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चम्बा ! चम्बा जिला में हल्की बारिश की वजह से तापमान में एक बार फिर से गिरावट आ चुकी है । पिछले कल और देर रात हुई बारिश की वजह से किसानों और बागवानों के चेहरे में हल्की मुस्कुराहट देखने को मिली है। पिछले कई अरसे से किसान और बागवान बारिश का इंतजार कर रहे थे लेकिन बारिश ना होने की वजह से उनकी फसलों को नुक्सान हो रहा है । कुछ दिन पहले हल्की बूंदाबांदी हुई थी लेकिन उससे खेतों में पर्याप्त नमी देखने को नहीं मिली । पिछले कल और देर रात हुई बारिश की वजह से खेतों में हल्की नमी तो देखने को मिल रही है हालांकि इस फसल के लिए यह बारिश पर्याप्त नहीं है लेकिन कुछ हद तक इस बारिश से खेतों को कुछ राहत मिली है। पिछले सीजन में भी बारिश ना होने की वजह से गेहूं की फसल को नुक्सान हुआ था साथ ही बर्फबारी भी बहुत कम हुई थी। वैसे ही इस साल भी देखने को मिला। पहाड़ों पर बर्फबारी तो हुई लेकिन सेब के पौधों के लिए जो चिल्ड समय चाहिए वह उनको नहीं मिल पाया है। बारिश ना होने की वजह से गेहूं की पैदावार में भी कमी देखने को मिल सकती है। अगर इस बार भी किसानों की फसल अच्छी नहीं हुई तो उन्हें सरकार की मदद का इंतजार रहेगा। वही किसानों और बागवानो ने बताया कि इस साल बारिश और बर्फबारी बहुत कम हुई है जिससे उनकी फसलों और बगीचों को काफी नुक्सान हुआ है । उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल को जो बारिश चाहिए थी वह पर्याप्त नहीं हो पाई है। कई क्षेत्र में बारिश हुई है लेकिन बहुत से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है जिसकी वजह से उन क्षेत्रों में फसल को नुक्सान होगा। किसानों ने सरकार से उम्मीद है कि अगर उन्हें फसल में नुकसान होता है तो सरकार उनकी कुछ मदद करें जिससे वह अपने बाल बच्चों का पालन पोषण हो सके।
चम्बा ! चम्बा जिला में हल्की बारिश की वजह से तापमान में एक बार फिर से गिरावट आ चुकी है । पिछले कल और देर रात हुई बारिश की वजह से किसानों और बागवानों के चेहरे में हल्की मुस्कुराहट देखने को मिली है। पिछले कई अरसे से किसान और बागवान बारिश का इंतजार कर रहे थे लेकिन बारिश ना होने की वजह से उनकी फसलों को नुक्सान हो रहा है । कुछ दिन पहले हल्की बूंदाबांदी हुई थी लेकिन उससे खेतों में पर्याप्त नमी देखने को नहीं मिली । पिछले कल और देर रात हुई बारिश की वजह से खेतों में हल्की नमी तो देखने को मिल रही है हालांकि इस फसल के लिए यह बारिश पर्याप्त नहीं है लेकिन कुछ हद तक इस बारिश से खेतों को कुछ राहत मिली है।
पिछले सीजन में भी बारिश ना होने की वजह से गेहूं की फसल को नुक्सान हुआ था साथ ही बर्फबारी भी बहुत कम हुई थी। वैसे ही इस साल भी देखने को मिला। पहाड़ों पर बर्फबारी तो हुई लेकिन सेब के पौधों के लिए जो चिल्ड समय चाहिए वह उनको नहीं मिल पाया है। बारिश ना होने की वजह से गेहूं की पैदावार में भी कमी देखने को मिल सकती है। अगर इस बार भी किसानों की फसल अच्छी नहीं हुई तो उन्हें सरकार की मदद का इंतजार रहेगा।
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वही किसानों और बागवानो ने बताया कि इस साल बारिश और बर्फबारी बहुत कम हुई है जिससे उनकी फसलों और बगीचों को काफी नुक्सान हुआ है । उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल को जो बारिश चाहिए थी वह पर्याप्त नहीं हो पाई है। कई क्षेत्र में बारिश हुई है लेकिन बहुत से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है जिसकी वजह से उन क्षेत्रों में फसल को नुक्सान होगा। किसानों ने सरकार से उम्मीद है कि अगर उन्हें फसल में नुकसान होता है तो सरकार उनकी कुछ मदद करें जिससे वह अपने बाल बच्चों का पालन पोषण हो सके।
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