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चम्बा ! विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज एक बार फिर विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। इस बार विवाद का कारण उनके द्वारा अपने चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रैला में शिक्षा ग्रहण करने वाले 1 छात्र को थप्पड़ मारने और कक्षा में मौजूद एक छात्रा के साथ असभ्य भाषा में बात करने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। मजेदार बात यह है कि विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ हंसराज कि इस कारगुजारी का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रैला के औचक निरीक्षण का लाइव प्रसारण किया। इस वीडियो के लाइव प्रसारण के माध्यम से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल किए संवैधानिक पद पर विराजमान चुराह विधायक एवं हिमाचल सरकार के मौजूदा विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज द्वारा बच्चों के साथ जिस ढंग से बातचीत की गई है उससे उनकी भाषा शैली का भी बखूबी आभास होता है। जिस स्कूल में विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ हंसराज वीरवार को औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे वह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रैला जिला के सबसे दूरस्थ स्कूलों की सूची में शुमार है। इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को अभी भी पैदल लंबी दूरी तय करके स्कूल पहुंचना पड़ता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि इस मामले ने प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष की स्थिति "चले थे चौबे जी छब्बे बनने, दुबे बनकर आए" जैसी बना कर रख दी है। एक तरफ जहां स्कूलों में बच्चों के साथ किसी भी तरह की मारपीट करने पर पूरी तरह से पाबंदी है तो ऐसे में संवैधानिक पद पर विराजमान प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के इस कारनामे को लेकर लोग यह कहने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं कि अगर कोई अध्यापक किसी छात्र के साथ इस तरह की हरकत को अंजाम देता तो शायद अब तक सरकार व शिक्षा विभाग इस मामले पर अपनी गंभीरता वह मुस्तैदी दिखाते हुए अब तक उसे सस्पेंड कर चुका होता लेकिन इस वीडियो में जो व्यक्ति इस प्रकार की भाषा और कार्यवाही करता हुआ नजर आ रहा है उसके खिलाफ क्या किसी प्रकार की कार्यवाही करने का मादा सरकार में है। इस मामले को लेकर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज से बात की तो उन्होंने कहा कि बच्चों को सबक सिखाने के लिए कई बार इस प्रकार की प्रक्रिया को अंजाम देना पड़ता है और चुराह क्षेत्र के बच्चों को वह अपने बच्चों के समान मानते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चों को अनुशासन या सबक सिखाने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही करनी जरूरी होती है।
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