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कांगड़ा ! बिक्रम ठाकुर आज जसवां परागपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत तियामल के गाँव सुभाषपुर व ग्राम पंचायत क़स्बा जागीर के गाँव सुल्याह में जनसंवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों से रूबरू होकर जन समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदेश सरकार के सुशासन के अभिनव उदाहरण है। उन्होंने पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम की जयंती के अवसर पर उनके योगदान को याद करते हुए, लोगों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि बाबा कांशीराम ने हिमाचल के हर क्षेत्र में घूम घूम कर अपने गीतों और कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता की अलख़ जगायी। उनके गीत और कविताएँ लोक भाषा और बोलियों में होने की वजह से पहाड़ के लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ती थीं। उन्होंने बाबा कांशीराम की पंक्तियाँ “मैं कुण, कुण घराना मेरा, सारा हिन्दुस्तान ए मेरा। भारत माँ है मेरी माता, ओ जंजिरा जकड़ी ए। ओ अंग्रेजाँ पकड़ी ए, उस नू आजाद कराणा ए” को बताते हुए कहा कि इन पंक्तियों से ही भारत की स्वतंत्रता के प्रति उनके भाव स्पष्ट होते हैं। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करने तथा जन शिकायतों का त्वरित समाधान करने के लिए जनमंच कार्यक्रम कारगर सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन लोगों की समस्याओं, शिकायतों, मांगो व सुझावों को दर्ज करवाने के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताना है कि कैसे लोगों द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है तथा इन योजनाओं से लोगों के आवास, पेयजल की उपलब्धता, भोजन, स्वास्थ्य तथा पोषण, जीवनयापन तथा वित्तीय समावेश पर क्या बदलाव हुए हैं। इन योजनाओं में मुख्यतः प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, गृहणी सुविधा योजना, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातरू वंदना योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी), जल जीवन मिशन एवं अमरूत, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना, हिम केयर, आयुष्मान भारत हैल्थ एण्ड वैलनेस सैन्टर तथा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शामिल हैं। उन्होंने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस बजट में बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पैंशन के लिए आयु सीमा 70 से घटाकर 60 वर्ष की गई है। वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 80 से घटाकर 60 वर्ष की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार घरद्वार पर समस्याओं के समाधान और योजनाओं के लाभ पहुँचाने हेतु संकल्पित है। इसके उपरांत उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना। अधिकतर समस्याओं का मौके पर निपटारा कर दिया गया और शेष समस्याओं के समाधान के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के निर्देश दिए।
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