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ऊना ! हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व संयुक्त सचिव व प्रदेश के वरिष्ठ कर्मचारी नेता रहे हरिओम भनोट ने कहा कि प्रदेश सरकार को छठा वेतन आयोग कर्मचारियों के साथ ही पेंशनर्स को देना चाहिए था, भनोट ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों और पेंशनरों के बीच में इस प्रकार से भेदभाव हुआ है । भनोट ने जारी प्रेस बयान में कहा कि 7 जनवरी को पेंशनर्स हमीरपुर में बैठक कर रणनीति तैयार करेंगे। सरकार के समक्ष मसले को उठाया जाएगा उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों की संख्या में पेंशनर्स है इनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए और आज तक कभी ऐसा हुआ नहीं है यह पहली बार पेंशनर्स के साथ इस प्रकार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस भेदभाव को दूर करते हुए पेंशनरस को भी छठे वेतन आयोग का लाभ देने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए ।भनोट ने कहा कि देर सवेर यह लाभ कर्मचारियों को मिलना ही है, इसमें देरी करना नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए टाइम से पेंशनरस को उनका हक दिया जाना चाहिए। हरिओम भनोट ने कहा कि सरकार से अपने हक की मांग को लेकर प्रदेश के सभी पेंशनर संघ को एक बैनर के तले आना चाहिए संयुक्त रूप से बात करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि भारतीय पेंशनर संघ के बैठक का आयोजन हमीरपुर में किया जा रहा है, इसमें आगामी रणनीति को तय किया जाएगा, हर पक्ष को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्मचारी व पेंशन अपने अधिकारों की लड़ाई को लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनर के साथ प्रदेश सरकार को बैठक करनी चाहिए और उसमें पेंशनर्स के मसले को हल करना चाहिए। भनोट ने कहा कि पेंशनर जो भी निर्णय लेंगे उसे पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। भनोट ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को प्रदेश की सरकार ने स्वीकृत किया है और अनेक राहत दी हैं इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम का आभार है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी और सरकार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए दोनों में सामंजस्य से बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि प्रदेश सरकार पेंशनर्स के साथ हुए भेदभाव को भी जल्द दूर करेंगी।
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