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चम्बा ! अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला को लेकर मिंजर की बिक्रीयों के लिए बाज़ार सज गए हैं। लेकिन इस पुश्तैनी हस्तशिल्प से जुड़े पुशतैनी काम से जुड़े कारीगरों को खरीददार कम हीं मिल पा रहे हैं। कारीगरों की माने तो गत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के चलते मेले का आयोजन बड़े स्तर पर ना होने के चलते कामकाज काफी प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि अब केवल स्थानीय लोग ही मिंजर खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में 5 से लेकर 50 तक की मिंजर बिक्री के लिए उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि जनपद में मिंजर मेला का खासा महत्व है मिंजर मेले के शुभारंभ पर बहनें भाई को मिंजर भेंट करती हैं। मगर पिछले 2 वर्षों से मिंजर मेला कोरोना महामारी के चलते रस्म अदायगी तक ही सिमट कर रह गया है।
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