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मंडी ! छोटी काशी की एक बेटी ने फिर से मंडी जिला को गौरवान्वित किया है। मंडी शहर की ममता ठाकुर ने इंटरनेशनल कांफ्रेस में ‘बेस्ट टीचर आवार्ड-2020ञ हासिल कर जिला के साथ प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। राजकीय महाविद्यालय द्रंग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर ममता ठाकुर ने हॉल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली में इंटरनेशनल कांफ्रेस ऑन एडवांस एंड इनोवेशन इन एग्रीकल्चर एंड एप्लाईड साईंसज्-2020 में ‘बेस्ट टीचर आवार्डञ हासिल किया। काबिले जिक्र है कि ममता ठाकुर छोटी काशी मंडी शहर की स्थाई निवासी हैं। ममता विगत 15 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। ममता बॉटनी की अध्यापक हैं और अपनी सेवाओं के साथ-साथ वह बॉटनी में शोध में भी लगी हैं। वह लुप्त हो रही पौधों की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कर रही हैं। इंटरनेशनल कांफ्रेेंस के दौरान ममता को बॉटनी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों और उनकी प्रजैंटेशन के लिए ‘बैस्ट टीचर आवार्ड-2020ञ से सम्मानित किया गया। ममता को यह आवार्ड आई.ए.आर.आई के निदेेशक डॉ. ए.के.सिंह, डीप्टी डायरेक्टर जनरल आरसी अग्रवाल, डायरेक्टर जनरल प्रो0 राजेन्द्र कुमार की मौजूदगी में हासिल हुआ। ममता अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरू जनों, माता-पिता, परविार के साथ-साथ अपने पति डॉ0 संजीव परमार को दिया जिन्होंन इस उपलब्धि को हासिल करने में उनका पूर्ण सहयोग दिया।
मंडी ! छोटी काशी की एक बेटी ने फिर से मंडी जिला को गौरवान्वित किया है। मंडी शहर की ममता ठाकुर ने इंटरनेशनल कांफ्रेस में ‘बेस्ट टीचर आवार्ड-2020ञ हासिल कर जिला के साथ प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। राजकीय महाविद्यालय द्रंग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर ममता ठाकुर ने हॉल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली में इंटरनेशनल कांफ्रेस ऑन एडवांस एंड इनोवेशन इन एग्रीकल्चर एंड एप्लाईड साईंसज्-2020 में ‘बेस्ट टीचर आवार्डञ हासिल किया। काबिले जिक्र है कि ममता ठाकुर छोटी काशी मंडी शहर की स्थाई निवासी हैं। ममता विगत 15 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। ममता बॉटनी की अध्यापक हैं और अपनी सेवाओं के साथ-साथ वह बॉटनी में शोध में भी लगी हैं। वह लुप्त हो रही पौधों की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कर रही हैं।
इंटरनेशनल कांफ्रेेंस के दौरान ममता को बॉटनी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों और उनकी प्रजैंटेशन के लिए ‘बैस्ट टीचर आवार्ड-2020ञ से सम्मानित किया गया। ममता को यह आवार्ड आई.ए.आर.आई के निदेेशक डॉ. ए.के.सिंह, डीप्टी डायरेक्टर जनरल आरसी अग्रवाल, डायरेक्टर जनरल प्रो0 राजेन्द्र कुमार की मौजूदगी में हासिल हुआ। ममता अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरू जनों, माता-पिता, परविार के साथ-साथ अपने पति डॉ0 संजीव परमार को दिया जिन्होंन इस उपलब्धि को हासिल करने में उनका पूर्ण सहयोग दिया।
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