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चम्बा ! पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा में विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस बेच 2024 के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा के प्राचार्य डॉ पंकज गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि स्ंायुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत द्वारा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया था। इसमें भारत के साथ श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको, लिकटेंस्टीन और अंडोरा इन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे। जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व ध्यान दिवस के शीर्षक वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई थी।डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि हर साल इस दिन को खास थीम के साथ मनाया जाता है और साल 2024 में विश्व ध्यान दिवस की थीम आंतरिक शांति, वैश्विक सदभाव तय की गई है। जिसका उद्देश्य मानसिक तथा आंतरिक या मन की शांति के जरिए दुनियाभर में शांति कायम करना तथा लोगोें को ध्यान मेडिटेंशन के लिए प्रेरित करके सकारात्मक जीवन जीना है। डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि ध्यान आपके भीतर मौजूद शांति के द्वार की कुंजी है। ध्यान की शांति में, ब्रह्मांड बोलता है। ध्यान वास्तविकता से भागना नहीं है, यह अराजकता के बीच खुद को खोजना है। शांत साँस लें, तनाव को बाहर निकालें, और अपनी आत्मा को फिर से जीवंत होने दें। इसके उपरान्त डॉ नीरज शर्मा विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा ने प्रशिक्षुओ को विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य पर अपने विचार सांझा किए और कहा कि ध्यान के माध्यम से, आप अपने मन की अनंत शक्ति की खोज करते हैं। आप जितने शांत होते हैं, उतना ही आप अपने भीतर की आवाज सुन पाते हैं। ध्यान ध्वनि से मौन, गति से शांति की यात्रा है। ध्यान के अभ्यास के माध्यम से अपने आंतरिक अभयारण्य को खोजें। प्रतिदिन ध्यान के कुछ क्षण आपके पूरे दृष्टिकोण को बदल सकते हैं। ध्यान एक नया व्यक्ति बनने के बारे में नहीं हैय यह वास्तविक आप बनने के बारे में है। इस मोके पर शारीरिक प्रशिक्षक इमरान खान, बोधराज सहित अन्य स्वाथ्य कर्मचारी मौजूद रहे।
चम्बा ! पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा में विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस बेच 2024 के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा के प्राचार्य डॉ पंकज गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि स्ंायुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत द्वारा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया था। इसमें भारत के साथ श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको, लिकटेंस्टीन और अंडोरा इन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे। जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व ध्यान दिवस के शीर्षक वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि हर साल इस दिन को खास थीम के साथ मनाया जाता है और साल 2024 में विश्व ध्यान दिवस की थीम आंतरिक शांति, वैश्विक सदभाव तय की गई है। जिसका उद्देश्य मानसिक तथा आंतरिक या मन की शांति के जरिए दुनियाभर में शांति कायम करना तथा लोगोें को ध्यान मेडिटेंशन के लिए प्रेरित करके सकारात्मक जीवन जीना है।
डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि ध्यान आपके भीतर मौजूद शांति के द्वार की कुंजी है। ध्यान की शांति में, ब्रह्मांड बोलता है। ध्यान वास्तविकता से भागना नहीं है, यह अराजकता के बीच खुद को खोजना है। शांत साँस लें, तनाव को बाहर निकालें, और अपनी आत्मा को फिर से जीवंत होने दें। इसके उपरान्त डॉ नीरज शर्मा विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा ने प्रशिक्षुओ को विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य पर अपने विचार सांझा किए और कहा कि ध्यान के माध्यम से, आप अपने मन की अनंत शक्ति की खोज करते हैं। आप जितने शांत होते हैं, उतना ही आप अपने भीतर की आवाज सुन पाते हैं। ध्यान ध्वनि से मौन, गति से शांति की यात्रा है। ध्यान के अभ्यास के माध्यम से अपने आंतरिक अभयारण्य को खोजें। प्रतिदिन ध्यान के कुछ क्षण आपके पूरे दृष्टिकोण को बदल सकते हैं। ध्यान एक नया व्यक्ति बनने के बारे में नहीं हैय यह वास्तविक आप बनने के बारे में है।
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इस मोके पर शारीरिक प्रशिक्षक इमरान खान, बोधराज सहित अन्य स्वाथ्य कर्मचारी मौजूद रहे।
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