- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , 27 फरवरी [ शिवानी ] ! सुन्दर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में 26 फरवरी 2023 को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा स्थापना तिथि: 'फाल्गुन शुक्लपक्ष तृतीया तिथि' के उपलक्ष्य पर हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार अरुण प्रकाश के जन्मोत्सव पर गूगल मीट के माध्यम से कविता पाठ तथा लेख पाठ का आयोजन सत्र-45 किया। इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के आरंभ में कला सृजन पाठशाला के दिल्ली सचिव डॉ.ऋतु वार्ष्णेय गुप्ता के पति के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सभी सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखा। इसके बाद अध्यक्ष शरत शर्मा ने अरुण प्रकाश का व्यक्तित्व एवं कृतित्व संक्षेप में पढ़ा तथा उनकी रचनाओं का विश्लेषण भी किया। इसके पश्चात सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत चम्बा राजकीय महाविद्यालय के छात्र सौरभ ने " इस दुनिया की हो पाई नहीं " कविता द्वारा नारी की दास्तान को व्यक्त किया। शिल्पा ने "गुरु का महत्व "कविता द्वारा गुरु के महत्व को उजागर किया। हिमानी टण्डन ने "बचपन की यादें " कविता द्वारा बचपन की यादों को तरोताजा किया। कुमारी ईशा ने "तुम कोशिश करो तो सही" कविता द्वारा आदमी को हमेशा कोशिश करने का संदेश दिया। रेखा गक्खड़ रश्मि ने अपनी कविता "नारी " द्वारा नारी शक्ति का एहसास करवाया। राजकीय महाविद्यालय चंबा की हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य शिल्पा शर्मा ने "नारी " कविता द्वारा नारी के त्याग की सौंदर्य गाथा को व्याख्यायित किया। कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने अपनी कविता "जिंदगीकी पाठशाला" द्वारा जिन्दगी के फलसफ़े को बताने का प्रयास किया। वरिष्ठ कवि भूपेंद्र सिंह जसरोटिया ने " कवि कहाँ होते हैं सभी " कविता द्वारा कवियों की कल्पना शक्ति का बखान किया तथा रैप 'लड़की लड़का हो गई' का गायन करके सुनाया। पाठशाला के अध्यक्ष शरत शर्मा ने प्रसिद्ध कवि कुमार कृष्ण की कविता "तुम चुप क्यों हो " का पाठ कर के सभी सदस्यों को मंत्रमुग्ध किया। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बाल कृष्ण पराशर ने अपने सन्देश में बताया कि चम्बा में सृजन का माहौल दिन प्रतिदिन विस्तार पा रहा है। इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी। वहीं वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने सन्देश में बताया कि कला सृजन पाठशाला द्वारा आने वाले समय मे लगाई जाने वाली कार्यशाला निसन्देह चम्बा में सृजनकर्मियों में एक नई स्फूर्ति का संचार करेगी। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ किया। कला सृजन पाठशाला की सचिव तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, उदयपुर चम्बा की भाषा अध्यापिका तथा कवियत्री रेखा गक्खड़ रश्मि ने सभी रचनाओं का विश्लेषण करते हुए आयोजन सत्र-45 को समापन की अपने वक्तव्य सहित अग्रसर किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 27 फरवरी [ शिवानी ] ! सुन्दर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में 26 फरवरी 2023 को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा स्थापना तिथि: 'फाल्गुन शुक्लपक्ष तृतीया तिथि' के उपलक्ष्य पर हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार अरुण प्रकाश के जन्मोत्सव पर गूगल मीट के माध्यम से कविता पाठ तथा लेख पाठ का आयोजन सत्र-45 किया।
इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के आरंभ में कला सृजन पाठशाला के दिल्ली सचिव डॉ.ऋतु वार्ष्णेय गुप्ता के पति के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सभी सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इसके बाद अध्यक्ष शरत शर्मा ने अरुण प्रकाश का व्यक्तित्व एवं कृतित्व संक्षेप में पढ़ा तथा उनकी रचनाओं का विश्लेषण भी किया। इसके पश्चात सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत चम्बा राजकीय महाविद्यालय के छात्र सौरभ ने " इस दुनिया की हो पाई नहीं " कविता द्वारा नारी की दास्तान को व्यक्त किया। शिल्पा ने "गुरु का महत्व "कविता द्वारा गुरु के महत्व को उजागर किया।
हिमानी टण्डन ने "बचपन की यादें " कविता द्वारा बचपन की यादों को तरोताजा किया। कुमारी ईशा ने "तुम कोशिश करो तो सही" कविता द्वारा आदमी को हमेशा कोशिश करने का संदेश दिया। रेखा गक्खड़ रश्मि ने अपनी कविता "नारी " द्वारा नारी शक्ति का एहसास करवाया। राजकीय महाविद्यालय चंबा की हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य शिल्पा शर्मा ने "नारी " कविता द्वारा नारी के त्याग की सौंदर्य गाथा को व्याख्यायित किया।
कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने अपनी कविता "जिंदगीकी पाठशाला" द्वारा जिन्दगी के फलसफ़े को बताने का प्रयास किया। वरिष्ठ कवि भूपेंद्र सिंह जसरोटिया ने " कवि कहाँ होते हैं सभी " कविता द्वारा कवियों की कल्पना शक्ति का बखान किया तथा रैप 'लड़की लड़का हो गई' का गायन करके सुनाया।
पाठशाला के अध्यक्ष शरत शर्मा ने प्रसिद्ध कवि कुमार कृष्ण की कविता "तुम चुप क्यों हो " का पाठ कर के सभी सदस्यों को मंत्रमुग्ध किया। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बाल कृष्ण पराशर ने अपने सन्देश में बताया कि चम्बा में सृजन का माहौल दिन प्रतिदिन विस्तार पा रहा है। इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी। वहीं वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने सन्देश में बताया कि कला सृजन पाठशाला द्वारा आने वाले समय मे लगाई जाने वाली कार्यशाला निसन्देह चम्बा में सृजनकर्मियों में एक नई स्फूर्ति का संचार करेगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ किया। कला सृजन पाठशाला की सचिव तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, उदयपुर चम्बा की भाषा अध्यापिका तथा कवियत्री रेखा गक्खड़ रश्मि ने सभी रचनाओं का विश्लेषण करते हुए आयोजन सत्र-45 को समापन की अपने वक्तव्य सहित अग्रसर किया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -