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चम्बा , 13 मार्च [ शिवानी ] ! चम्बा जिला के विधानसभा क्षेत्र चुराह के ढाँजु गांव का एक मानसिक रूप से बीमार एक व्यक्ति तारीफ़ नरक की जिंदगी बिताने पर मजबूर हो रहा है। करीब 40 साल का यह व्यक्ति 20 साल पहले मानसिक रूप से बीमार हो गया था। सड़क पर पागलों की तरह घूमते हुए लोगों को पत्थर मारने लगा लोगों की गाड़ियों के शीशे भी तोड़ने लगा। गरीब मां बाप ने अपने घर और जमीन बेचकर इसका इलाज करवाने की कोशिश तो की लेकिन इलाज करवाते करवाते उनकी गरीबी आड़े आ गई। इलाज करवाते उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई यहां तक कि उनका मकान और जमीन भी बिक गए लेकिन उनका बेटा ठीक नहीं हुआ। जब गांव में लोगों को इसके द्वारा दिक्कत पैदा होने लगी तो घर वालों मजबूरन इसे बांधकर रखना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने सरकार प्रशासन को पंचायत प्रतिनिधियों से इलाज के लिए गुहार लगाई। यहां तक की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी उन्होंने इसकी गुहार लगाई लेकिन वहां से तो इसका जवाब तो आ गया लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई। मजबूरन अब उसे यहां एक कमरे में बांध के रखना पड़ रहा है जहां पर वह सोता है वहीं पर खाना पीना और सोच भी वहीं पर करता है। जिसकी वजह से वहां पूरी तरह से नरक का जीवन व्यतीत कर रहा है। अब यह गरीब और लाचार मां-बाप आखिर करें तो क्या करें। यहां ढाँजु गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का यह व्यक्ति पिछले 20 सालों से मानसिक रूप से बीमार है और यह सड़क पर आवारा घूमता रहता है जिसकी वजह से लोगों को भी दिक्कत हो रही थी। इन गरीबों ने सरकार प्रशासन से भी गुहार लगाई लेकिन उनकी मदद किसी ने नहीं की। उन्होंने सरकार को प्रशासन से आग्रह किया है कि इन गरीबों की मदद की जाए इस मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति का इलाज किया जाए ताकि यह अपना जीवन ठीक से व्यतीत कर पाए। वही इस पीड़ित के गरीब माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है इसकी वजह से वह काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि इसकी इलाज के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया गरीवी की अवस्था में उन्हें अपना जमीन और घर तक बेचना पड़ा लेकिन उसके बावजूद भी सही इलाज नहीं हो पाया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी इसकी मदद मांगी वहां से तो जवाब तो आया लेकिन प्रशासन द्वारा यहां कोई भी मदद नहीं की गई सिर्फ एसडीएम चुराह द्वारा उन्हें अपनी जेब से ₹500 की मदद की थी। उसके बाद किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा सड़क पर घूमता है तो लोगों को उससे दिक्कत होती है इसलिए उन्हें इसे बाँध कर रखना पड़ता है और यहीं पर वह खाता भी है यहीं पर सोता है और यहीं पर सोच भी करता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उन गरीबों की मदद की जाए और इसका इलाज किया जाए ताकि उन्हें दिक्कत ना हो। वही पंचायत प्रधान ने कहा कि वह जानते हैं कि इनका बच्चा मानसिक रूप से पीड़ित है लेकिन जिस तरह से पंचायत द्वारा इन लोगों की मदद की जा सकती है उसे तरह से निरंतर उनकी मदद की जा रही है। मनरेगा में 100 दिन की दिहाड़ी इनको दे रहे हैं ताकि उनकी कुछ मदद हो सके। उन्होंने कहा कि पंचायत की तरफ से जो भी संभव हो पाएगा उनकी मदद हो रही है बाकी सरकार से इन की बात की जाएगी।
