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चम्बा ! जिला के किसानों व बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि विविधता कार्यक्रम के तहत नकदी फसलों की और लोगों का रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि,उद्यान,पशुपालन, ग्रामीण विकास व वन विभाग की संयुक्त कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उपायुक्त चम्बा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के निदेशक डॉ संजय कुमार से बैठक में कार्य योजना की समीक्षा करने के उपरांत बताया कि फरवरी माह में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आईएचबीटी) के हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर से फरवरी माह में साइन किए गए एमओयू के अंतर्गत आकांक्षी जिला चम्बा के भाटियात उपमंडल के चिन्हित कलस्टर में 300 किलोग्राम जंगली गेंदा के फूल के बीज उपलब्ध कराए गए हैं जिसके तहत 45 से 50 हेक्टेयर तक पैदावार की जा रही है । उन्होंने बताया कि लेवेंडर व जर्मन कैमोमाइल पुष्प के उत्पादन के लिए भरमौर, तीसा व सलूणी क्षेत्र के किसानों को महक योजना के तहत चिन्हित कर इसकी पैदावार को बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण भी शुरू किया जा रहा है जिसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं । उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र पांगी उपमंडल की जलवायु हींग के उत्पादन के लिए उपयुक्त पाई गई है, आवासीय आयुक्त पांगी को निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि पांगी उपमंडल में उपयुक्त स्थल चिन्हित कर किसानों को इसकी पैदावार के लिए संबंधित विभाग द्वारा लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जाए । उन्होंने बताया कि भरमौर उपमंडल में पूलन, घरेड व सूपा गांव में केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है । उपायुक्त ने विभिन्न पुष्प सोसायटी व स्वैच्छिक संस्थाओं से भी आग्रह किया है पुष्प उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन व्यवसाय को भी बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आए ,अधिक जानकारी के लिए लोग संबंधित विभागों से संपर्क साध कर योजनाओं का लाभ उठाएं । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में कृषि उपनिदेशक डॉ कुलदीप धीमान, उपनिदेशक पशुपालन डॉ राजेश सिंह, डीएफओ चम्बा अमित, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान अलक्ष पठानिया भी मौजूद रहे ।
चम्बा ! जिला के किसानों व बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि विविधता कार्यक्रम के तहत नकदी फसलों की और लोगों का रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि,उद्यान,पशुपालन, ग्रामीण विकास व वन विभाग की संयुक्त कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए
उपायुक्त चम्बा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के निदेशक डॉ संजय कुमार से बैठक में कार्य योजना की समीक्षा करने के उपरांत बताया कि फरवरी माह में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आईएचबीटी) के हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर से फरवरी माह में साइन किए गए एमओयू के अंतर्गत आकांक्षी जिला चम्बा के भाटियात उपमंडल के चिन्हित कलस्टर में 300 किलोग्राम जंगली गेंदा के फूल के बीज उपलब्ध कराए गए हैं जिसके तहत 45 से 50 हेक्टेयर तक पैदावार की जा रही है ।
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उन्होंने बताया कि लेवेंडर व जर्मन कैमोमाइल पुष्प के उत्पादन के लिए भरमौर, तीसा व सलूणी क्षेत्र के किसानों को महक योजना के तहत चिन्हित कर इसकी पैदावार को बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण भी शुरू किया जा रहा है जिसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं ।
उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र पांगी उपमंडल की जलवायु हींग के उत्पादन के लिए उपयुक्त पाई गई है, आवासीय आयुक्त पांगी को निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि पांगी उपमंडल में उपयुक्त स्थल चिन्हित कर किसानों को इसकी पैदावार के लिए संबंधित विभाग द्वारा लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जाए । उन्होंने बताया कि भरमौर उपमंडल में पूलन, घरेड व सूपा गांव में केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
उपायुक्त ने विभिन्न पुष्प सोसायटी व स्वैच्छिक संस्थाओं से भी आग्रह किया है पुष्प उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन व्यवसाय को भी बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आए ,अधिक जानकारी के लिए लोग संबंधित विभागों से संपर्क साध कर योजनाओं का लाभ उठाएं । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में कृषि उपनिदेशक डॉ कुलदीप धीमान, उपनिदेशक पशुपालन डॉ राजेश सिंह, डीएफओ चम्बा अमित, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान अलक्ष पठानिया भी मौजूद रहे ।
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