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चम्बा ! अभी कोरोना का जबरदस्त दौर चला हुआ है ऐसे में बच्चों के माता पिता किसी भी सूरत में न तो खुद और न ही अपने बच्चों को बाहर निकलने दे रहे है। ऐसे में एक 12, वर्षीय लड़का जोकि आठवीं कक्षा का विद्यार्थी भी है वह इस कोरोना काल के दौरान अपनी पढ़ाई ऑन लाइन करने के बाद सीधे अपने पिता के साथ अकेले ही क्रिकेट का अभ्यास करने में जुट जाता है। इस 12, वर्षीय छात्र अभिलाष का कहना है कि ऐसा करना उसे बहुत अच्छा लगता है। पूछने पर इस छोटे से बालक ने बताया कि ऐसा करने से एक तो मानसिक शांति मिलती है और दूसरा, वह किसी दूसरी बुरी संगत से बच जाता है। गांव कियाणी के इस मैदान में नेट लगाकर प्रेक्टिस कर रहा यह वही आठमी कक्षा का छात्र अंश है जोकि ऑन लाइन पढ़ाई करने के उपरांत सीधे अपने पिता के साथ इस ग्राउंड में पहुंच जाता है और करीब एक घंटा एक्सरसाइज करने के बाद क्रिकेट बेट और बोल के साथ खूब पसीना बहता है। अपनी छोटी सी उम्र की इस देहलीज पर खड़े इस 12 साल के अंश के सपने बहुत ऊँचे है। उसका कहना है कि ज्यादा तर अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहता हूं और बचे हुए समय में मैं अपने पापा के साथ क्रिकेट ग्राउंड में आकर एक्सरसाइज के साथ क्रिकेट की प्रेक्टिस करता हूं ताकि मैं किसी गलत संगत और नशे में न चला जाऊ। पूछने पर अंश ने बताया कि क्रिकेट उसको उसके पिता ही सिखाते है। वह अपने सहपाठियो और दोस्तों को भी अपने खाली समय में कोई न कोई काम करने की बात को कहता है ताकि कोई इस बेकार समय में नशे का गुलाम न बन जाए। उसने बताया कि वह पढ़ने के साथ साथ बड़ा होकर एक अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी भी बनना चाहता है ताकि वह अपने जिले के साथ प्रदेश और राष्ट्र का नाम रोशन कर सकें।
चम्बा ! अभी कोरोना का जबरदस्त दौर चला हुआ है ऐसे में बच्चों के माता पिता किसी भी सूरत में न तो खुद और न ही अपने बच्चों को बाहर निकलने दे रहे है। ऐसे में एक 12, वर्षीय लड़का जोकि आठवीं कक्षा का विद्यार्थी भी है वह इस कोरोना काल के दौरान अपनी पढ़ाई ऑन लाइन करने के बाद सीधे अपने पिता के साथ अकेले ही क्रिकेट का अभ्यास करने में जुट जाता है। इस 12, वर्षीय छात्र अभिलाष का कहना है कि ऐसा करना उसे बहुत अच्छा लगता है। पूछने पर इस छोटे से बालक ने बताया कि ऐसा करने से एक तो मानसिक शांति मिलती है और दूसरा, वह किसी दूसरी बुरी संगत से बच जाता है।
गांव कियाणी के इस मैदान में नेट लगाकर प्रेक्टिस कर रहा यह वही आठमी कक्षा का छात्र अंश है जोकि ऑन लाइन पढ़ाई करने के उपरांत सीधे अपने पिता के साथ इस ग्राउंड में पहुंच जाता है और करीब एक घंटा एक्सरसाइज करने के बाद क्रिकेट बेट और बोल के साथ खूब पसीना बहता है। अपनी छोटी सी उम्र की इस देहलीज पर खड़े इस 12 साल के अंश के सपने बहुत ऊँचे है।
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उसका कहना है कि ज्यादा तर अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहता हूं और बचे हुए समय में मैं अपने पापा के साथ क्रिकेट ग्राउंड में आकर एक्सरसाइज के साथ क्रिकेट की प्रेक्टिस करता हूं ताकि मैं किसी गलत संगत और नशे में न चला जाऊ। पूछने पर अंश ने बताया कि क्रिकेट उसको उसके पिता ही सिखाते है।
वह अपने सहपाठियो और दोस्तों को भी अपने खाली समय में कोई न कोई काम करने की बात को कहता है ताकि कोई इस बेकार समय में नशे का गुलाम न बन जाए। उसने बताया कि वह पढ़ने के साथ साथ बड़ा होकर एक अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी भी बनना चाहता है ताकि वह अपने जिले के साथ प्रदेश और राष्ट्र का नाम रोशन कर सकें।
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