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चम्बा , 25 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! भारत वर्ष में हिमाचल एक ऐसा राज्य है जहां हर पांच वर्ष में सरकार बदलती है। वहीं हर बार सरकार के नुमाइंदे बड़े बड़े वादे तो करते है लेकिन क्या वो उन वादों को पूरा करते है या नही। यह बात उस समय सामने आई जब खबर हिमाचल से की टीम भरमौर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली खुन्देल और बलोठ पंचायतों में पहुंची। हिमाचल में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी दोनों की पोल यहां इस क्षेत्र में आकर खुल जाती है। इन दोनो पंचायतों में लगभग 6000 के करीब की आबादी है और यहां पर अब तक भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन जो की पिछले 20 वर्ष पहले शुरू हुआ था। लेकिन 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी वो भवन बन नही पाया। और आज हालत ऐसे है कि वो इमारत आज खंडहर के रूप में बदल कर रह गया है। यहां के लोगो का कहना कि पिछले 20 वर्ष पहले यहां इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन आज 20 वर्ष बाद भी वो भवन बन कर तैयार नहीं हो पाया। इतने सालों में कितनी सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी इस और ध्यान नही दिया। लोगों का कहना है कि नेता लोग सिर्फ वोट मांगने ही यहां आते है और फिर मुड़ कर नही देखते। वहीं वहां के पूर्व प्रधान रत्न चंद ने कहां कि भवन न होने के चलते यह आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी एक किराए के भवन में चलाई जाती है जो की खुद जर्जर हालत में है जो किसी भी समय गिर सकता है। जिस कारण कोई भी वहां पर नही जाता है। यह डिस्पेंसरी सिर्फ नाम मात्र के लिए ही वहां पर मौजूद है। उन्होंने कहां कि जितनी भी सरकारे आई उन्होंने इस और कोई ध्यान नही दिया कई बार जिला प्रशासन को भी अवगत करवाया गया लेकिन फिर भी किसी ने इसकी सुध नहीं ली। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन से आग्रह किया है की जो भवन खंडहर बन चुका है उसका निर्माण कार्य पूरा किया जाए ताकि वहां पर इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को शुरू किया जा सकें। और यहां बसने बाली दोनों पंचायतों के लोगों को इसकी सुविधा मिल सकें।
चम्बा , 25 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! भारत वर्ष में हिमाचल एक ऐसा राज्य है जहां हर पांच वर्ष में सरकार बदलती है। वहीं हर बार सरकार के नुमाइंदे बड़े बड़े वादे तो करते है लेकिन क्या वो उन वादों को पूरा करते है या नही। यह बात उस समय सामने आई जब खबर हिमाचल से की टीम भरमौर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली खुन्देल और बलोठ पंचायतों में पहुंची।
हिमाचल में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी दोनों की पोल यहां इस क्षेत्र में आकर खुल जाती है। इन दोनो पंचायतों में लगभग 6000 के करीब की आबादी है और यहां पर अब तक भी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन जो की पिछले 20 वर्ष पहले शुरू हुआ था। लेकिन 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी वो भवन बन नही पाया। और आज हालत ऐसे है कि वो इमारत आज खंडहर के रूप में बदल कर रह गया है।
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यहां के लोगो का कहना कि पिछले 20 वर्ष पहले यहां इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन आज 20 वर्ष बाद भी वो भवन बन कर तैयार नहीं हो पाया। इतने सालों में कितनी सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी इस और ध्यान नही दिया। लोगों का कहना है कि नेता लोग सिर्फ वोट मांगने ही यहां आते है और फिर मुड़ कर नही देखते।
वहीं वहां के पूर्व प्रधान रत्न चंद ने कहां कि भवन न होने के चलते यह आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी एक किराए के भवन में चलाई जाती है जो की खुद जर्जर हालत में है जो किसी भी समय गिर सकता है। जिस कारण कोई भी वहां पर नही जाता है। यह डिस्पेंसरी सिर्फ नाम मात्र के लिए ही वहां पर मौजूद है। उन्होंने कहां कि जितनी भी सरकारे आई उन्होंने इस और कोई ध्यान नही दिया कई बार जिला प्रशासन को भी अवगत करवाया गया लेकिन फिर भी किसी ने इसकी सुध नहीं ली। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन से आग्रह किया है की जो भवन खंडहर बन चुका है उसका निर्माण कार्य पूरा किया जाए ताकि वहां पर इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को शुरू किया जा सकें। और यहां बसने बाली दोनों पंचायतों के लोगों को इसकी सुविधा मिल सकें।
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