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चम्बा ! आज जिला एनपीएस कर्मचारी संघ चम्बा की बैठक का आयोजन भूरी सिंह संग्रहालय चम्बा में किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सुनील जारयाल ने की । इस बैठक में विशेष अतिथि के रूप में राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सौरभ वैद उपस्थित रहे । उनके साथ राज्य मुख्य प्रवक्ता श्री अनिरुद्ध गुलेरिया , राज्य अतिरिक्त सचिव अंकुर शर्मा , और राज्य मीडिया प्रभारी पंकज शर्मा जी , राज्य प्रचार सचिव अमित जरयाल जी भी मौजूद रहे । बैठक में ओपीएस बहाली की रणनीति तैयार की गई । मानसून सत्र से पहले ,11जून 2022 को जिला स्तरीय अधिवेशन और रैली के लिए इस विशेष बैठक का आयोजन किया गया था । *पूरे जिला से 5000 कर्मचारी भाग लेंगे जिला स्तरीय अधिवेशन और रैली में पूरे 15 खंडों से* । सरकार कर्मचारियों को खुद धकेल रही है अन्य विकल्पों की और*। जरयाल कांग्रेस सरकार ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस बहाली करके कर्मचारियों का ध्यान खींचा है । ओल्ड पेंशन की बहाली के लिए कुछ तथ्य हिमाचल प्रदेश के वित् विभाग द्वारा आरटीआई के माध्यम से 18 जनवरी 2022 को प्राप्त सूचना के अनुसार 31.12.2021 तक एनएसडीएल कंपनी के पास हिमाचल सरकार और एनपीएस कर्मचारियों का 5821.46 करोड़. रूपया फंसा हुआ है और रख रखाव हेतु उस पर 17,84,82536 रूपये दिए जा चुके हैं। पीएफआरडीए के माध्यम से ली गयी ऑनलाइन आरटीआई के अनुसार 2003 से अब तक 1,06,542 एनपीएस कर्मचारियों का हिस्सा 2702.66 करोड़ रूपये हिमाचल सरकार का हिस्सा 3116.66 करोड़ रूपये और कुल दोनों को मिलाकर 5819.32 करोड़ रूपये एनएसडीएल के माध्यम से लुटाये जा रहे हैं। कुल ब्याज सहित 7442.51 करोड़ इस सिस्टम में फंसे हैं जिनको वापिस लाकर ओपीएस बहाली की जा सकती है। 10 दिसम्बर 2021 को विधानसभा में ओपीएस के मुद्दे पर जवाब देते हुए माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री जयराम ठाकुर जी ने OPS बहाली के लिए एकमुश्त 2000 करोड़ और प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय 500 करोड़ होने की बात कही है। जबकि आरटीआई से ज्ञात राशी को अगर वापिस लाया जाता है तो कर्मचारियों का हिस्सा 2702.66 करोड़ रूपये उन कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में जाएगा और हिमाचल सरकार का हिस्सा 3116.66 करोड़ रूपये सरकारी खजाने में सरकार के पास आएगा। इसके अलावा ब्याज डालकर सरकारी हिस्सा 4739.85 करोड़ बनता है I जिसमे मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बताये गये एकमुश्त 2000 करोड़ की अदायगी के बाद भी 2739 .85 करोड़ बचता है जोकि 500 करोड़ आवर्ती व्यय के हिसाब से अगले 5 वर्षों तक की पेंशन की भी अग्रिम बजट व्यवस्था हो जाती है। इसके अतिरिक्त एनपीएस को बंद करने से सरकार के 14 % अंशदान जोकि वर्ष 2021 में 800 करोड़ बना है ट्रेज़री से प्राप्त डाटा के अनुसार वो भी सरकार का बचेगा जिसको एक ओपीएस का फण्ड बना कर सरकार अपने पास रख सकती है और उस फण्ड से ओपीएस बहाली का मार्ग निकल सकता है ऐसे भी इतना पैसा सरकार वो कंपनी को लुटा रही है जिससे कर्मचारियों और सरकार दोनों का नुक्सान है। इस सब के अतिरिक्त अगर सरकार कमेटी बजट सत्र से पहले बनाती है और उस पर कर्मचारी महासंघ से वार्ता करती है तो अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है।
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