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चम्बा 15 मार्च [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है। यहां के त्यौहार व मेले अपने में हिमाचल की एक अलग ही छवि को दर्शाते हैं। शुभ माने जाने वाले चैत्र माह का नाम लोगों को सुनाने के लिए जम्मू राज्य के बणी इलाके से हर साल लोग चम्बा जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। ढोलरू नाम से प्रसिद्ध यह लोग इन दिनों भी चम्बा में डेरा डाले हुए हैं। अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाते हुए यह विशेष जाति से संबंधित लोग अपने मुंह से गीत गाकर लोगों को चैत्र माह का नाम सुनाते हैं। आखिर क्यों लोग एक विशेष वर्ग के लोगों के मुख से चैत्र माह का नाम सुनते है इसके पीछे भी अनेको कहानियां सुनने को मिलती है। जानकार पंडितों का मनना है की इसी माह में भगवान ब्रह्मा में सृष्टि की रचना की थी इसी माह भगवान ने मानव जाती की रचना की थी। उनकी माने तो यह एक विशेष वर्ग के लोग भगवान शंकर की शरण में जा कर शंकर भगवान के गुणगान गाने लगे। उनकी भगती से प्रश्न हो कर भगवान ने उन्हें मंगल मुखी होने का वरदान दिया। भगवान ने कहा की पृथ्वी लोक में जो कोई मानव आपके मुख से चैत्र माह का गुणगान सुनेगा उसका सारा साल शुभ बीतेगा और आज भी इस विशेष वर्ग के लोग घर घर में जा चैत्र माह का नाम सुनाते हैं। गीत सुनने की एवज में जहां लोग इन ढोलरूओं को कपड़े देते हैं वहीं अनाज, मिठाईयां व पैसे भी देते हैं। इस माह के दौरान घर-घर इनकी टोलियां देखी जा सकती हैं तथा ढोलकी की धुनों पर गीत गाकर यह लोगों का मनोरंजन करते हैं। जम्मू राज्य के बणी इलाके से चम्बा पहुंचे ढोलरूओं के अनुसार साल भर उन्हें इस महीने का इंतजार रहता है तथा वे इस माह चम्बा आकर लोगों को चैत्र माह का नाम सुनाते हैं ताकि उनके जीवन में सुख शांति रहे। उनके अनुसार वे अपने पूर्वजों की परम्परा को निभा रहे हैं तथा गीत गाने की एवज में लोग उन्हें कपड़े, अनाज, मिठाईयां तथा पैसे इत्यादि देते हैं जिससे वह साल भर अपना गुजारा करते हैं। वही जानकार पंडितों की माने तो हर साल जम्मू कश्मीर के बणी क्षेत्र से एक विशेष वर्ग के लोग चम्बा मुख्यालय आते हैं और यहां पर लोगों को चैत्र महीने का नाम सुनते हैं उनके मुताबिक इस महीने भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और उनके पूर्वजों द्वारा भगवान शंकर के गुणगान से भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर इन्हें मंगल मुखी का वरदान दिया था और हर साल यह लोग चैत्र महीने का गुणगान लोगों को सुनते हैं जिससे सारा साल लोगों के घर में सुख समृद्धि रहती है। उसके बदले लोग उन्हें कपड़े मिठाई अनाज देते हैं जिससे उनका सारा साल जीवन यापन होता है।
चम्बा 15 मार्च [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है। यहां के त्यौहार व मेले अपने में हिमाचल की एक अलग ही छवि को दर्शाते हैं। शुभ माने जाने वाले चैत्र माह का नाम लोगों को सुनाने के लिए जम्मू राज्य के बणी इलाके से हर साल लोग चम्बा जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। ढोलरू नाम से प्रसिद्ध यह लोग इन दिनों भी चम्बा में डेरा डाले हुए हैं। अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाते हुए यह विशेष जाति से संबंधित लोग अपने मुंह से गीत गाकर लोगों को चैत्र माह का नाम सुनाते हैं।
आखिर क्यों लोग एक विशेष वर्ग के लोगों के मुख से चैत्र माह का नाम सुनते है इसके पीछे भी अनेको कहानियां सुनने को मिलती है। जानकार पंडितों का मनना है की इसी माह में भगवान ब्रह्मा में सृष्टि की रचना की थी इसी माह भगवान ने मानव जाती की रचना की थी। उनकी माने तो यह एक विशेष वर्ग के लोग भगवान शंकर की शरण में जा कर शंकर भगवान के गुणगान गाने लगे। उनकी भगती से प्रश्न हो कर भगवान ने उन्हें मंगल मुखी होने का वरदान दिया।
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भगवान ने कहा की पृथ्वी लोक में जो कोई मानव आपके मुख से चैत्र माह का गुणगान सुनेगा उसका सारा साल शुभ बीतेगा और आज भी इस विशेष वर्ग के लोग घर घर में जा चैत्र माह का नाम सुनाते हैं। गीत सुनने की एवज में जहां लोग इन ढोलरूओं को कपड़े देते हैं वहीं अनाज, मिठाईयां व पैसे भी देते हैं।
इस माह के दौरान घर-घर इनकी टोलियां देखी जा सकती हैं तथा ढोलकी की धुनों पर गीत गाकर यह लोगों का मनोरंजन करते हैं।
जम्मू राज्य के बणी इलाके से चम्बा पहुंचे ढोलरूओं के अनुसार साल भर उन्हें इस महीने का इंतजार रहता है तथा वे इस माह चम्बा आकर लोगों को चैत्र माह का नाम सुनाते हैं ताकि उनके जीवन में सुख शांति रहे। उनके अनुसार वे अपने पूर्वजों की परम्परा को निभा रहे हैं तथा गीत गाने की एवज में लोग उन्हें कपड़े, अनाज, मिठाईयां तथा पैसे इत्यादि देते हैं जिससे वह साल भर अपना गुजारा करते हैं।
वही जानकार पंडितों की माने तो हर साल जम्मू कश्मीर के बणी क्षेत्र से एक विशेष वर्ग के लोग चम्बा मुख्यालय आते हैं और यहां पर लोगों को चैत्र महीने का नाम सुनते हैं उनके मुताबिक इस महीने भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और उनके पूर्वजों द्वारा भगवान शंकर के गुणगान से भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर इन्हें मंगल मुखी का वरदान दिया था और हर साल यह लोग चैत्र महीने का गुणगान लोगों को सुनते हैं जिससे सारा साल लोगों के घर में सुख समृद्धि रहती है। उसके बदले लोग उन्हें कपड़े मिठाई अनाज देते हैं जिससे उनका सारा साल जीवन यापन होता है।
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