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चम्बा ! चम्बा के विकास को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के दोहरे मनसूबे जाहिर हो रहे हैं, हाल यह है कि चम्बा जिला में कृषि उपनिदेशक कार्यालय में स्टाफ का भारी टोटा है। लेकिन सरकार के नुमाइंदों को इसकी तनिक भी परवाह नहीं। चम्बा जिला के किसानों को वर्तमान में गेहूं के बीजों के लिए व कृषि संबंधी जानकारी के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन उनको कार्यालयों में कृषि अधिकारियों जी जगह कार्यालयों के बंद दरवाजों में ताले लटके मिले रहे हैं। चम्बा में कृषि विभाग की वर्तमान दशा पर चिंता जाहिर करते हुए ब्लाक कांग्रेस कमेटी चम्बा के अध्यक्ष करतार सिंह ठाकुर ने कहा कि , विभाग इन दिनों पर 25 प्रतिशत स्टाफ के साथ बड़ी मुश्किल से चल रहा है। चम्बा जिला में कृषि विकास अधिकारियों के सृजित 16 पदों में सिर्फ 2 पद ही भरे हुए हैं शेष 14 पद काफी लंबे अर्से से खाली चल रहे हैं। वहीं कृषि प्रसार अधिकारियों के के 45 सृजित पदों पर भी मात्र 16 पदों पर ही अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि एस एम एस पर 6 की जगह दो ही कर्मचारी सेवाएं दे रहें हैं।चम्बा के साहो, कीड़ी, मैहला व मंगला में भी कृषि अधिकारियों के पद लम्बे समय से खाली चल रहे हैं। करतार सिंह ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा जिला चम्बा व चम्बा विधानसभा क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों में विकास न के बराबर हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार चम्बा में लगभग 70 हजार से अधिक परिवार कृषि करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं व 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखती है। लेकिन चम्बा के भाजपा सरकार के नुमाइंदों को शायद ही इसकी जानकारी हो। उन्होंने चम्बा के सदर विधायक को भी इस संदर्भ में घेरते हुए कहा कि वो हर सभा में कहते हैं कि भाजपा के 4 सालों में जो विकास चम्बा में हुआ इतना कांग्रेस सरकारों के शासन काल में नहीं हुआ। लेकिन वो भूल रहे हैं जनता को आधी अधूरी सड़कों के अलावा, स्वास्थ्य, रोजगार व स्वरोजगार के साधन व अवसर भी चाहिए। उन्होंने कहा की सरकार भाजपा की है लेकिन तीसा क्षेत्र में तो कृषि विभाग में वर्तमान में कोई कृषि अधिकारी ही नहीं है। वहीं चम्बा में भी 25 प्रतिशत से कम कृषि अधिकारी है। ऐसे में भाजपा सदर विधायक ही बतायें कि चम्बा के किसान गेहूं के बीज कहां से लें व फसल बोने से संबंधित विस्तृत जानकारी कहा से लें। करतार सिंह ठाकुर ने सवाल पूछते हुए, कहा कि चम्बा के राजपूरा में कृषि विभाग परिसर में 80 लाख रुपए की कीमत वाली मोबाइल सोईल टैस्टिंग लैब लगभग अढ़ाई वर्षों से धूल फांक रही है। उस लैब द्वारा आज दिन तक कितने किसानों के खेतों की मिट्टी का प्रशिक्षण करवाया गया है व कितने किसानों को सोईल हैल्थ कार्ड उपलब्ध करवाये गए हैं , व उस मोबाइल लैब को दोबारा, चलाने के बारे में विभाग व सरकार की ओर से क्या किया जा रहा है । वहीं कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि विभाग में उन्नत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए क्या कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इसकी जानकारी भी जन जन तक पहुंचाई जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार व स्थानीय नुमाइंदों पर तंज कसते हुए कहा कि जिस प्रकार भाजपा सरकार व जिला चम्बा के भाजपा के नुमाइंदे किसानों की सुध नहीं लेकर उनकी परेशानियों से बेखबर बन हुए हैं । उसी प्रकार अब चम्बा के यही 80 प्रतिशत किसान भी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा से मुंह मोड़कर इस बेरूखी का जवाब जरूर देंगे।
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