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चम्बा , 10 सितंबर [ शिवानी ] ! श्री कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक चलने वाली इस पवित्र मणिमहेश यात्रा का अभी दूसरा चरण शुरू हो गया है। आपको बता दे, कि इससे पूर्व इसी महीने की सात सितंबर को श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मनाई गई,और इस बार जम्मू कश्मीर से और अन्य जगहों से आए करीब साढ़े सात हज़ार लोगों ने इस पवित्र छोटे नोहन में स्नान कर और प्रभु भोले नाथ के दर्शन कर अपने को धन्य बनाया। करीब एक महीने से चल रही श्री मणिमहेश कैलाश मानसरोवर की इस पावन यात्रा का अभी तक पहला चरण ही पूरा हो पाया है,पर अभी भी मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालुओं का आना जाना बदस्तूर जारी है। श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर सेवा को शुरू कर रखा है। 12, मिनिट्स की है। इस हेलीकॉप्टर यात्रा को चौरासी भरमौर से शुरू किया जाता है और गौरीकुंड तक इस यात्रा को किया जाता है।आपको बता दे कि अगर मौसम साफ रहा तो हेलीकॉप्टर की यह सेवा बड़े शाही नोहन तक यानी की 22, सितंबर तक यूं ही चलती रहेगी। पर अधिकतर श्रद्धालु इस मणिमहेश यात्रा को पैदल चलकर ही करना पसंद करते है। हालंकि इस शाही स्नान करने को अभी भी 12, दिनों का समय बचा हुआ है पर श्रद्धालु दिन रात इस यात्रा को करने में लगे हुए है और डलझिल में स्नान करने के साथ साथ भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाना नही भूलते है।
चम्बा , 10 सितंबर [ शिवानी ] ! श्री कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक चलने वाली इस पवित्र मणिमहेश यात्रा का अभी दूसरा चरण शुरू हो गया है। आपको बता दे, कि इससे पूर्व इसी महीने की सात सितंबर को श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मनाई गई,और इस बार जम्मू कश्मीर से और अन्य जगहों से आए करीब साढ़े सात हज़ार लोगों ने इस पवित्र छोटे नोहन में स्नान कर और प्रभु भोले नाथ के दर्शन कर अपने को धन्य बनाया।
करीब एक महीने से चल रही श्री मणिमहेश कैलाश मानसरोवर की इस पावन यात्रा का अभी तक पहला चरण ही पूरा हो पाया है,पर अभी भी मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालुओं का आना जाना बदस्तूर जारी है। श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर सेवा को शुरू कर रखा है।
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12, मिनिट्स की है। इस हेलीकॉप्टर यात्रा को चौरासी भरमौर से शुरू किया जाता है और गौरीकुंड तक इस यात्रा को किया जाता है।आपको बता दे कि अगर मौसम साफ रहा तो हेलीकॉप्टर की यह सेवा बड़े शाही नोहन तक यानी की 22, सितंबर तक यूं ही चलती रहेगी।
पर अधिकतर श्रद्धालु इस मणिमहेश यात्रा को पैदल चलकर ही करना पसंद करते है। हालंकि इस शाही स्नान करने को अभी भी 12, दिनों का समय बचा हुआ है पर श्रद्धालु दिन रात इस यात्रा को करने में लगे हुए है और डलझिल में स्नान करने के साथ साथ भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाना नही भूलते है।
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