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चम्बा ! जिला कमेटी ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश किए बजट को निराशाजनक बताया है। सरकार का लह बजट नहीं दर्शाता कि कैसे महंगाई कम होगी, रोजगार सृजन कैसे होगा। सीटू जिला महासचिव सुदेश कुमारी ने बताया कि बजट में वेतन या न्यूनतम वेतन का जिक्र नहीं है। मनरेगा का जिक्र नहीं किया है। देश में महिलाओं और बच्चों की योजना आईसीडीएस में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिडडे मील वर्कर, आशा वर्कर जैसे कई हाशिए पर कार्य कर रहे लोगों के लिए बजट में कोई वेतन वृद्धि या कोई और वित्तीय सहायता का कोई जिक्र नहीं किया गया है। सरकार ने एलआईसी जैसे उपक्रम जो सरकार को फायदा देते है उसे भी 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिया है। इसके अतिरक्त सभी सरकारी उपक्रमों को सरकार को मुनाफा देते हैं सबको निजी क्षेत्रों को सौपने की बात की है। यह बजट नहीं सेल ही लगता है। सरकार ने सब कुछ पूंजीपतियों के मुनाफे का ही प्रबंध किया है। किसानों को दी जाने वाली किसान सम्मान निधि का भी बजट कम कर दिया है।
चम्बा ! जिला कमेटी ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश किए बजट को निराशाजनक बताया है। सरकार का लह बजट नहीं दर्शाता कि कैसे महंगाई कम होगी, रोजगार सृजन कैसे होगा। सीटू जिला महासचिव सुदेश कुमारी ने बताया कि बजट में वेतन या न्यूनतम वेतन का जिक्र नहीं है। मनरेगा का जिक्र नहीं किया है।
देश में महिलाओं और बच्चों की योजना आईसीडीएस में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिडडे मील वर्कर, आशा वर्कर जैसे कई हाशिए पर कार्य कर रहे लोगों के लिए बजट में कोई वेतन वृद्धि या कोई और वित्तीय सहायता का कोई जिक्र नहीं किया गया है। सरकार ने एलआईसी जैसे उपक्रम जो सरकार को फायदा देते है उसे भी 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिया है।
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इसके अतिरक्त सभी सरकारी उपक्रमों को सरकार को मुनाफा देते हैं सबको निजी क्षेत्रों को सौपने की बात की है। यह बजट नहीं सेल ही लगता है। सरकार ने सब कुछ पूंजीपतियों के मुनाफे का ही प्रबंध किया है। किसानों को दी जाने वाली किसान सम्मान निधि का भी बजट कम कर दिया है।
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