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चम्बा ,29 जनवरी ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ चम्बा ने सरकार से प्रधानाचार्य के पदोन्नति कोटे का अनुपात 95 : 5 प्रतिशत करने की मांग की है।संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्ष 1986 में बनी शिक्षा नीति के तहत वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई थी, जिसमें 60 प्रतिशत मुख्याध्यापक और 40 प्रतिशत प्रवक्ता शामिल थे। उस समय मात्र 236 प्रवक्ता काम कर रहे थे जबकि मुख्याध्यापकों की संख्या 1459 थी। यह तय किया गया था कि प्रवक्ताओं की संख्या में जैसे- जैसे इजाफा होगा, वैसे- वैसे प्रधानाचार्य पदों के लिए कोटे का पुनः निर्धारण संख्या के आधार पर किया जाता रहेगा। लेकिन आज प्रदेश में प्रवक्ताओं की संख्या 18500 हो गई है, जिसके चलते प्रवक्ता अब सरकार से इस कोटे संख्या के आधार पर 95 प्रतिशत की मांग कर रहे हैं।प्रवक्ताओं का तर्क है कि प्रधानाचार्य की पदोन्नति के दो ही फीडिंग काडर हैं इसमें स्कूल प्रवक्ता और उच्च विद्यालयों में कार्यरत मुख्याध्यापक आते हैं। प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए इन दोनों फीडिंग काडर की वास्तविक संख्या के आधार पर पदों का वंटवारा होना चाहिए। वर्तमान में प्रवक्ता 18500 और मुख्याध्यापक मात्र 850 हैं जो कि तर्क संगत नहीं है। इस संदर्भ में 2018 में तत्कालीन सरकार ने पालमपुर में आयोजित प्रवक्ता संघ के राज्य स्तरीय शैक्षणिक सम्मेलन में 10 प्रतिशत पदोन्नति कोटा बढाने की घोषणा की थी पर उस घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया गया जो प्रवक्ताओं के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ था। परन्तु अब प्रवक्ताओं को वर्तमान सरकार से आशा की किरण जागी है कि हमारा कोटा संख्या के आधार पर आवश्य निर्धारित होगा तभी इतने बड़े प्रवक्ता काडर के साथ न्याय होगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ चम्बा से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में जिला अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, राज्य के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश शर्मा, महासचिव राजेश ठाकुर, जिला संचालन समिति के चैयरमैन शौकत अली , वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश वसंत, वित्त सचिव संजीव ठाकुर, मुख्य प्रैस सचिव जगजीत जरयाल, मुख्य संगठन सचिव उधम सिंह जम्वाल, राज्य संचालन समिति के सदस्य सूरज वाली, राजदीन, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजीव ठाकुर, राजकुमार,बालक राम शर्मा, हेम राज, राकेश राणा, जिला सह सचिव प्रताप सिंह नेगी, धीरज ठाकुर, भुवनेश्वर, ओम प्रकाश शर्मा, सुनील मांडला ने प्रदेश सरकार से अविलंब कोटा बढ़ाने की मांग की है।
चम्बा ,29 जनवरी ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ चम्बा ने सरकार से प्रधानाचार्य के पदोन्नति कोटे का अनुपात 95 : 5 प्रतिशत करने की मांग की है।संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्ष 1986 में बनी शिक्षा नीति के तहत वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई थी, जिसमें 60 प्रतिशत मुख्याध्यापक और 40 प्रतिशत प्रवक्ता शामिल थे। उस समय मात्र 236 प्रवक्ता काम कर रहे थे जबकि मुख्याध्यापकों की संख्या 1459 थी। यह तय किया गया था कि प्रवक्ताओं की संख्या में जैसे- जैसे इजाफा होगा, वैसे- वैसे प्रधानाचार्य पदों के लिए कोटे का पुनः निर्धारण संख्या के आधार पर किया जाता रहेगा।
लेकिन आज प्रदेश में प्रवक्ताओं की संख्या 18500 हो गई है, जिसके चलते प्रवक्ता अब सरकार से इस कोटे संख्या के आधार पर 95 प्रतिशत की मांग कर रहे हैं।प्रवक्ताओं का तर्क है कि प्रधानाचार्य की पदोन्नति के दो ही फीडिंग काडर हैं इसमें स्कूल प्रवक्ता और उच्च विद्यालयों में कार्यरत मुख्याध्यापक आते हैं।
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प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए इन दोनों फीडिंग काडर की वास्तविक संख्या के आधार पर पदों का वंटवारा होना चाहिए। वर्तमान में प्रवक्ता 18500 और मुख्याध्यापक मात्र 850 हैं जो कि तर्क संगत नहीं है। इस संदर्भ में 2018 में तत्कालीन सरकार ने पालमपुर में आयोजित प्रवक्ता संघ के राज्य स्तरीय शैक्षणिक सम्मेलन में 10 प्रतिशत पदोन्नति कोटा बढाने की घोषणा की थी पर उस घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया गया जो प्रवक्ताओं के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ था। परन्तु अब प्रवक्ताओं को वर्तमान सरकार से आशा की किरण जागी है कि हमारा कोटा संख्या के आधार पर आवश्य निर्धारित होगा तभी इतने बड़े प्रवक्ता काडर के साथ न्याय होगा।
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ चम्बा से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में जिला अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, राज्य के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश शर्मा, महासचिव राजेश ठाकुर, जिला संचालन समिति के चैयरमैन शौकत अली , वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश वसंत, वित्त सचिव संजीव ठाकुर, मुख्य प्रैस सचिव जगजीत जरयाल, मुख्य संगठन सचिव उधम सिंह जम्वाल, राज्य संचालन समिति के सदस्य सूरज वाली, राजदीन, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजीव ठाकुर, राजकुमार,बालक राम शर्मा, हेम राज, राकेश राणा, जिला सह सचिव प्रताप सिंह नेगी, धीरज ठाकुर, भुवनेश्वर, ओम प्रकाश शर्मा, सुनील मांडला ने प्रदेश सरकार से अविलंब कोटा बढ़ाने की मांग की है।
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