां पर रास्ते की हालत बहुत ही खराब है। उन्होंने कहा यहां पर शव को कंधे पर उठाकर लेना काफी मुश्किल तो होता ही है आम लोगों को यहां पैदल चलने में दिक्कत होती है। अगर गलती से पैर फिसल जाए तो यहां बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय प्रतिनिधियों को चाहिए यहां पर कुछ कार्य किया जाए ताकि लोगों को राहत मिल पाए।
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