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चम्बा ! मंगलवार को जारी प्रेस नोट में भटियात के पूर्व विधायक एवं हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा की यह साबित हो गया है की लोकतंत्र की सफलता विपक्षी की रचनात्मक भूमिका पर बहुत निर्भर करती है। इसकी रचनात्मक आलोचना के कारण ही भियोरा/ गोला का पुल तीसरी बार बन कर तयार हुआ है। उन्होंने पत्रकार भाइयों का धन्यवाद किया और कहा की स्वतंत्र और कार्यशील प्रेस के बिना, हमारा लोकतंत्र खतरे में है और एक सूचित मतदाता के बिना हमारा राष्ट्र कभी भी अपनी पूर्ण क्षमता तक नहीं पहुँच सकता । यह पुल 11 जून 2019 को टूट गया था परंतु उसकी जाँच पड़ताल में विभाग द्वारा कोई दोषी नहीं पाया गया था। स्थानीय लोगों द्वारा वर्तमान विधायक व विभाग से शिकायत की थी की पुल की नींव अच्छी नहीं बनाई गई है परंतु फिर भी विभाग ने फिर एक बार गिरने वाले पिल्लरों के ऊपर यह पुल बना दिया है। इन पिल्लरों की नींव पत्थरों के उपर रखी गई थी। 8 एम॰एम॰ व 10 एम॰एम॰ सरिये का इस्तेमाल किया गया था। लगातार प्रयास के बाद इस मुद्दे को विधायक के ध्यान में लाने की कड़ी कोशिश की गयी है ।आज से चार साल पहले विधायक निधि में से 11 लाख रु॰ पुल निर्माण के लिए दिए थे परंतु सवाल यह है की यह पुल अब तीसरी बार बनकर तयार किया गया है और इसके लिए उपयुक्त राशि का कोई ब्यौरा मौजूद नहीं दिया गया है। उन्होंने ने कहा की 11 लाख की विधायक निधि से वही पुल 3 बार कैसे बन कर तैयार हो सकता है।
चम्बा ! मंगलवार को जारी प्रेस नोट में भटियात के पूर्व विधायक एवं हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा की यह साबित हो गया है की लोकतंत्र की सफलता विपक्षी की रचनात्मक भूमिका पर बहुत निर्भर करती है। इसकी रचनात्मक आलोचना के कारण ही भियोरा/ गोला का पुल तीसरी बार बन कर तयार हुआ है। उन्होंने पत्रकार भाइयों का धन्यवाद किया और कहा की स्वतंत्र और कार्यशील प्रेस के बिना, हमारा लोकतंत्र खतरे में है और एक सूचित मतदाता के बिना हमारा राष्ट्र कभी भी अपनी पूर्ण क्षमता तक नहीं पहुँच सकता । यह पुल 11 जून 2019 को टूट गया था परंतु उसकी जाँच पड़ताल में विभाग द्वारा कोई दोषी नहीं पाया गया था। स्थानीय लोगों द्वारा वर्तमान विधायक व विभाग से शिकायत की थी की पुल की नींव अच्छी नहीं बनाई गई है परंतु फिर भी विभाग ने फिर एक बार गिरने वाले पिल्लरों के ऊपर यह पुल बना दिया है।
इन पिल्लरों की नींव पत्थरों के उपर रखी गई थी। 8 एम॰एम॰ व 10 एम॰एम॰ सरिये का इस्तेमाल किया गया था। लगातार प्रयास के बाद इस मुद्दे को विधायक के ध्यान में लाने की कड़ी कोशिश की गयी है ।आज से चार साल पहले विधायक निधि में से 11 लाख रु॰ पुल निर्माण के लिए दिए थे परंतु सवाल यह है की यह पुल अब तीसरी बार बनकर तयार किया गया है और इसके लिए उपयुक्त राशि का कोई ब्यौरा मौजूद नहीं दिया गया है। उन्होंने ने कहा की 11 लाख की विधायक निधि से वही पुल 3 बार कैसे बन कर तैयार हो सकता है।
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