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चम्बा ! हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी का प्रतिनिधिमंडल शिमला में राज्य कार्यकारिणी उपाध्यक्ष श्री सुनील कुमार शर्मा जी, वरिष्ठ उपाध्यक्षश्री अजय पटियाल जी, महासचिव श्री सुरेंद्र कुमार नड्डा जी, उपाध्यक्ष श्री संदीप शर्मा जी के नेतृत्व में शिमला में राज्य कार्यकारिणी का प्रतिनिधिमंडल माननीय जल शक्ति, राजस्व एवं सैनिक कल्याण मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर जी , माननीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री वीरेन्द्र कंवर जी और माननीय ऊर्जामंत्री श्री सुखराम चौधरी जी से मिला और सभी माननीय मंत्रियों को अनुबंध को 3 साल से घटाकर 2 साल करने संबंधित ज्ञापन सौंपा और सभी माननीय मंत्रियों ने बड़े ही सकारात्मक माहौल में कार्यकारिणी सदस्यों की बात को ध्यानपूर्वक सुना और शीघ्र की अनुबंध काल को 3 साल से घटाकर 2 साल करने की सकारात्मक प्रतिक्रिया माननीय मंत्रियो द्वारा दी गई और सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया शीघ्र ही आपका मुद्दा हल कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2017 में भाजपा के सत्तासीन होने से पहले भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुबंध कार्यकाल को 2 वर्ष करने के वायदे को अभी तक भी अमलीजामा पहनाने में जयराम सरकार कामयाब नहीं हो पाई है l सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते प्रदेश के अनुबंध कर्मचारी भाजपा सरकार से स्वयं को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं l अनुबंध कर्मचारी महासंघ कि जिला और राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजधानी शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विभिन्न कैबिनेट स्तर के मंत्रियों तथा भाजपा के सभी विधायकों से इस मांग को पूरा करने के लिए गत 3 वर्षों से मिल रहे हैं, और हर बार अनुबंध कर्मचारियों को सरकार की ओर से आश्वासन ही मिलता रहा है l मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किसी बड़े कार्यक्रम में अनुबंध कार्यकाल को घटाने की घोषणा करने का वायदा महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से पहले भी किया था, परंतु 25 जनवरी, हिमाचल प्रदेश का बजट तथा 15 अप्रैल का ऐतिहासिक दिन बीत जाने के बावजूद भी 19000 कर्मचारियों की इस मांग को पिछले साढ़े तीन वर्षों से अमलीजामा न पहनाने के चलते कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त हो रहा है | अनुबंध कर्मचारी महासंघ के राज्य कार्यकारिणी वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, उपाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा तथा महासचिव सुरेंद्र कुमार नड्डा ने बताया कि 2018 में जो अनुबंध कर्मचारी सरकार के द्वारा लगाए गए वह अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर मार्च 2021 में नियमित हो चुके हैं अतः सरकार द्वारा भविष्य में अनुबंध कार्यकाल घटाने का फैसला लेना इन 4000 के लगभग नियमित हो चुके कर्मचारियों के लिए निरर्थक होगा | वर्तमान में यदि सरकार शीघ्र अति शीघ्र अनुबंध कार्यकाल को घटाने का निर्णय लेती है तो इससे जनवरी 2019 से लेकर मार्च 2020 तक जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं वह कर्मचारी लाभान्वित होंगे | अगस्त 2021 से पहले यदि प्रदेश सरकार यह फैसला लेने में देरी करती है तथा यह निर्णय जाकर चुनावी वर्ष 2022 में लेती है तो सरकार की इस घोषणा का फायदा प्रदेश के किसी भी कर्मचारी को नहीं होगा क्योंकि मार्च 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सरकारी विभागों में नियुक्तियां ना के बराबर हुईं हैं | राज्य कार्यकारिणी उपाध्यक्ष गोपाल सिंह वर्मा , संदीप कुमार शर्मा तथा राज्य वित सचिव अविनाश सैनी ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार अनुबंध कार्यकाल को 15 अगस्त 2021 के दिन भी 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर देती है तथा शीघ्र ही इसकी अधिसूचना भी जारी करवा देती है तो अनुबंध कर्मचारियों में व्याप्त हो रही नकारात्मकता सरकार के प्रति सकारात्मकता में बदल सकती है |
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