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हिमाचल ! केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर टेरिटोरियल आर्मी में पदोन्नत होकर कैप्टन बन गए हैं एवं अपनी इस उपलब्धि को उन्होंने भारतीय सेना व सवा सौ करोड़ देश वासियों को समर्पित किया है। श्री अनुराग ठाकुर वर्तमान में 124 सिख बटालियन के लेफ्टिनेंट के बाद अब कैप्टन के रूप में अपनी सेवाएँ देंगे। कैप्टन पद पर पदोन्नत होने के बाद अनुराग ठाकुर ने संसद भवन जाकर स्पीकर ओम् बिरला से भेंट की। स्पीकर ओम् बिरला ने उन्हें इस उपलब्धि की शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अनुराग ठाकुर एक सैनिक परिवार से आते हैं।उनके दादा सेना में थे। अनुराग ठाकुर के पिता की हार्दिक इच्छा थी कि अनुराग ठाकुर भी सेना में जाएँ।।उन्होंने टेटोरियल आर्मी ज्वॉइन करके वीरभूमि का मान बढ़ाया।शअनुराग ठाकुर के पिता श्री प्रेम कुमार धूमल ने संसद में सबसे पहले वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा उठाया था। इस उपलब्धि पर अनुराग ठाकुर ने कहा “ मेरे दादा सेना में थे और बचपन से ही मैंने सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का सपना देखा था जोकि टेरिटोरियल आर्मी के माध्यम से पूरा हुआ।मैं अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज को संसद में उठाता रहा हूँ और टेरीटोरियल आर्मी में कैप्टन के रूप में देश की सेवा भी करूंगा” अनुराग ठाकुर ने कहा” मैं वीरभूमि हिमाचल प्रदेश से आता हूं और अपना सौभाग्य समझता हूं कि मुझे सेना ने आज मुझपर विश्वास जताते हुए कैप्टन बनाकर देशसेवा का सुअवसर दिया।मुझे खुशी इस बात की है कि देश में जब भारत मां मुझे पुकारेगी तब मैं ना केवल भाषण दूंगा बल्कि वर्दी पहनकर वीर सैनिकों के साथ खड़ा रहूंगा और देश की सेवा करूंगा।यह मेरे लिए सपना सच होने जैसा है।यह उपलब्धि मैं भारतीय सेना व सवा सौ करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूँ”
हिमाचल ! केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर टेरिटोरियल आर्मी में पदोन्नत होकर कैप्टन बन गए हैं एवं अपनी इस उपलब्धि को उन्होंने भारतीय सेना व सवा सौ करोड़ देश वासियों को समर्पित किया है। श्री अनुराग ठाकुर वर्तमान में 124 सिख बटालियन के लेफ्टिनेंट के बाद अब कैप्टन के रूप में अपनी सेवाएँ देंगे। कैप्टन पद पर पदोन्नत होने के बाद अनुराग ठाकुर ने संसद भवन जाकर स्पीकर ओम् बिरला से भेंट की। स्पीकर ओम् बिरला ने उन्हें इस उपलब्धि की शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
अनुराग ठाकुर एक सैनिक परिवार से आते हैं।उनके दादा सेना में थे। अनुराग ठाकुर के पिता की हार्दिक इच्छा थी कि अनुराग ठाकुर भी सेना में जाएँ।।उन्होंने टेटोरियल आर्मी ज्वॉइन करके वीरभूमि का मान बढ़ाया।शअनुराग ठाकुर के पिता श्री प्रेम कुमार धूमल ने संसद में सबसे पहले वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा उठाया था। इस उपलब्धि पर अनुराग ठाकुर ने कहा “ मेरे दादा सेना में थे और बचपन से ही मैंने सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का सपना देखा था जोकि टेरिटोरियल आर्मी के माध्यम से पूरा हुआ।मैं अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज को संसद में उठाता रहा हूँ और टेरीटोरियल आर्मी में कैप्टन के रूप में देश की सेवा भी करूंगा”
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अनुराग ठाकुर ने कहा” मैं वीरभूमि हिमाचल प्रदेश से आता हूं और अपना सौभाग्य समझता हूं कि मुझे सेना ने आज मुझपर विश्वास जताते हुए कैप्टन बनाकर देशसेवा का सुअवसर दिया।मुझे खुशी इस बात की है कि देश में जब भारत मां मुझे पुकारेगी तब मैं ना केवल भाषण दूंगा बल्कि वर्दी पहनकर वीर सैनिकों के साथ खड़ा रहूंगा और देश की सेवा करूंगा।यह मेरे लिए सपना सच होने जैसा है।यह उपलब्धि मैं भारतीय सेना व सवा सौ करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूँ”
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