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चम्बा ! एनपीएससी कर्मचारी युनियन चम्बा ने बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन की चम्बा इकाई के द्वारा फरवरी को होने वाली निजीकरण के विरोध समर्थन किया है। एनपीएससी कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि 3 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा पारित बिजली संशोधन विधेयक का बिजली बोर्ड के समस्त इंजीनियर और कर्मचारी विरोध करेंगे। जिसका कर्मचारी समर्थन करेगे। एनपीएस महासंघ का एकमात्र लक्ष्य पुरानी पेंशन योजना की बहाली है। लेकिन इसके साथ जो भी कर्मचारी एनपीएस महासंघ के साथ जुड़ा है उसके साथ एनपीएस महासंघ समर्थन करेगा। मांगों को ध्यान में रखते हुए महासंघ ने अपना समर्थन सौंपा है। बिजली बोर्ड के निजीकरण से सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि प्रदेश की आम जनता को भी भारी आर्थिक नुकसान होगा और सेवा शर्तें भी प्रभावित होंगी। निकट भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी बंद होंगे और निजी कंपनियां अपने फायदे के लिए कर्मचारियों का शोषण करेंगी। बताया कि निजीकरण के विरुद्ध कर्मचारी, अधिकारी ,रिटायर साथियों के साथ साथ आम लोगों को भी इस केंद्र सरकार के बिजली संशोधन विधेयक का विरोध करना चाहिए। मामला आम जनमानस से जुड़ा है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि 3 फरवरी को जहां भी विरोध प्रदर्शन होगा वहां पर एनपीएससी बिजली बोर्ड कर्मचारियों का समर्थन करेगा और अपनी आवाज को बुलंद करेगा। सुनील जरीयाल ने बताया कि प्रदेश में 22 फरवरी से बजट सत्र का आगाज होने जा रहा है। बजट के लिए सरकार ने आम जनता और सभी निवासियों से सुझाव मांगे थे। सभी एनपीएस कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए और केंद्र के लाभ जारी करने के लिए अपने सुझाव सरकार तक पहुंचाए हैं।
चम्बा ! एनपीएससी कर्मचारी युनियन चम्बा ने बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन की चम्बा इकाई के द्वारा फरवरी को होने वाली निजीकरण के विरोध समर्थन किया है। एनपीएससी कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि 3 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा पारित बिजली संशोधन विधेयक का बिजली बोर्ड के समस्त इंजीनियर और कर्मचारी विरोध करेंगे।
जिसका कर्मचारी समर्थन करेगे। एनपीएस महासंघ का एकमात्र लक्ष्य पुरानी पेंशन योजना की बहाली है। लेकिन इसके साथ जो भी कर्मचारी एनपीएस महासंघ के साथ जुड़ा है उसके साथ एनपीएस महासंघ समर्थन करेगा। मांगों को ध्यान में रखते हुए महासंघ ने अपना समर्थन सौंपा है। बिजली बोर्ड के निजीकरण से सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि प्रदेश की आम जनता को भी भारी आर्थिक नुकसान होगा और सेवा शर्तें भी प्रभावित होंगी।
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निकट भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी बंद होंगे और निजी कंपनियां अपने फायदे के लिए कर्मचारियों का शोषण करेंगी। बताया कि निजीकरण के विरुद्ध कर्मचारी, अधिकारी ,रिटायर साथियों के साथ साथ आम लोगों को भी इस केंद्र सरकार के बिजली संशोधन विधेयक का विरोध करना चाहिए। मामला आम जनमानस से जुड़ा है।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि 3 फरवरी को जहां भी विरोध प्रदर्शन होगा वहां पर एनपीएससी बिजली बोर्ड कर्मचारियों का समर्थन करेगा और अपनी आवाज को बुलंद करेगा। सुनील जरीयाल ने बताया कि प्रदेश में 22 फरवरी से बजट सत्र का आगाज होने जा रहा है।
बजट के लिए सरकार ने आम जनता और सभी निवासियों से सुझाव मांगे थे। सभी एनपीएस कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए और केंद्र के लाभ जारी करने के लिए अपने सुझाव सरकार तक पहुंचाए हैं।
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