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चम्बा ! कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश मे शिक्षण संस्थान बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। जहां छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कत हो रही है वहीं स्कूल प्रशासन भी काफी परेशानी झेल रहा है क्योंकि अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल करवा दिया है जिससे प्राइवेट स्कूल के मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना के दौरान प्राईबेट स्कूलों में कार्य कर रहे शिक्षकों को ऑनलाइन ही बच्चों को पढ़ना पड़ रहा है और स्कूल प्रबंधन को सभी अध्यापकों का मेहनताना देना उन्हें देना पड़ रहा है। लेकिन कई अभिभावक ऐसे हैं जो बच्चों की फीस समय पर नहीं दे रहे हैं और जिसकी वजह से स्कूल प्रबंधन को आर्थिक मार भी झेलनी पड़ रही है। कई महीनों से स्कूल की बसें खड़ी हैं जिनका टैक्स उन्हें लगातार चुकाना पड़ रहा है। खड़ी खड़ी बसों को जंग लग रहे हैं और उनकी मेंटेनेंस करवा पाना स्कूल प्रबंधन के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। आज चम्बा मुख्यालय में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा एसोसिएशन के चुनाव करवाए गए जिसमें अनिल शर्मा को अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अब आगामी दिनों में कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा और इसी एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री से यह मांग की जाएगी कि और राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी 9 से 12वीं तक की कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाया जाए ताकि जहां बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो वही स्कूल प्रबंधन को भी मुश्किलों का सामना ना करना पड़े। वहीं नव चयनित अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि पिछले करीब 2 सालों से प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जहां कोविड़ की वजह से सरकार द्वारा स्कूल बंद करवा दिए गए थे वहीं अभिभावकों द्वारा बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालवा कर सरकारी स्कूल में दाखिल करवाया जा रहा है। जिससे उन्हें काफी नुक्सान हो रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से बाकी राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी 9 से 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू करवाया जाए।
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