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चम्बा ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चम्बा ने शनिवार को जिले के समस्त कॉलेज में चल रही समस्याओं को लेकर उपायुक्त चम्बा के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन के इन छात्रों का कहना है कि कॉलेज तो खुल चुके है पर इन कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर नहीं है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला चम्बा के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि जिले के राजकीय महाविद्यालय लिल्ल कोठी, भरमौर, सलूणी तेलका, तीसा, व भलेई में चल रहे कॉलेज में प्रध्यापकों के खाली पड़े पदों को जल्द से भरा जाए ,वंही उन्होंने यह भी कहा कि राजकीय महाविद्यालय तेलका, भलेई, लिल्ल कोठी, व भरमौर, के भवनों के निर्माण को जल्द से शुरू करवाया जाये। वंही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला चम्बा के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि चम्बा में कॉलेज में भी एमकॉम की परीक्षाओं को भी जल्द से शुरू किया जाये। डीसी चम्बा को ज्ञापन सौंपने के बाद एबीवीपी छात्र संगठन के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि हमने प्रदेश सरकार को यह भी चेता दिया है कि जल्द से जल्द छात्रों की इन समस्याओं को नहीं सुधारा गया तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन भी कर सकता है और इन सब की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की ही होगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि क्रोना काल के बाद काफी लम्बे समय कॉलेज खुले है पर देखने को मिल रहा है कि कॉलेज की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालय लिलकोठी की बात करे तो इस कॉलेज में एक भी प्राध्यापक नहीं है,मात्र क्लर्को के सरे ही पूरे का पूरा महाविद्यालय चल रहा है। वंही उन्होंने जनजातीय क्षेत्र भरमौर राजकीय महाविद्यालय की बात को दोहराते हुए बताया कि इस कॉलेज के बच्चे अपना खुद का कॉलेज भवन नहीं होने पर पेड़ों के नीचे पढाई करने को मजबूर है। उन्होंने यह भी बताया कि राजकीय महाविद्यालय भरमौर,तेलका,और भलेई कॉलेज तो चला दिए गए है पर उनके पास अपना कोई स्थाई कैंपस नहीं है। उन्होंने बताया कि जिले में कल रहे जितने भी कॉलेज संसथान है उनकी हालत बिलकुल चरमरा चुकी है। इसी के चलते आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिला इकाई ने उपायुक्त चम्बा के माध्यम से प्रदेश मुखयमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। और इसमें साफ तौर से लिखा गया है कि प्रदेश सरकार छात्र हित में ली गई मांगो को तुरन्त कोई करवाई नहीं करती है तो हमारा छात्र सांगठनिक उग्र आंदोलन करेगा और इन सब की जिम्मेदारी कूद प्रदेश सरकार की होगी। इस संधर्व में हमारी मीडिया की टीम ने उपयुक्त चम्बा से बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ छात्र मिले थे और उन्होंने हमे एक ज्ञापन दिया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से लिल्ल कॉलेज में जंहा पर अद्यापकों का इशू है,और भरमौर है जंहा पर कॉलेज का भवन बन रहा है,इस तरह के कुछ मुश्किलों को इन छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है तो यह सारी बाते जिला प्रशासन सरकार तक पहुंचा देंगे। उपायुक्त चम्बा दुनीचंद राणा ने बताया कि उन्होंने कल ही खासकर जो लिल्ल कॉलेज में जो अद्यापको का इशू शिक्षा सचिव से बात की है,और उन्होंने मुझे अश्वस्थ करवाया कि जल्द से जल्द खली पड़े प्राध्यापकों के पदों को भरेंगे ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। मीडिया ने उनसे पूछा कि जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कॉलेज के बच्चे भवन नहीं होने पर पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर है तो उसका उत्तर देते हुए उपायुक्त चम्बा डीसी चम्बा ने बताया कि अगर ऐसी बात है तो जिला प्रशासन कंही न कंही साथ लगते किसी सरकारी भवन में टेम्परेरी कॉलेज की क्लासो को चलाएंगे जबतक उनका खुद का कॉलेज नहीं बन जाता है। और सरकार इसके लिए प्रयासरत रहेगी।
