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चम्बा ! चम्बा का इतिहास एक हजार वर्ष से भी पुराना है इस में पांचवी शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी और पांचवी शताब्दी तक के मंदिरों की प्राचीन मूर्तियां और मंदिरों में हुई शिल्पकारी को देखा जा सकता है। आज हम आपको डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली किहार पंचायत में बने मंगला माता मंदिर के दर्शन करवाते है। बताते चले की मंगला माता का यह मंदिर जोकि पांच सौ वर्ष पुराना है और इस मंदिर के पुनः जीर्णोद्धार करने के लिए बाहर से कारीगरों को बुलाया गया था,और आज इस मंदिर का कार्य पूर्ण होने पर मंगला माता को फिर से उसी मंदिर में विस्थापित किया गया है। कष्टकारी से संपूर्ण इस मंदिर को कारीगरों ने कई महीनो की कड़ी मेहनत के बाद इसको मंदिर कमेटी को अर्पित कर दिया है जहा मंदिर कमेटी ने बड़ी ही श्रद्धा के साथ मंगला माता की मूर्ति को विस्थापित कर दिया है। वहा के स्थानीय लोग मंदिर की खूबसूरती को देख फुले नहीं समा रहे है। यह माता मंगला माता का मंदिर जोकि पांच सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बाहर से कारीगरो को बुलाया गया था जिन्होंने लकड़ी की निकाशी के साथ पीतल के फील पतियों के साथ देवी देवताओं की मूर्तियों को भ्ही इस मंदिर के अंदर बहार बड़ी ही खूबसूरती के साथ उकेरा है। लोग इस मंदिर को देखकर बेहद खुश है। इस मोके पर मंदिर कमिटी के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला परिषद अध्य्क्ष ने इस मंदिर के बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज हमारे क्षेत्र के रहने वाले लोगों के लिए बड़ी ही ख़ुशी की बात है कि आज किहार में मंगला माता मंदिर का जो निर्माण कार्य था लगभग पूरा हो गया है और इस मंदिर में माता की मूर्ति की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण पुराणी शैली के आधार पर ही किया गया है अतः इसमें लकड़ी के साथ साथ पीतल का कार्य भी करवाया गया है। उन्होंने बताया कि हमारी प्राचीनता वैसी की वैसी ही बनी रहे इसके लिए मंदिर निर्माण को लेकर बाहर से कारीगरों को बुलाया गया था। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने उन सभी लोगों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्य में अपना सहयोग दिया था। उन्होंने कहा कि अभी भी मंदिर का काम थोड़ा बहुत बचा हुआ है और जब भी यह कार्य पूर्ण होगा उस दिन बहुत बड़ा यज्ञ इस स्थान में दिया जायेगा।
चम्बा ! चम्बा का इतिहास एक हजार वर्ष से भी पुराना है इस में पांचवी शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी और पांचवी शताब्दी तक के मंदिरों की प्राचीन मूर्तियां और मंदिरों में हुई शिल्पकारी को देखा जा सकता है। आज हम आपको डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली किहार पंचायत में बने मंगला माता मंदिर के दर्शन करवाते है। बताते चले की मंगला माता का यह मंदिर जोकि पांच सौ वर्ष पुराना है और इस मंदिर के पुनः जीर्णोद्धार करने के लिए बाहर से कारीगरों को बुलाया गया था,और आज इस मंदिर का कार्य पूर्ण होने पर मंगला माता को फिर से उसी मंदिर में विस्थापित किया गया है।
कष्टकारी से संपूर्ण इस मंदिर को कारीगरों ने कई महीनो की कड़ी मेहनत के बाद इसको मंदिर कमेटी को अर्पित कर दिया है जहा मंदिर कमेटी ने बड़ी ही श्रद्धा के साथ मंगला माता की मूर्ति को विस्थापित कर दिया है। वहा के स्थानीय लोग मंदिर की खूबसूरती को देख फुले नहीं समा रहे है।
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यह माता मंगला माता का मंदिर जोकि पांच सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बाहर से कारीगरो को बुलाया गया था जिन्होंने लकड़ी की निकाशी के साथ पीतल के फील पतियों के साथ देवी देवताओं की मूर्तियों को भ्ही इस मंदिर के अंदर बहार बड़ी ही खूबसूरती के साथ उकेरा है। लोग इस मंदिर को देखकर बेहद खुश है।
इस मोके पर मंदिर कमिटी के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला परिषद अध्य्क्ष ने इस मंदिर के बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज हमारे क्षेत्र के रहने वाले लोगों के लिए बड़ी ही ख़ुशी की बात है कि आज किहार में मंगला माता मंदिर का जो निर्माण कार्य था लगभग पूरा हो गया है और इस मंदिर में माता की मूर्ति की स्थापना की गई।
उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण पुराणी शैली के आधार पर ही किया गया है अतः इसमें लकड़ी के साथ साथ पीतल का कार्य भी करवाया गया है। उन्होंने बताया कि हमारी प्राचीनता वैसी की वैसी ही बनी रहे इसके लिए मंदिर निर्माण को लेकर बाहर से कारीगरों को बुलाया गया था।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने उन सभी लोगों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्य में अपना सहयोग दिया था। उन्होंने कहा कि अभी भी मंदिर का काम थोड़ा बहुत बचा हुआ है और जब भी यह कार्य पूर्ण होगा उस दिन बहुत बड़ा यज्ञ इस स्थान में दिया जायेगा।
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