- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , [ भरमौर ] , 01 अप्रैल [ रीना सहोत्रा ] ! राजनीतिक रोटियां सेंकना,ये कहावत तो आपने भली भांति सुनी होगी लेकिन ये बात जिला चम्बा के अंतर्गत आने वाली खुंदेल और बलोठ पंचायत में सच भी हुई। कई बार हमने अपने चैनल के माध्यम से आपको ग्राम पंचायत खुंदेल और बलोठ पंचायत में कछुए की चाल से बन रही आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के बारे में अवगत करवा चुके है। कई बार इन ग्राम पंचायत के लोगों के साथ जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड व निदेशक को–ऑपरेटिव बैंक हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर ने भी इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को लेकर आवाज उठाई थी। 2001 से लेकर 2024 तक कई वर्ष बीत जाने के बाद अब सरकार और जिला प्रशासन को यहां के लोगों का दुख सुनाई दिया है। आपको बता दें कि उपमंडल भरमौर के अंतर्गत पड़ने वाली खुंदेल और बलोठ पंचायत जिसमे की कोई भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। वर्ष 2001 में वहां के स्थानीय लोगों ने प्रस्ताव द्वारा प्रशासन से आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की मांग की कार्य शुरू भी हुआ लेकिन बाद में कार्य बीच में ही लकट गया और 22 सालों बाद भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का निर्माण नहीं हो पाया। आप यहां खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं कि 22 सालों में कितने नेता आए और कितनी सरकारें बदल गई लेकिन इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की हालत और इसके रुके हुए काम पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। मात्र आश्वाशन ही दिए गए। लेकिन कई वर्षों बाद अब इस पंचायत में बनी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के जीर्णोद्धार का कार्य एक बार फिर शुरू हुआ है। जब इस बारे में वर्तमान ग्राम पंचायत बलोठ के प्रधान देवराज, व पूर्व प्रधान रत्न चंद और कांग्रेसी नेता पवन शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कई वर्षों बाद यहां पर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के रुके हुए कार्य को एक बार फिर शुरू किया गया है। जिस वजह से यहां के लोगों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि अब तक यहां के लोगो को अपना इलाज करवाने के लिए कई किलोमीटर दूर चम्बा जाना पड़ता था। उन्होंने प्रशासन से अपील कि है कि जिस काम को मुकम्मल होने में 22 साल लग गए वो अब जल्द से जल्द करीब एक महीने में सम्पूर्ण हो जाना चाहिए। वहीं बलोठ पंचायत के प्रधान देवराज ने जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड व निदेशक को–ऑपरेटिव बैंक हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर, और अधिशाषी अभियन्ता मीत कुमार का भी धन्यवाद किया। वहीं अधिशासी अभियंता मीत कुमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वो इस कार्य को किसी भी हालत में एक महीने में मुकमल कर देंगे।
चम्बा , [ भरमौर ] , 01 अप्रैल [ रीना सहोत्रा ] ! राजनीतिक रोटियां सेंकना,ये कहावत तो आपने भली भांति सुनी होगी लेकिन ये बात जिला चम्बा के अंतर्गत आने वाली खुंदेल और बलोठ पंचायत में सच भी हुई। कई बार हमने अपने चैनल के माध्यम से आपको ग्राम पंचायत खुंदेल और बलोठ पंचायत में कछुए की चाल से बन रही आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के बारे में अवगत करवा चुके है।
कई बार इन ग्राम पंचायत के लोगों के साथ जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड व निदेशक को–ऑपरेटिव बैंक हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर ने भी इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को लेकर आवाज उठाई थी। 2001 से लेकर 2024 तक कई वर्ष बीत जाने के बाद अब सरकार और जिला प्रशासन को यहां के लोगों का दुख सुनाई दिया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
आपको बता दें कि उपमंडल भरमौर के अंतर्गत पड़ने वाली खुंदेल और बलोठ पंचायत जिसमे की कोई भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। वर्ष 2001 में वहां के स्थानीय लोगों ने प्रस्ताव द्वारा प्रशासन से आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की मांग की कार्य शुरू भी हुआ लेकिन बाद में कार्य बीच में ही लकट गया और 22 सालों बाद भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का निर्माण नहीं हो पाया।
आप यहां खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं कि 22 सालों में कितने नेता आए और कितनी सरकारें बदल गई लेकिन इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी की हालत और इसके रुके हुए काम पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। मात्र आश्वाशन ही दिए गए। लेकिन कई वर्षों बाद अब इस पंचायत में बनी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के जीर्णोद्धार का कार्य एक बार फिर शुरू हुआ है।
जब इस बारे में वर्तमान ग्राम पंचायत बलोठ के प्रधान देवराज, व पूर्व प्रधान रत्न चंद और कांग्रेसी नेता पवन शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कई वर्षों बाद यहां पर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के रुके हुए कार्य को एक बार फिर शुरू किया गया है। जिस वजह से यहां के लोगों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि अब तक यहां के लोगो को अपना इलाज करवाने के लिए कई किलोमीटर दूर चम्बा जाना पड़ता था। उन्होंने प्रशासन से अपील कि है कि जिस काम को मुकम्मल होने में 22 साल लग गए वो अब जल्द से जल्द करीब एक महीने में सम्पूर्ण हो जाना चाहिए। वहीं बलोठ पंचायत के प्रधान देवराज ने जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड व निदेशक को–ऑपरेटिव बैंक हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर, और अधिशाषी अभियन्ता मीत कुमार का भी धन्यवाद किया।
वहीं अधिशासी अभियंता मीत कुमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वो इस कार्य को किसी भी हालत में एक महीने में मुकमल कर देंगे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -