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ऊना , 08 दिसंबर [ शिवानी ] ! देश में पहली बार हो रही खेलों इंडिया पैरा गेम का आयोजन 10 से 17 दिसंबर को दिल्ली में होगा। जिसमें देश के हर राज्यों से चयनित पैरा खिलाड़ी भाग लेंगे। जिसमें हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से संबंध रखने वाले सुनील कुमार का भी चयन हुआ है। खेलों इंडिया के द्वारा ये खेलें पैरा खिलाड़ियों के लिए देश में पहली बार करवाई जा रही है। जिसमें प्रदेश के 23 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। सुनील कुमार ने बताया कि पुणे महाराष्ट्र में हुई 21वी नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप टी-40 ड्वार्फ केटेगरी जैवलिन थ्रो में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। और देश के टॉप 10 खिलाड़ियों में अपना नाम शामिल करवाया था। जिसकी वजह से आज उनका चयन खेलों इंडिया पैरा गेम में हुआ है। सुनील कुमार ने इसका श्रेय अपने माता पिता और कोच ललित ठाकुर को दिया है। उन्होंने कहा कि कोच के मार्गदर्शन से ही वो आज यहां तक पहुंच पाए है। और आगे भी लगातार मेहनत करके प्रदेश व देश के लिए मेडल लाने का प्रयास करेंगे। सुनील ने कहां की अब प्रदेश सरकार को भी पैरा खिलाड़ियों के बारे मैं सोचना चाहिए। और हरियाणा की तरह हिमाचल में जल्द से जल्द खेल नीति को बनाया जाना चाहिए। और नेशनल मेडलिस्ट पैरा खिलाड़ियों को उत्तराखंड राज्य की तरह सीधी भर्ती करके नोकरी दी जाना चाहिए। ताकि प्रदेश के पैरा खिलाड़ी भी खेलों में अपना भविष्य को बना सके। इसके लिए सरकार को खिलाड़ियों और कोच को विशेष सुविधा देने की जरूरत है। ताकि खिलाड़ी अपना अच्छे से अभ्यास करके राष्ट्रीय स्तर पर मेडल ला करके देश में प्रदेश का मान सम्मान को बढ़ाएं।
ऊना , 08 दिसंबर [ शिवानी ] ! देश में पहली बार हो रही खेलों इंडिया पैरा गेम का आयोजन 10 से 17 दिसंबर को दिल्ली में होगा। जिसमें देश के हर राज्यों से चयनित पैरा खिलाड़ी भाग लेंगे। जिसमें हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से संबंध रखने वाले सुनील कुमार का भी चयन हुआ है। खेलों इंडिया के द्वारा ये खेलें पैरा खिलाड़ियों के लिए देश में पहली बार करवाई जा रही है। जिसमें प्रदेश के 23 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे।
सुनील कुमार ने बताया कि पुणे महाराष्ट्र में हुई 21वी नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप टी-40 ड्वार्फ केटेगरी जैवलिन थ्रो में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। और देश के टॉप 10 खिलाड़ियों में अपना नाम शामिल करवाया था। जिसकी वजह से आज उनका चयन खेलों इंडिया पैरा गेम में हुआ है।
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सुनील कुमार ने इसका श्रेय अपने माता पिता और कोच ललित ठाकुर को दिया है। उन्होंने कहा कि कोच के मार्गदर्शन से ही वो आज यहां तक पहुंच पाए है। और आगे भी लगातार मेहनत करके प्रदेश व देश के लिए मेडल लाने का प्रयास करेंगे। सुनील ने कहां की अब प्रदेश सरकार को भी पैरा खिलाड़ियों के बारे मैं सोचना चाहिए। और हरियाणा की तरह हिमाचल में जल्द से जल्द खेल नीति को बनाया जाना चाहिए। और नेशनल मेडलिस्ट पैरा खिलाड़ियों को उत्तराखंड राज्य की तरह सीधी भर्ती करके नोकरी दी जाना चाहिए। ताकि प्रदेश के पैरा खिलाड़ी भी खेलों में अपना भविष्य को बना सके।
इसके लिए सरकार को खिलाड़ियों और कोच को विशेष सुविधा देने की जरूरत है। ताकि खिलाड़ी अपना अच्छे से अभ्यास करके राष्ट्रीय स्तर पर मेडल ला करके देश में प्रदेश का मान सम्मान को बढ़ाएं।
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