चम्बा ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चम्बा ने शनिवार को जिले के समस्त कॉलेज में चल रही समस्याओं को लेकर उपायुक्त चम्बा के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन के इन छात्रों का कहना है कि कॉलेज तो खुल चुके है पर इन कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर नहीं है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला चम्बा के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि जिले के राजकीय महाविद्यालय लिल्ल कोठी, भरमौर, सलूणी तेलका, तीसा, व भलेई में चल रहे कॉलेज में प्रध्यापकों के खाली पड़े पदों को जल्द से भरा जाए ,वंही उन्होंने यह भी कहा कि राजकीय महाविद्यालय तेलका, भलेई, लिल्ल कोठी, व भरमौर, के भवनों के निर्माण को जल्द से शुरू करवाया जाये। वंही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला चम्बा के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि चम्बा में कॉलेज में भी एमकॉम की परीक्षाओं को भी जल्द से शुरू किया जाये। डीसी चम्बा को ज्ञापन सौंपने के बाद एबीवीपी छात्र संगठन के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि हमने प्रदेश सरकार को यह भी चेता दिया है कि जल्द से जल्द छात्रों की इन समस्याओं को नहीं सुधारा गया तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन भी कर सकता है और इन सब की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की ही होगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक अभिलाष शर्मा ने बताया कि क्रोना काल के बाद काफी लम्बे समय कॉलेज खुले है पर देखने को मिल रहा है कि कॉलेज की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालय लिलकोठी की बात करे तो इस कॉलेज में एक भी प्राध्यापक नहीं है,मात्र क्लर्को के सरे ही पूरे का पूरा महाविद्यालय चल रहा है। वंही उन्होंने जनजातीय क्षेत्र भरमौर राजकीय महाविद्यालय की बात को दोहराते हुए बताया कि इस कॉलेज के बच्चे अपना खुद का कॉलेज भवन नहीं होने पर पेड़ों के नीचे पढाई करने को मजबूर है। उन्होंने यह भी बताया कि राजकीय महाविद्यालय भरमौर,तेलका,और भलेई कॉलेज तो चला दिए गए है पर उनके पास अपना कोई स्थाई कैंपस नहीं है। उन्होंने बताया कि जिले में कल रहे जितने भी कॉलेज संसथान है उनकी हालत बिलकुल चरमरा चुकी है। इसी के चलते आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिला इकाई ने उपायुक्त चम्बा के माध्यम से प्रदेश मुखयमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। और इसमें साफ तौर से लिखा गया है कि प्रदेश सरकार छात्र हित में ली गई मांगो को तुरन्त कोई करवाई नहीं करती है तो हमारा छात्र सांगठनिक उग्र आंदोलन करेगा और इन सब की जिम्मेदारी कूद प्रदेश सरकार की होगी।
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इस संधर्व में हमारी मीडिया की टीम ने उपयुक्त चम्बा से बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ छात्र मिले थे और उन्होंने हमे एक ज्ञापन दिया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से लिल्ल कॉलेज में जंहा पर अद्यापकों का इशू है,और भरमौर है जंहा पर कॉलेज का भवन बन रहा है,इस तरह के कुछ मुश्किलों को इन छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है तो यह सारी बाते जिला प्रशासन सरकार तक पहुंचा देंगे। उपायुक्त चम्बा दुनीचंद राणा ने बताया कि उन्होंने कल ही खासकर जो लिल्ल कॉलेज में जो अद्यापको का इशू शिक्षा सचिव से बात की है,और उन्होंने मुझे अश्वस्थ करवाया कि जल्द से जल्द खली पड़े प्राध्यापकों के पदों को भरेंगे ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। मीडिया ने उनसे पूछा कि जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कॉलेज के बच्चे भवन नहीं होने पर पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर है तो उसका उत्तर देते हुए उपायुक्त चम्बा डीसी चम्बा ने बताया कि अगर ऐसी बात है तो जिला प्रशासन कंही न कंही साथ लगते किसी सरकारी भवन में टेम्परेरी कॉलेज की क्लासो को चलाएंगे जबतक उनका खुद का कॉलेज नहीं बन जाता है। और सरकार इसके लिए प्रयासरत रहेगी।
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