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चम्बा ! जागोरी संस्था चम्बा के द्वारा विकास खंड सलूणी के गाँव झंडूर में ओ. बी. आर.कंपेन के तहत ग़ुज्जर समुदाय की 44 महिलाओ के साथ बैठक का आयोजन समन्वयक उमा कुमारी अध्यक्षता में किया। बैठक की शुरुआत गीत तोड़ तोड़ के बंधनों को देखो बहने आती है के साथ की गई । बैठक में महिलाओ की आजादी के बारे में चर्चा परिचर्चा की गई इसमें बहुत सी महिलाओं ने बताया कि हमें आज भी घर के बाहर निकलने का मौका नहीँ मिलता। घर के हर काम के निर्णय पुरुष ही लेते । हमारे मर्द हमें कही भी अकेले भेजना पसंद नहीँ करते। हम आज घर के दायरे तक सिमित हैं । 12 महिलाओ ने कहा कि पिछले तीन वर्षो से जागोरी के साथ जुडी हैं जिसकी बजह से हमारे अंदर काफ़ी बदलाव आया हैं । इसके लिए हमें अपने समुदाय की चुनोतियाँ का सामना भी करना पड़ा । बैठक में चार्ट दिये जिसमे उन्हें आजादी के बारे में लिखने को दिया ।साथ में गेम भी करवाई गई । जिसमे महिलाओं ने खूब मनोरजन किया । बैठक में जागोरी टीम से रजनी, रुकसाना भी उपस्थित रही ।
चम्बा ! जागोरी संस्था चम्बा के द्वारा विकास खंड सलूणी के गाँव झंडूर में ओ. बी. आर.कंपेन के तहत ग़ुज्जर समुदाय की 44 महिलाओ के साथ बैठक का आयोजन समन्वयक उमा कुमारी अध्यक्षता में किया। बैठक की शुरुआत गीत तोड़ तोड़ के बंधनों को देखो बहने आती है के साथ की गई ।
बैठक में महिलाओ की आजादी के बारे में चर्चा परिचर्चा की गई इसमें बहुत सी महिलाओं ने बताया कि हमें आज भी घर के बाहर निकलने का मौका नहीँ मिलता। घर के हर काम के निर्णय पुरुष ही लेते । हमारे मर्द हमें कही भी अकेले भेजना पसंद नहीँ करते। हम आज घर के दायरे तक सिमित हैं ।
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12 महिलाओ ने कहा कि पिछले तीन वर्षो से जागोरी के साथ जुडी हैं जिसकी बजह से हमारे अंदर काफ़ी बदलाव आया हैं । इसके लिए हमें अपने समुदाय की चुनोतियाँ का सामना भी करना पड़ा । बैठक में चार्ट दिये जिसमे उन्हें आजादी के बारे में लिखने को दिया ।साथ में गेम भी करवाई गई । जिसमे महिलाओं ने खूब मनोरजन किया । बैठक में जागोरी टीम से रजनी, रुकसाना भी उपस्थित रही ।
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