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चम्बा ,30 नवंबर [ ज्योति ] ! राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चम्बा के रेड रिबन क्लब और एन एस एस के सयुंक्त तत्वावधान में विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न प्रकार की सह-शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विद्या सागर शर्मा जी मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे । उक्त जानकारी देते हुए रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारी एवं एन एस एस के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश के कहा कि "एड्स का ज्ञान, बचाये जान" के नारे को चरितार्थ करते हुए जागरूकता हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता फैलाना है । एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है। प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था। परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में एचआईवी /एड्स पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया । कार्यक्रम के दौरान पोस्टर बनाओ, नारा लेखन, कोलाज बनाओ, प्रश्नोत्तरी, रील बनाओ, पी पी टी बनाओ व निबन्ध लिखो प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया । एड्स, एच आई वी, नशाखोरी, नशे के दुष्प्रभाव विषयों पर इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । विभिन्न प्रतियोगताओं के विजेताओं विश्व एड्स दिवस के दिन मुख्यातिथि द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा । कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर हेमंत पाल , डॉ मनेश वर्मा, प्रोफेसर अविनाश, डॉ तेज सिंह, डॉ शैली महाजन, प्रोफेसर नवनीत, प्रोफेसर पंकज इत्यादि उपस्थित रहे ।
चम्बा ,30 नवंबर [ ज्योति ] ! राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चम्बा के रेड रिबन क्लब और एन एस एस के सयुंक्त तत्वावधान में विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न प्रकार की सह-शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विद्या सागर शर्मा जी मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे । उक्त जानकारी देते हुए रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारी एवं एन एस एस के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश के कहा कि "एड्स का ज्ञान, बचाये जान" के नारे को चरितार्थ करते हुए जागरूकता हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता फैलाना है । एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है। प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था।
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परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में एचआईवी /एड्स पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया ।
कार्यक्रम के दौरान पोस्टर बनाओ, नारा लेखन, कोलाज बनाओ, प्रश्नोत्तरी, रील बनाओ, पी पी टी बनाओ व निबन्ध लिखो प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया । एड्स, एच आई वी, नशाखोरी, नशे के दुष्प्रभाव विषयों पर इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । विभिन्न प्रतियोगताओं के विजेताओं विश्व एड्स दिवस के दिन मुख्यातिथि द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा । कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर हेमंत पाल , डॉ मनेश वर्मा, प्रोफेसर अविनाश, डॉ तेज सिंह, डॉ शैली महाजन, प्रोफेसर नवनीत, प्रोफेसर पंकज इत्यादि उपस्थित रहे ।
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