- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! देश का भविष्य कहलाए जाने वाले आज के ननीहाल बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर ऊंची पहाड़ियों की खाक छानने को मजबूर है। जी हां यह सत्य उस सच्चाई को उजागर कर रहा है,जिसमे पंचायत व गांव गान के ननीहाल बच्चे कैसे टेढ़ी मेढ़ी बिखड़ी पहाड़ी पर इस मोबाइल सिगनल को ढूंढ़ कर पढ़ाई करते हुए उस जगह पहुंचते है जंहा थोड़ा बहुत मोबाईल का सिग्नल हो और वंही पर यह छोटे छोटे बच्चे इकट्ठे होकर अपनी ऑन लाइन पढाई को शुरु कर देते है। दिखाई देने वाली पहाड़ की यह ऊंची चोटी पंचायत गान के दायरे में आती है और इस पंचायत के लोगों के साथ इन बच्चो को मुसीबत है तो इस बात की यंहा पर किसी भी मोबाईल कम्पनी का कोई टावर आसपास नहीं है। जिस कारण इस गान गांव में बड़े लोगों के साथ इन स्कुल बच्चों को अपने गांव से दूर वंहा तक जाना पड़ता है जंहा पर किसी मोबाईल का सिगनल हो। गांव बच्चे रोजाना एक झुण्ड बनाकर उस पहाड़ी तक जाते है जंहा पर मोबाईल सिग्नल होता है और वंही पर बैठकर अपनी ऑन लाइन पढ़ाई को शुरू कर देते है। यह बच्चे प्रदेश सरकार से अपने गांव में किसी भी कम्पनी का मोबाईल टावर लगाने की मांग कर रहे है ताकि वह अपनी पढाई को ठीक से कर सके। गान पंचायत के उपप्रधान काका ठाकुर ने भी प्रदेश सरकार से अपने गांव में टावर लगाने की मांग करते हुए कहा कि इस गांव के बच्चे अपनी ऑन लाइन पढाई को ठीक से नहीं कर सकते है और एग्जाम के दिनों में तो आधे से ज्यादा बच्चे पेपर तक नहीं दे सकते है। उप प्रधान का यह भी कहना है कि आज कल वैसे भी सरे काम ऑन लाइन हो चुके है और मोबाईल का सिगनल नहीं होने पर पंचायत के काम को कर पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। इनका कहना है की इस बारे वह डीसी चम्बा से मिले थे पर उन्होंने भी हमे झूठा आश्वासन ही दिया। उन्होंने प्रशासन पर मतभेद करने का आरोप लगते हुए कहा कि हमारी पंचायत को छोड़कर अन्य दुरी जगह मोबाईल टावर के काम चल पड़े है इसलिए हमारी इस पंचायत में टावर का काम जल्द से जल्द होना चाहिए।
चम्बा ! देश का भविष्य कहलाए जाने वाले आज के ननीहाल बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर ऊंची पहाड़ियों की खाक छानने को मजबूर है। जी हां यह सत्य उस सच्चाई को उजागर कर रहा है,जिसमे पंचायत व गांव गान के ननीहाल बच्चे कैसे टेढ़ी मेढ़ी बिखड़ी पहाड़ी पर इस मोबाइल सिगनल को ढूंढ़ कर पढ़ाई करते हुए उस जगह पहुंचते है जंहा थोड़ा बहुत मोबाईल का सिग्नल हो और वंही पर यह छोटे छोटे बच्चे इकट्ठे होकर अपनी ऑन लाइन पढाई को शुरु कर देते है।
दिखाई देने वाली पहाड़ की यह ऊंची चोटी पंचायत गान के दायरे में आती है और इस पंचायत के लोगों के साथ इन बच्चो को मुसीबत है तो इस बात की यंहा पर किसी भी मोबाईल कम्पनी का कोई टावर आसपास नहीं है। जिस कारण इस गान गांव में बड़े लोगों के साथ इन स्कुल बच्चों को अपने गांव से दूर वंहा तक जाना पड़ता है जंहा पर किसी मोबाईल का सिगनल हो। गांव बच्चे रोजाना एक झुण्ड बनाकर उस पहाड़ी तक जाते है जंहा पर मोबाईल सिग्नल होता है और वंही पर बैठकर अपनी ऑन लाइन पढ़ाई को शुरू कर देते है। यह बच्चे प्रदेश सरकार से अपने गांव में किसी भी कम्पनी का मोबाईल टावर लगाने की मांग कर रहे है ताकि वह अपनी पढाई को ठीक से कर सके।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
गान पंचायत के उपप्रधान काका ठाकुर ने भी प्रदेश सरकार से अपने गांव में टावर लगाने की मांग करते हुए कहा कि इस गांव के बच्चे अपनी ऑन लाइन पढाई को ठीक से नहीं कर सकते है और एग्जाम के दिनों में तो आधे से ज्यादा बच्चे पेपर तक नहीं दे सकते है। उप प्रधान का यह भी कहना है कि आज कल वैसे भी सरे काम ऑन लाइन हो चुके है और मोबाईल का सिगनल नहीं होने पर पंचायत के काम को कर पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। इनका कहना है की इस बारे वह डीसी चम्बा से मिले थे पर उन्होंने भी हमे झूठा आश्वासन ही दिया। उन्होंने प्रशासन पर मतभेद करने का आरोप लगते हुए कहा कि हमारी पंचायत को छोड़कर अन्य दुरी जगह मोबाईल टावर के काम चल पड़े है इसलिए हमारी इस पंचायत में टावर का काम जल्द से जल्द होना चाहिए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -