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शिमला , 25 नवंबर [ शिवानी ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एसपी शिमला के खिलाफ और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर किया जोरदार प्रदर्शन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शिमला में एसपी के खिलाफ और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया। एबीवीपी का कहना है कि पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण न केवल आम जनता और छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है, बल्कि भूमाफिया को भी खुला संरक्षण मिल रहा है। एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अमन अदिति ने भाषण के दौरान कहा है कि शिमला सहित प्रदेशभर में भूमाफिया खुलेआम सक्रिय हैं। प्रशासन उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के बजाय अप्रत्यक्ष रूप से उनका सहयोग कर रहा है। ये भूमाफिया केवल जमीन हड़पने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि छात्रों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर भी अनावश्यक दबाव बना रहे हैं।उन्होंने ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। आए दिन हो रही चोरी, लूटपाट, महिलाओं पर अत्याचार और युवाओं पर बढ़ते अपराध इस बात का प्रमाण हैं कि प्रशासन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असफल हो रहा है। हाल ही में रामकृष्ण मिशन आश्रम में हुई घटना में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की, इस घटना में ऐसे बाहरी राज्यों से लोगों को बुलाया गया यहां तक कि बाहरी देश जैसे बांग्लादेश तक से लोगों को बुलाया जाता है, जो कि पेशे से बाउंसर्स थे और उनके द्वारा इस घटना को योजना बद्ध तरीके से लागू किया गया जो कि इस प्रदेश के लिए बहुत ही शर्मसार करने वाला विषय है, और पुलिस प्रशासन द्वारा न ही किसी पहचान पत्र के तहत इनकी पहचान की जाती है और न ही पुलिस प्रशासन को इनके आने की सूचना होती है , जिस से की पुलिस प्रशासन की नाकामी सामने आती है और पुलिस के लोगों का इसमें शामिल होने की आशंका भी है। परिषद का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के बजाय पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए परिषद के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। विद्यार्थी परिषद यह मांग करता है कि भूमाफिया की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए और उन्हें संरक्षण देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। पुलिस प्रशासन को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। अपराधों पर रोकथाम और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। रामकृष्ण मिशन आश्रम में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ हुई घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए। शिमला एसपी के पक्षपातपूर्ण रवैये की उच्चस्तरीय जांच की जाए और यदि वे दोषी पाए जाएं, तो उन्हें उनके पद से हटाया जाए । एबीवीपी द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में छात्रों भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एसपी शिमला के तत्काल निलंबन की मांग की। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और प्रदर्शनकारियों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि संगठन छात्रों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। प्रदेश में भूमाफिया और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। एबीवीपी ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा। यदि प्रशासन ने समय रहते एबीवीपी की मांगों को नहीं माना, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा करेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता।
शिमला , 25 नवंबर [ शिवानी ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एसपी शिमला के खिलाफ और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर किया जोरदार प्रदर्शन।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शिमला में एसपी के खिलाफ और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया। एबीवीपी का कहना है कि पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण न केवल आम जनता और छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है, बल्कि भूमाफिया को भी खुला संरक्षण मिल रहा है।
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एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अमन अदिति ने भाषण के दौरान कहा है कि शिमला सहित प्रदेशभर में भूमाफिया खुलेआम सक्रिय हैं। प्रशासन उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के बजाय अप्रत्यक्ष रूप से उनका सहयोग कर रहा है।
ये भूमाफिया केवल जमीन हड़पने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि छात्रों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर भी अनावश्यक दबाव बना रहे हैं।उन्होंने ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। आए दिन हो रही चोरी, लूटपाट, महिलाओं पर अत्याचार और युवाओं पर बढ़ते अपराध इस बात का प्रमाण हैं कि प्रशासन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असफल हो रहा है।
हाल ही में रामकृष्ण मिशन आश्रम में हुई घटना में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की, इस घटना में ऐसे बाहरी राज्यों से लोगों को बुलाया गया यहां तक कि बाहरी देश जैसे बांग्लादेश तक से लोगों को बुलाया जाता है, जो कि पेशे से बाउंसर्स थे और उनके द्वारा इस घटना को योजना बद्ध तरीके से लागू किया गया जो कि इस प्रदेश के लिए बहुत ही शर्मसार करने वाला विषय है, और पुलिस प्रशासन द्वारा न ही किसी पहचान पत्र के तहत इनकी पहचान की जाती है और न ही पुलिस प्रशासन को इनके आने की सूचना होती है , जिस से की पुलिस प्रशासन की नाकामी सामने आती है और पुलिस के लोगों का इसमें शामिल होने की आशंका भी है।
परिषद का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के बजाय पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए परिषद के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया।
विद्यार्थी परिषद यह मांग करता है कि भूमाफिया की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए और उन्हें संरक्षण देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। पुलिस प्रशासन को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। अपराधों पर रोकथाम और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। रामकृष्ण मिशन आश्रम में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ हुई घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए।
शिमला एसपी के पक्षपातपूर्ण रवैये की उच्चस्तरीय जांच की जाए और यदि वे दोषी पाए जाएं, तो उन्हें उनके पद से हटाया जाए ।
एबीवीपी द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में छात्रों भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एसपी शिमला के तत्काल निलंबन की मांग की। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और प्रदर्शनकारियों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि संगठन छात्रों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। प्रदेश में भूमाफिया और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। एबीवीपी ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
यदि प्रशासन ने समय रहते एबीवीपी की मांगों को नहीं माना, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा करेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता।
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