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चम्बा ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते बालू पुल के पास ना तो विश्राम स्थल है और ना ही शौचालय है जिसकी वजह से यहां अक्सर बस का इंतजार कर रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । दरअसल बालू बाजार में एक पुराना पुल है जहां पर रेन शेल्टर तो बनाया गया है लेकिन अब जब बालू में नया पुल बना है और उस पुल के पास ही बसें खड़ी होती हैं तो वहां पर भी एक रेन शैल्टर का होना बहुत ही जरूरी है साथ ही जो सैकड़ों लोग यहां पर रोजाना बसों से उतरते और चढ़ते हैं उनके लिए भी यहां शौचालय का होना भी जरूरी है। शौचालय के बिना यहां पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं को यहां बिना शौचालय के काफी परेशानी होती है। आजकल गर्मी बढ़ रही हैं और बस का इंतजार करने के लिए लोगों को धूप में ही खड़ा होना पड़ता है। कुछ लोग पेड़ की छांव में ही बस का इंतजार करते हैं। कई बार लोगों ने विभाग से यहां पर एक रेन शेल्टर और शौचालय बनाने का आग्रह किया लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का कोई भी समाधान नहीं हो पाया है। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि बालू में जब से नया पुल बना है तब से यहां पर विश्राम स्थल नहीं बनाया गया है उन्होंने कहा कि यहां रोजाना सैकड़ों लोग बसों पर उतरते और चढ़ते हैं। इस स्थान से पठानकोट,तीसा, साहू और अन्य क्षेत्रों में बसे आती जाती हैं लोग यहीं से उतरते चढ़ते हैं। लेकिन यहां पर विश्राम स्थल ना होने की वजह से धूप में उन्हें काफी दिक्कत होती है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि जल्द से यहां पर एक रेन शेल्टर बनाया जाए जिससे लोगों को लाभ मिले।
चम्बा ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते बालू पुल के पास ना तो विश्राम स्थल है और ना ही शौचालय है जिसकी वजह से यहां अक्सर बस का इंतजार कर रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । दरअसल बालू बाजार में एक पुराना पुल है जहां पर रेन शेल्टर तो बनाया गया है लेकिन अब जब बालू में नया पुल बना है और उस पुल के पास ही बसें खड़ी होती हैं तो वहां पर भी एक रेन शैल्टर का होना बहुत ही जरूरी है साथ ही जो सैकड़ों लोग यहां पर रोजाना बसों से उतरते और चढ़ते हैं उनके लिए भी यहां शौचालय का होना भी जरूरी है।
शौचालय के बिना यहां पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं को यहां बिना शौचालय के काफी परेशानी होती है। आजकल गर्मी बढ़ रही हैं और बस का इंतजार करने के लिए लोगों को धूप में ही खड़ा होना पड़ता है। कुछ लोग पेड़ की छांव में ही बस का इंतजार करते हैं। कई बार लोगों ने विभाग से यहां पर एक रेन शेल्टर और शौचालय बनाने का आग्रह किया लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का कोई भी समाधान नहीं हो पाया है।
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यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि बालू में जब से नया पुल बना है तब से यहां पर विश्राम स्थल नहीं बनाया गया है उन्होंने कहा कि यहां रोजाना सैकड़ों लोग बसों पर उतरते और चढ़ते हैं। इस स्थान से पठानकोट,तीसा, साहू और अन्य क्षेत्रों में बसे आती जाती हैं लोग यहीं से उतरते चढ़ते हैं। लेकिन यहां पर विश्राम स्थल ना होने की वजह से धूप में उन्हें काफी दिक्कत होती है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि जल्द से यहां पर एक रेन शेल्टर बनाया जाए जिससे लोगों को लाभ मिले।
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