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चम्बा ! आज एसएफआई इकाई चम्बा के द्वारा एसएफआई का 52 वां स्थापना दिवस मनाया गया। सबसे पहले इकाई उपाध्यक्ष मुकेश ने झंडा फहरा कर सबको स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उसके पश्चात जिला अध्यक्ष प्रेम रवि ने स्थापना दिवस को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एसएफआई की स्थापना 27 से 30 दिसंबर 1970 में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हुई थी उसके पश्चात अभी तक एसएफआई छात्र हित के लिए कार्यरत है। प्रेम रवि ने महाविद्यालय के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि महाविद्यालय चम्बा के अंदर कुछ दिन पहले प्राध्यापकों द्वारा कुछ पेपरों पर छात्रों के हस्ताक्षर करवाए गए हैं। उसमे लिखा था कि महाविद्यालय के द्वारा छात्रों को किताबें दी गई हैं तथा बीमार छात्रों को अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार की कई झूठी बातें लिखी गई थी। जब एक छात्रा के द्वारा उस प्राध्यापक से यह पूछा जाता है कि इन सब में से हमें एक भी चीज नहीं दी गई है तो उस प्राध्यापक के द्वारा उस छात्रा के नंबर काटने की धमकी दी जाती है। प्रेम रवि ने कहा कि जब एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने प्रधानाचार्य से इस विषय में जानकारी मांगी तो सबसे पहले तो प्रधानाचार्य ने हमें महाविद्यालय के ऐसे स्टाफ के पास भेजा जो उस समय महाविद्यालय में मौजूद ही नहीं था। उसके बाद एसएफआई के कार्यकर्ताओं को एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस में घुमाया जाता है। उसके बाद भी जब एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी तो प्रधानाचार्य के द्वारा उनके रोल नंबर लिख लिए जाते हैं तथा पुलिस को यह बोला जाता है कि एसएफआई के कार्यकर्ता उनके प्रशासनिक कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं। प्रेम रवि ने कहा कि एक ओर तो यह प्रशासन सविंधान का हवाला देकर कॉलेज कैंपस के अंदर छात्रों की सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है तथा दूसरी ओर जब उसी संविधान का पालन करते हुए एसएफआई के कार्यकर्ता उनसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा दिए गए अनुदान की जानकारी मांगते हैं तो यह प्रशासन अपने तानाशाही फरमान छात्रों के प्रति जारी करते हैं। प्रेम रवि ने कहा कि यदि जल्द से जल्द हमें इसकी जानकारी नहीं दी गई तो एसएफआई सभी छात्रों को लामबंद कर के एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी। इसके पश्चात एसएफआई ने मेहंदी प्रतियोगिता करवाई जिसमें 20 लड़कियों ने भाग लिया इसमें प्रथम स्थान तृतीय वर्ष की प्रिया द्वितीय स्थान द्वितीय वर्ष की सरिता तथा तीसरा स्थान द्वितीय वर्ष की अंजलि को मिला।
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