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कांगडा , 14 अप्रैल ! राज्यस्तरीय बैशाखी मेले का आयोजन श्री कालेश्वर महादेव में बड़ी धूमधाम से किया गया। इस तीन दिवसीय मेले का दूसरा दिन था । इस मौके पर सैंकड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। ये मेला कालेश्वर महादेव में ब्यास नदी के किनारे लगता हैं । मेला ब्यास नदी के दोनों तरफ लगता है। इस दौरान श्री कलेश्वर महादेव व पंचतीर्थी में स्नान करने जाने के लये लोग ब्यास नदी को पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा नहाने आने वालों के लिए तो पुख्ता प्रबंध किए थे। लेकिन नाव की सवारी करने बालों के लिए सुरक्षा का ध्यान रखने में प्रशासन पूरी तरह से चूक गया। क्योंकि जो नाव यहां लोगों को आर पार पहुंवहाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। वह मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नाव है। इतना ही नहीं नाव में सुरक्षा के लिए कोई भी प्रबंध नहीं थे । नाव में सुरक्षा जैकेट भी नहीं थी। हर बार यहां कोई न कोई हादसा होता है। प्रशासन ने जगह जगह पुलिस जवान होमगार्ड जवान व एस डी आर ऑफ की टीम भी तैनात की थी । ताकि लोग ज्यादा गहरे पानी में न जाएं। लेकिन शनिवार को मेले के दूसरे दिन नदी पार करते समय 11 बजे के करीब एक नाव में पलट गई। नाव में 2 छोटे बच्चे महिला सहित 11 लोग सवार थे। एस.डी.आर.एफ कांगड़ा के हेड कॉस्टेबल बबली कुमार ने बताया कि उनकी टीम मौके पर ही थी। और एस.डी.आर.एफ टीम के सभी सदस्य व आपदा मित्रों ने डूब रहे लोगों को बचाया। ऐसा हादसा न हो मीडिया ने डी सी कांगड़ा हेमराज बैरवा को चेताया था। कि हर बार नाव में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं होते हैं। न ही सुरक्षा जैकेट मुहैया करवाई जाती हैं। डी कांगड़ा ने सुरक्षा प्रबंध पुख्ता होने का हवाला दिया था। सुबह हुए इस हादसे में लोगों की जान तो बच गयी । लेकिन प्रशासन अभी भी नींद से नहीं जागा है। उधर देर शाम मेले में आये स्थानीय निवासी उपेंद्र कुमार ने परिवार सहित नाव की सवारी की। जब उन्हें किसी ने बताया कि एक नाव सुबह डूब गई थी। तो उन्होंने बताया कि वह सन रह गए। और सुनने मात्र से ही उन्हें डर लग रहा है। कि हमें मछली पकड़ने वाली नाव में सवारी की ओर हम सुरक्षित बाहर आ गए हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि रविवार को भी मेला होगा । प्रशासन इसके लिए पुख्ता प्रबंध करें । ताकि ऐसे हादसे की नोबत न आये। जब हमने इस पत्तन के ठेकेदार से बात करनी चाही तो वो भागते नज़र आये।
कांगडा , 14 अप्रैल ! राज्यस्तरीय बैशाखी मेले का आयोजन श्री कालेश्वर महादेव में बड़ी धूमधाम से किया गया। इस तीन दिवसीय मेले का दूसरा दिन था । इस मौके पर सैंकड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। ये मेला कालेश्वर महादेव में ब्यास नदी के किनारे लगता हैं । मेला ब्यास नदी के दोनों तरफ लगता है। इस दौरान श्री कलेश्वर महादेव व पंचतीर्थी में स्नान करने जाने के लये लोग ब्यास नदी को पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं।
हालांकि प्रशासन द्वारा नहाने आने वालों के लिए तो पुख्ता प्रबंध किए थे। लेकिन नाव की सवारी करने बालों के लिए सुरक्षा का ध्यान रखने में प्रशासन पूरी तरह से चूक गया। क्योंकि जो नाव यहां लोगों को आर पार पहुंवहाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। वह मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नाव है। इतना ही नहीं नाव में सुरक्षा के लिए कोई भी प्रबंध नहीं थे ।
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नाव में सुरक्षा जैकेट भी नहीं थी। हर बार यहां कोई न कोई हादसा होता है। प्रशासन ने जगह जगह पुलिस जवान होमगार्ड जवान व एस डी आर ऑफ की टीम भी तैनात की थी । ताकि लोग ज्यादा गहरे पानी में न जाएं। लेकिन शनिवार को मेले के दूसरे दिन नदी पार करते समय 11 बजे के करीब एक नाव में पलट गई। नाव में 2 छोटे बच्चे महिला सहित 11 लोग सवार थे।
एस.डी.आर.एफ कांगड़ा के हेड कॉस्टेबल बबली कुमार ने बताया कि उनकी टीम मौके पर ही थी। और एस.डी.आर.एफ टीम के सभी सदस्य व आपदा मित्रों ने डूब रहे लोगों को बचाया। ऐसा हादसा न हो मीडिया ने डी सी कांगड़ा हेमराज बैरवा को चेताया था। कि हर बार नाव में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं होते हैं। न ही सुरक्षा जैकेट मुहैया करवाई जाती हैं। डी कांगड़ा ने सुरक्षा प्रबंध पुख्ता होने का हवाला दिया था।
सुबह हुए इस हादसे में लोगों की जान तो बच गयी । लेकिन प्रशासन अभी भी नींद से नहीं जागा है। उधर देर शाम मेले में आये स्थानीय निवासी उपेंद्र कुमार ने परिवार सहित नाव की सवारी की। जब उन्हें किसी ने बताया कि एक नाव सुबह डूब गई थी। तो उन्होंने बताया कि वह सन रह गए। और सुनने मात्र से ही उन्हें डर लग रहा है। कि हमें मछली पकड़ने वाली नाव में सवारी की ओर हम सुरक्षित बाहर आ गए हैं।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि रविवार को भी मेला होगा । प्रशासन इसके लिए पुख्ता प्रबंध करें । ताकि ऐसे हादसे की नोबत न आये। जब हमने इस पत्तन के ठेकेदार से बात करनी चाही तो वो भागते नज़र आये।
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