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केलांग। हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति कोरोना मुक्त हो गया है। ये प्रदेश का पहला जिला है जहां अब कोई भी एक्टिव केस नहीं है। इसका श्रेय जहां प्रशासन को जाता है वहीं यहां के युवाओं को भी। जिले में अधिकतर क्षेत्र दूरदराज और बर्फ से ढके होने के कारण यहां हर क्षेत्र में स्वास्थ्य और क्वारेंटाइन सुविधाएं मुहैया करवानी मुश्किल थीं। ऐसे में कोरोना काल के दौरान यहां के युवाओं केे एक संगठन यंग द्रुकपा एसोसिएशन ने अपने जिले को कोरोना से बचाने का बीड़ा उठाया। राज्य के अन्य भागों से लाहुल आने वाली हर गाड़ी को संगठन ने सेनेटाइटज करना शुरू किया, लोगों को दवा और मास्क भी बांटे। इसका फल भी दिखने लगा और यहां संक्रमितों की दर में गिरावट आने लगी। 3 अक्टूबर को पीएम मोदी ने अटल रोहतांग अटल का लोकार्पण किया और साथ ही 6 महीने देश के अन्य भागों से कटा रहने वाला लाहुलस्पीति में वाहनों की भारी आवाजाही शुरू हो गई। शुरुआत में मुश्किल था लोगों को समझाना एसोसिएशन के मुखिया सोनम झांकपो ने बताया कि अपनों की चिंता सभी को होती है, लाहुलस्पीति मंे केस बढ़ते केस देख हमने प्रशासन की मदद करने की सोची और काम में जुट गए। शुरुआत में लोगों को समझाना काफी मुश्किल था। कहीं-कहीं रिस्पॉन्स सही नहीं मिलता था, लोग टेस्ट करवाने को भी तैयार नहीं होते थे लेकिन हमने कोशिशें जारी रखीं। जल्द इसका असर दिखने लगा और लोग भी हमसे संपर्क करने लगे। अब लाहुल की स्थिति बेहतर है और ये अच्छी बात है।
केलांग। हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति कोरोना मुक्त हो गया है। ये प्रदेश का पहला जिला है जहां अब कोई भी एक्टिव केस नहीं है। इसका श्रेय जहां प्रशासन को जाता है वहीं यहां के युवाओं को भी। जिले में अधिकतर क्षेत्र दूरदराज और बर्फ से ढके होने के कारण यहां हर क्षेत्र में स्वास्थ्य और क्वारेंटाइन सुविधाएं मुहैया करवानी मुश्किल थीं।
ऐसे में कोरोना काल के दौरान यहां के युवाओं केे एक संगठन यंग द्रुकपा एसोसिएशन ने अपने जिले को कोरोना से बचाने का बीड़ा उठाया। राज्य के अन्य भागों से लाहुल आने वाली हर गाड़ी को संगठन ने सेनेटाइटज करना शुरू किया, लोगों को दवा और मास्क भी बांटे।
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इसका फल भी दिखने लगा और यहां संक्रमितों की दर में गिरावट आने लगी। 3 अक्टूबर को पीएम मोदी ने अटल रोहतांग अटल का लोकार्पण किया और साथ ही 6 महीने देश के अन्य भागों से कटा रहने वाला लाहुलस्पीति में वाहनों की भारी आवाजाही शुरू हो गई।
एसोसिएशन के मुखिया सोनम झांकपो ने बताया कि अपनों की चिंता सभी को होती है, लाहुलस्पीति मंे केस बढ़ते केस देख हमने प्रशासन की मदद करने की सोची और काम में जुट गए। शुरुआत में लोगों को समझाना काफी मुश्किल था।
कहीं-कहीं रिस्पॉन्स सही नहीं मिलता था, लोग टेस्ट करवाने को भी तैयार नहीं होते थे लेकिन हमने कोशिशें जारी रखीं। जल्द इसका असर दिखने लगा और लोग भी हमसे संपर्क करने लगे। अब लाहुल की स्थिति बेहतर है और ये अच्छी बात है।
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