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चम्बा , 11 मार्च [ शिवानी ] ! 100 दिवसीय टीबी जांच पहचान अभियान के तहत मीडिया कर्मियों के वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिपिन की अध्यक्षता में आयोजित इस वर्कशॉप के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिपिन ने जहाँ चम्बा जिले के संपन्न लोगों से निक्क्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों की मदद को आगे आने का आह्वान किया। तो वहीं टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीक के सवास्थ्य केंद्र में जाकर अपने इलाज का भी परामर्श दिया गया। कुल मिलाकर इस वर्कशॉप के माध्यम से 100 दिवसीय अभियान की जांच प्रक्रिया के परिणाम पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान जहां टीबी के लक्षण और उनकी पहचान की जानकारी दी गई तो वहीं संपन्न लोगों से टीबी के मरीजों की मदद के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अपना पंजीकरण करवाने का भी आह्वान किया गया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरित पुरी ने दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत चंबा जिले में चालीस नये मरीज डिटेक्ट किए गए हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि टीबी के एमडीआर मरीज को अब लंबे समय तक दवाई खाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि बेहद कम समय के लिए नियमित तौर पर दवाईयां खाकर मरीज एकदम ठीक हो सकते हैं।
चम्बा , 11 मार्च [ शिवानी ] ! 100 दिवसीय टीबी जांच पहचान अभियान के तहत मीडिया कर्मियों के वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिपिन की अध्यक्षता में आयोजित इस वर्कशॉप के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिपिन ने जहाँ चम्बा जिले के संपन्न लोगों से निक्क्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों की मदद को आगे आने का आह्वान किया। तो वहीं टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीक के सवास्थ्य केंद्र में जाकर अपने इलाज का भी परामर्श दिया गया।
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कुल मिलाकर इस वर्कशॉप के माध्यम से 100 दिवसीय अभियान की जांच प्रक्रिया के परिणाम पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान जहां टीबी के लक्षण और उनकी पहचान की जानकारी दी गई तो वहीं संपन्न लोगों से टीबी के मरीजों की मदद के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अपना पंजीकरण करवाने का भी आह्वान किया गया।
इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरित पुरी ने दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत चंबा जिले में चालीस नये मरीज डिटेक्ट किए गए हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि टीबी के एमडीआर मरीज को अब लंबे समय तक दवाई खाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि बेहद कम समय के लिए नियमित तौर पर दवाईयां खाकर मरीज एकदम ठीक हो सकते हैं।
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