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चम्बा ! ग्राम पंचायतों का ग्रामीण विकास में बहुत बड़ा योगदान रहता है। ऐसे में पंचायत प्रधान ग्रामीण विकास के अलावा अपनी पंचायत में स्वरोजगार के विकल्पों को लेकर युवाओं को जागरूक करने की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाएं। अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने यह बात आज डीआरडीए सभागार में भटियात विकासखंड के नवनिर्वाचित पंचायत प्रधानों के लिए आयोजित छह दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने पंचायत प्रधानों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी पंचायतों को कचरा मुक्त पंचायत बनाने को लेकर भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था तैयार करें ताकि ग्रामीण परिवेश का वातावरण साफ- सुथरा रहे और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय पंचायत को प्रथम प्रतिक्रिया कर्ता के तौर पर अपने आप को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है ताकि आपदा की सूरत में बाहर से आने वाली मदद पहुंचने से पहले पंचायत अपने स्तर पर भी राहत और बचाव कार्य कर पाए। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी में कृषि, बागवानी, पशुपालन और पर्यटन की बहुत बड़ी भागीदारी रहती है। पंचायत प्रधान इन क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी भी हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाएं ताकि वे इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाकर आर्थिक तौर पर स्वाबलंबी बन सकें। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि स्वर्णिम रथ यात्रा के आयोजन में भी अपना सक्रिय योगदान दें। उन्होंने पंचायतों में जैव विविधता के महत्व पर जोर देने की बात भी कही। 15 मार्च से शुरू हुए इस बुनियादी प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी महेश चंद ठाकुर के अलावा खंड विकास अधिकारी बशीर खान भी मौजूद रहे।
चम्बा ! ग्राम पंचायतों का ग्रामीण विकास में बहुत बड़ा योगदान रहता है। ऐसे में पंचायत प्रधान ग्रामीण विकास के अलावा अपनी पंचायत में स्वरोजगार के विकल्पों को लेकर युवाओं को जागरूक करने की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाएं।
अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने यह बात आज डीआरडीए सभागार में भटियात विकासखंड के नवनिर्वाचित पंचायत प्रधानों के लिए आयोजित छह दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने पंचायत प्रधानों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी पंचायतों को कचरा मुक्त पंचायत बनाने को लेकर भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था तैयार करें ताकि ग्रामीण परिवेश का वातावरण साफ- सुथरा रहे और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके।
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उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय पंचायत को प्रथम प्रतिक्रिया कर्ता के तौर पर अपने आप को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है ताकि आपदा की सूरत में बाहर से आने वाली मदद पहुंचने से पहले पंचायत अपने स्तर पर भी राहत और बचाव कार्य कर पाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी में कृषि, बागवानी, पशुपालन और पर्यटन की बहुत बड़ी भागीदारी रहती है। पंचायत प्रधान इन क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी भी हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाएं ताकि वे इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाकर आर्थिक तौर पर स्वाबलंबी बन सकें।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि स्वर्णिम रथ यात्रा के आयोजन में भी अपना सक्रिय योगदान दें। उन्होंने पंचायतों में जैव विविधता के महत्व पर जोर देने की बात भी कही। 15 मार्च से शुरू हुए इस बुनियादी प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी महेश चंद ठाकुर के अलावा खंड विकास अधिकारी बशीर खान भी मौजूद रहे।
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