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चम्बा ! चम्बा जिला के चमीनू में स्थित एचटूओ हाउस में विश्व विरासत दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान नाट आन मैप संस्था की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें चलो चम्बा अभियान व जिला की संस्कृति के प्रचार व प्रसार के लिए प्रण लिया गया। इस वर्ष विश्व विरासत दिवस की थीम डिस्कवर एंड एक्सपीरियंस डायवर्सिटी रही। संगोष्ठी में नाट आन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने बताया कि हर साल 18 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व विरासत दिवस का मकसद दुनियाभर में मौजूद विरासत स्थलों के बारे में लोगों को बताना और उनके संरक्षण के प्रति उन्हें जागरूक करना है। वर्ष 1982 में इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। वर्ष 1983 में इसे मनाने की आधिकारिक मान्यता मिली थी। उन्होंने कहा कि चलो चंबा अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जर्मनी से आए स्वयंसेवी थामस लिनस हिगो रिचर्ड ने इस अभियान को शानदार बताया। उन्होंने जिला चंबा की खूबसूरत वादियों सहित यहां की संस्कृति की जमकर तारीफ की। मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा की विरासत के संरक्षण व प्रचार के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। हाल ही में चलो चम्बा अभियान को लेकर शिमला, जलोड़ी, जीवी, कुल्लू-मनाली, लाहुल-स्पिति, मंडी, बीड़-बिलिंग, धर्मशाला में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इनके माध्यम से प्रदेश के लोगों को चंबा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला चंबा का न केवल पर्यटन की दृष्टि से महत्व है। बल्कि, यह जिला अपनी सांस्कृति व धार्मिक विरासत को भी संजोये हुए है। जिला चंबा की संस्कृति, यहां के लोगों का रहन-सहन, खान-पान अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है। चंबा एक ऐतिहासिक शहर है। यहां के मेले व त्योहार भी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम का विषय हमारे इतिहास की समृद्धि पर प्रकाश डालता है। यह हमें विभिन्न समुदायों की अनूठी विरासत का पता लगाने और उसकी सराहना करने की भी याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि चलो चंबा अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने व जिला चंबा की ओर अधिक से अधिक पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां पर पर्यटन बढ़ने से लोगों की आर्थिकी भी सुदृड़ होगी। शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी के दौरान कलाकार व युवाओं ने भाग लेते हुए अपने विचार रखे। इस दौरान चंबा की संस्कृति पर चर्चा हुई। इस दौरान पहाड़ी पेंटिंग के कलाकारों ज्योति नाथ व निशांत राणा ने बताया कि हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध है। इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा। वहीं, आर्ट आफ लिविंग की ओर से रतन चंद व तिलक ने बताया कि वे जनजातीय क्षेत्र भरमौर के रहने वाले हैं।भरमौर सहित समस्त जिला चंबा की संस्कृति के लोग कायल हैं। इसके संरक्षण व बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा। इस मौके पर आर्ट आफ लिविंग की ओर से रतन चंद व तिलक के अलावा विजय, विकास, अनू, तनू, नवू, बंटू, निशांत राणा, ज्योति नाथ, मीनाक्षी ठाकुर तथा अक्षय राणा सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
चम्बा ! चम्बा जिला के चमीनू में स्थित एचटूओ हाउस में विश्व विरासत दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान नाट आन मैप संस्था की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें चलो चम्बा अभियान व जिला की संस्कृति के प्रचार व प्रसार के लिए प्रण लिया गया। इस वर्ष विश्व विरासत दिवस की थीम डिस्कवर एंड एक्सपीरियंस डायवर्सिटी रही। संगोष्ठी में नाट आन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने बताया कि हर साल 18 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व विरासत दिवस का मकसद दुनियाभर में मौजूद विरासत स्थलों के बारे में लोगों को बताना और उनके संरक्षण के प्रति उन्हें जागरूक करना है। वर्ष 1982 में इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। वर्ष 1983 में इसे मनाने की आधिकारिक मान्यता मिली थी।
उन्होंने कहा कि चलो चंबा अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जर्मनी से आए स्वयंसेवी थामस लिनस हिगो रिचर्ड ने इस अभियान को शानदार बताया। उन्होंने जिला चंबा की खूबसूरत वादियों सहित यहां की संस्कृति की जमकर तारीफ की। मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा की विरासत के संरक्षण व प्रचार के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। हाल ही में चलो चम्बा अभियान को लेकर शिमला, जलोड़ी, जीवी, कुल्लू-मनाली, लाहुल-स्पिति, मंडी, बीड़-बिलिंग, धर्मशाला में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इनके माध्यम से प्रदेश के लोगों को चंबा से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
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उन्होंने कहा कि जिला चंबा का न केवल पर्यटन की दृष्टि से महत्व है। बल्कि, यह जिला अपनी सांस्कृति व धार्मिक विरासत को भी संजोये हुए है। जिला चंबा की संस्कृति, यहां के लोगों का रहन-सहन, खान-पान अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है। चंबा एक ऐतिहासिक शहर है। यहां के मेले व त्योहार भी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम का विषय हमारे इतिहास की समृद्धि पर प्रकाश डालता है।
यह हमें विभिन्न समुदायों की अनूठी विरासत का पता लगाने और उसकी सराहना करने की भी याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि चलो चंबा अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने व जिला चंबा की ओर अधिक से अधिक पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां पर पर्यटन बढ़ने से लोगों की आर्थिकी भी सुदृड़ होगी। शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी के दौरान कलाकार व युवाओं ने भाग लेते हुए अपने विचार रखे। इस दौरान चंबा की संस्कृति पर चर्चा हुई।
इस दौरान पहाड़ी पेंटिंग के कलाकारों ज्योति नाथ व निशांत राणा ने बताया कि हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध है। इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा। वहीं, आर्ट आफ लिविंग की ओर से रतन चंद व तिलक ने बताया कि वे जनजातीय क्षेत्र भरमौर के रहने वाले हैं।भरमौर सहित समस्त जिला चंबा की संस्कृति के लोग कायल हैं। इसके संरक्षण व बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा। इस मौके पर आर्ट आफ लिविंग की ओर से रतन चंद व तिलक के अलावा विजय, विकास, अनू, तनू, नवू, बंटू, निशांत राणा, ज्योति नाथ, मीनाक्षी ठाकुर तथा अक्षय राणा सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
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