चम्बा , 13 मार्च [ शिवानी ] ! चम्बा जिला के विधानसभा क्षेत्र चुराह के ढाँजु गांव का एक मानसिक रूप से बीमार एक व्यक्ति तारीफ़ नरक की जिंदगी बिताने पर मजबूर हो रहा है। करीब 40 साल का यह व्यक्ति 20 साल पहले मानसिक रूप से बीमार हो गया था। सड़क पर पागलों की तरह घूमते हुए लोगों को पत्थर मारने लगा लोगों की गाड़ियों के शीशे भी तोड़ने लगा।
गरीब मां बाप ने अपने घर और जमीन बेचकर इसका इलाज करवाने की कोशिश तो की लेकिन इलाज करवाते करवाते उनकी गरीबी आड़े आ गई। इलाज करवाते उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई यहां तक कि उनका मकान और जमीन भी बिक गए लेकिन उनका बेटा ठीक नहीं हुआ।
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जब गांव में लोगों को इसके द्वारा दिक्कत पैदा होने लगी तो घर वालों मजबूरन इसे बांधकर रखना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने सरकार प्रशासन को पंचायत प्रतिनिधियों से इलाज के लिए गुहार लगाई। यहां तक की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी उन्होंने इसकी गुहार लगाई लेकिन वहां से तो इसका जवाब तो आ गया लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई।
मजबूरन अब उसे यहां एक कमरे में बांध के रखना पड़ रहा है जहां पर वह सोता है वहीं पर खाना पीना और सोच भी वहीं पर करता है। जिसकी वजह से वहां पूरी तरह से नरक का जीवन व्यतीत कर रहा है। अब यह गरीब और लाचार मां-बाप आखिर करें तो क्या करें। यहां ढाँजु गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का यह व्यक्ति पिछले 20 सालों से मानसिक रूप से बीमार है और यह सड़क पर आवारा घूमता रहता है जिसकी वजह से लोगों को भी दिक्कत हो रही थी। इन गरीबों ने सरकार प्रशासन से भी गुहार लगाई लेकिन उनकी मदद किसी ने नहीं की। उन्होंने सरकार को प्रशासन से आग्रह किया है कि इन गरीबों की मदद की जाए इस मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति का इलाज किया जाए ताकि यह अपना जीवन ठीक से व्यतीत कर पाए।
वही इस पीड़ित के गरीब माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है इसकी वजह से वह काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि इसकी इलाज के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया गरीवी की अवस्था में उन्हें अपना जमीन और घर तक बेचना पड़ा लेकिन उसके बावजूद भी सही इलाज नहीं हो पाया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी इसकी मदद मांगी वहां से तो जवाब तो आया लेकिन प्रशासन द्वारा यहां कोई भी मदद नहीं की गई सिर्फ एसडीएम चुराह द्वारा उन्हें अपनी जेब से ₹500 की मदद की थी। उसके बाद किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।
उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा सड़क पर घूमता है तो लोगों को उससे दिक्कत होती है इसलिए उन्हें इसे बाँध कर रखना पड़ता है और यहीं पर वह खाता भी है यहीं पर सोता है और यहीं पर सोच भी करता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उन गरीबों की मदद की जाए और इसका इलाज किया जाए ताकि उन्हें दिक्कत ना हो।
वही पंचायत प्रधान ने कहा कि वह जानते हैं कि इनका बच्चा मानसिक रूप से पीड़ित है लेकिन जिस तरह से पंचायत द्वारा इन लोगों की मदद की जा सकती है उसे तरह से निरंतर उनकी मदद की जा रही है। मनरेगा में 100 दिन की दिहाड़ी इनको दे रहे हैं ताकि उनकी कुछ मदद हो सके। उन्होंने कहा कि पंचायत की तरफ से जो भी संभव हो पाएगा उनकी मदद हो रही है बाकी सरकार से इन की बात की जाएगी।
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