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चम्बा ! आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सा अधिकारीयों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिस की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा ड़ा राजेश गुलेरी ने की। शिविर में उपस्थित चिकित्सा अधिकारी यों को संबोधित करते हुए डॉ गुलेरी ने कहा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में 7.5 प्रतिशत लोग मानसिक विकार से जुझ रहे हैं तथा 20 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। पूरी दुनिया में हर साल 80 हजार लोग मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि मानसिक बीमारियों के कुछ मुख्य कारण जेसे जागरूकता का आभाव, बीमारी के संकेतों को छुपाना, अंधविश्वास करना है। उन्होंने चिकित्सा अधिकारी यों को जागरूक करते हुए उन्हें बताया कि इन्हीं सभी चुनौतियाँ से होते हुए इन सब मानसिक रोगियों को स्वस्थ्य करना है ताकि लोग समय रहते अपने मानसिक तनाव को साँझा कर सके और समय रहते उन का उपचार किया जा सके। और उन्हें मानसिक रोगों से बचाया जा सके। इस के साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी ड़ा मनोज ठाकुर, डॉ हरित पूरी, डॉ करन भी उपस्थित रहे।
चम्बा ! आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सा अधिकारीयों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिस की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा ड़ा राजेश गुलेरी ने की। शिविर में उपस्थित चिकित्सा अधिकारी यों को संबोधित करते हुए डॉ गुलेरी ने कहा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में 7.5 प्रतिशत लोग मानसिक विकार से जुझ रहे हैं तथा 20 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं।
पूरी दुनिया में हर साल 80 हजार लोग मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि मानसिक बीमारियों के कुछ मुख्य कारण जेसे जागरूकता का आभाव, बीमारी के संकेतों को छुपाना, अंधविश्वास करना है। उन्होंने चिकित्सा अधिकारी यों को जागरूक करते हुए उन्हें बताया कि इन्हीं सभी चुनौतियाँ से होते हुए इन सब मानसिक रोगियों को स्वस्थ्य करना है ताकि लोग समय रहते अपने मानसिक तनाव को साँझा कर सके और समय रहते उन का उपचार किया जा सके। और उन्हें मानसिक रोगों से बचाया जा सके।
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इस के साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी ड़ा मनोज ठाकुर, डॉ हरित पूरी, डॉ करन भी उपस्थित रहे।
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