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चम्बा , 02 नवंबर [ शिवानी ] ! जिला चम्बा में यूं तो काफी ऐसी चीजें हैं जो कि देश और प्रदेश सहित विश्व में भी प्रसिद्ध है। जैसे कि चम्बा चप्पल और चम्बा रुमाल। बात करें अगर चम्बा रुमाल की तो आज की दुनिया में चम्बा रुमाल ने पूरी दुनिया ने काफी नाम कमाया है। जिसके पीछे कई लोगों का हाथ है। कई स्थानों पर चम्बा रुमाल की कढ़ाई की जाती है और उसे अपने-अपने रूप में एक अलग पहचान देने की कोशिश की जाती है। लेकिन कोई ही इस काम में महारथ हासिल कर नेशनल और इंटरनेशनल स्थान पर पहुंच पता हैं। और यहीं कारनामा जिला चम्बा की रहने वाली सास और बहू ने कर दिखाया है। उनकी लगन और मेहनत से चम्बा रुमाल को एक अलग ही पहचान मिली है। आमतौर पर जहां सास और बहू के झगड़े देखे जाते हैं वही चम्बा शहर के एक परिवार में रहने वाली महिला ने अपनी पद्मश्री सास से चम्बा रुमाल का प्रशिक्षण लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड हासिल किया और उन्होंने इसका श्रेय अपनी सास और परिवार को दिया है। रुमाल में बेहतरीन कशीदाकारी के लिए चम्बा की अंजली वकील को नेशनल अवार्ड मिला और यह अवार्ड उन्हे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्राप्त हुआ है। इससे पहले अंजलि वकील की सास ललिता वकील को चम्बा रुमाल के लिए पद्मश्री अवार्ड मिल चुका है। अंजलि वकील ने वर्ष 2006 में शादी के बाद चम्बा रुमाल की कढ़ाई का काम सीखा उनका विवाह कलाकारों के प्रसिद्ध परिवार में हुआ। अपनी सास से प्रभावित हो कर उन्होंने यह काम करना शुरू कर दिया। चम्बा रुमाल में ऐसे नए काम करना आसान नही था फिर भी उन्होंने इस दौरान कई अन्य डिजाइन पर काम किया और चंबा रुमाल के दायरे में पैनल, दुपट्टा, शॉल और साड़ी को भी जोड़ा। 2011 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले में अपनी कला दिखाने का मौका मिला तो उनकी सराहना भी हुई। इसके बाद चम्बा रुमाल में नई शैली पर उन्होंने काम किया और पुराने पारंपारिक शैली के साथ नए रुमाल तैयार किए। उन्होंने कहा कि चम्बा रूमाल की एंब्रॉयडरी में महारथ और सफलता का अगर कुछ प्रतीक है तो वह नेशनल अवार्ड है। इस अवार्ड को पाने के लिए उन्होंने 2017 में भी कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 8 से 11 घंटे काम करते हुए दस महाविद्या शैली के तहत चम्बा रुमाल पर कार्य किया और इसलिए ही उन्हें यह नेशनल अवार्ड मिला। उन्होंने कहा कि चम्बा रूमाल गौरवमयी इतिहास का प्रतीक है और यह देश प्रदेश सहित विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है।
चम्बा , 02 नवंबर [ शिवानी ] ! जिला चम्बा में यूं तो काफी ऐसी चीजें हैं जो कि देश और प्रदेश सहित विश्व में भी प्रसिद्ध है। जैसे कि चम्बा चप्पल और चम्बा रुमाल। बात करें अगर चम्बा रुमाल की तो आज की दुनिया में चम्बा रुमाल ने पूरी दुनिया ने काफी नाम कमाया है। जिसके पीछे कई लोगों का हाथ है। कई स्थानों पर चम्बा रुमाल की कढ़ाई की जाती है और उसे अपने-अपने रूप में एक अलग पहचान देने की कोशिश की जाती है। लेकिन कोई ही इस काम में महारथ हासिल कर नेशनल और इंटरनेशनल स्थान पर पहुंच पता हैं। और यहीं कारनामा जिला चम्बा की रहने वाली सास और बहू ने कर दिखाया है। उनकी लगन और मेहनत से चम्बा रुमाल को एक अलग ही पहचान मिली है।
आमतौर पर जहां सास और बहू के झगड़े देखे जाते हैं वही चम्बा शहर के एक परिवार में रहने वाली महिला ने अपनी पद्मश्री सास से चम्बा रुमाल का प्रशिक्षण लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड हासिल किया और उन्होंने इसका श्रेय अपनी सास और परिवार को दिया है।
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रुमाल में बेहतरीन कशीदाकारी के लिए चम्बा की अंजली वकील को नेशनल अवार्ड मिला और यह अवार्ड उन्हे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्राप्त हुआ है। इससे पहले अंजलि वकील की सास ललिता वकील को चम्बा रुमाल के लिए पद्मश्री अवार्ड मिल चुका है। अंजलि वकील ने वर्ष 2006 में शादी के बाद चम्बा रुमाल की कढ़ाई का काम सीखा उनका विवाह कलाकारों के प्रसिद्ध परिवार में हुआ। अपनी सास से प्रभावित हो कर उन्होंने यह काम करना शुरू कर दिया।
चम्बा रुमाल में ऐसे नए काम करना आसान नही था फिर भी उन्होंने इस दौरान कई अन्य डिजाइन पर काम किया और चंबा रुमाल के दायरे में पैनल, दुपट्टा, शॉल और साड़ी को भी जोड़ा।
2011 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले में अपनी कला दिखाने का मौका मिला तो उनकी सराहना भी हुई। इसके बाद चम्बा रुमाल में नई शैली पर उन्होंने काम किया और पुराने पारंपारिक शैली के साथ नए रुमाल तैयार किए।
उन्होंने कहा कि चम्बा रूमाल की एंब्रॉयडरी में महारथ और सफलता का अगर कुछ प्रतीक है तो वह नेशनल अवार्ड है। इस अवार्ड को पाने के लिए उन्होंने 2017 में भी कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 8 से 11 घंटे काम करते हुए दस महाविद्या शैली के तहत चम्बा रुमाल पर कार्य किया और इसलिए ही उन्हें यह नेशनल अवार्ड मिला। उन्होंने कहा कि चम्बा रूमाल गौरवमयी इतिहास का प्रतीक है और यह देश प्रदेश सहित विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है।
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