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शिमला , 20 फरवरी [ विशाल सूद ] ! जलवायु परिवर्तन को लेकर शिमला में कार्यशाला, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना बोले बंद कमरों के बजाय जमीनी स्तर काम करने की दी नसीहत, बोले जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को जन आंदोलन बनाने की जरूरत, राजनीतिक दल को भी इस विषय में आगे बढ़ने की आवश्यकता। हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का असर देखने को मिल रहा है जिसका सीधा प्रभाव कृषि बागवानी के साथ समाज पर भी पड़ रहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को लेकर जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया है और राजनीतिक दलों को भी इस विषय को अपने मैनिफेस्टो में शामिल करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव आज शिमला में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सौजन्य से पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा "बदलती जलवायु में राज्य मानव विकास रिपोर्ट" पर ओरिएंटेशन कार्यशाला में बोल रहे थे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन को लेकर बंद कमरों में कार्यशाला करने के बजाय स्कूल, कॉलेज, रिसर्च सेंटर और पंचायत स्तर जागरूकता अभियान चलाने की विभाग को नसीहत दी है ताकि प्रभावित लोग जागरूक हो सकें।मुख्य सचिव ने कहा कि राजनीतिक दलों को भी जलवायु परिवर्तन के विषय को अपने मैनिफेस्टो में शामिल करना चाहिए हालांकि दिल्ली चुनावों में इस बार प्रदूषण और यमुना नदी की गंदगी राजनीतिक दलों ने मुद्दा बनाया। इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ नशा और बच्चों के हेल्थ पेरा मीटर पूरे न होने पर चिंता जाहिर की। हिमाचल प्रदेश में 24 फ़ीसदी बच्चे सही आहार न लेने की वजह से हेल्थ पैरामीटर को पूरा नहीं करते हैं। ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में गरीबी है लेकिन ग़लत आहार की वजह से ऐसा हो रहा है। मुख्य सचिव ने उम्मीद जताई कि इस कार्यशाला के बाद विभाग पोस्ट रिपोर्ट प्लान लेकर आएगा।
शिमला , 20 फरवरी [ विशाल सूद ] ! जलवायु परिवर्तन को लेकर शिमला में कार्यशाला, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना बोले बंद कमरों के बजाय जमीनी स्तर काम करने की दी नसीहत, बोले जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को जन आंदोलन बनाने की जरूरत, राजनीतिक दल को भी इस विषय में आगे बढ़ने की आवश्यकता।
हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का असर देखने को मिल रहा है जिसका सीधा प्रभाव कृषि बागवानी के साथ समाज पर भी पड़ रहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को लेकर जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया है और राजनीतिक दलों को भी इस विषय को अपने मैनिफेस्टो में शामिल करने की नसीहत दी है।
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मुख्य सचिव आज शिमला में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सौजन्य से पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा "बदलती जलवायु में राज्य मानव विकास रिपोर्ट" पर ओरिएंटेशन कार्यशाला में बोल रहे थे।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन को लेकर बंद कमरों में कार्यशाला करने के बजाय स्कूल, कॉलेज, रिसर्च सेंटर और पंचायत स्तर जागरूकता अभियान चलाने की विभाग को नसीहत दी है ताकि प्रभावित लोग जागरूक हो सकें।मुख्य सचिव ने कहा कि राजनीतिक दलों को भी जलवायु परिवर्तन के विषय को अपने मैनिफेस्टो में शामिल करना चाहिए हालांकि दिल्ली चुनावों में इस बार प्रदूषण और यमुना नदी की गंदगी राजनीतिक दलों ने मुद्दा बनाया।
इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ नशा और बच्चों के हेल्थ पेरा मीटर पूरे न होने पर चिंता जाहिर की। हिमाचल प्रदेश में 24 फ़ीसदी बच्चे सही आहार न लेने की वजह से हेल्थ पैरामीटर को पूरा नहीं करते हैं।
ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में गरीबी है लेकिन ग़लत आहार की वजह से ऐसा हो रहा है। मुख्य सचिव ने उम्मीद जताई कि इस कार्यशाला के बाद विभाग पोस्ट रिपोर्ट प्लान लेकर आएगा।
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