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सोलन ! 15 मई [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! चुनाव तो राष्ट्र का है लेकिन हिमाचल में 6 विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव हो रहे हैं। और देश के क्षेत्रीय दल कांग्रेस का पूरा फोकस प्रांतीय राजनीति तक सीमित है किसी भी राष्ट्रीय एजेंडा पर बात नहीं कर रहे जो नॉरेटिव प्रदेश कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने निश्चित किया हैं उसमें दो प्रमुख बिंदु हैं1, आपदा में सहयोग राशि2, सरकार को अस्तर करने का भाजपा पर दोषारोपणफेडरल स्ट्रक्चर की संरचना के अधीन जो केंद्र से मिला उसे प्रदेश सरकार अपना अधिकार बताती है।जो उससे अधिक मिला वह मिलना ही था कह कर आगे बढ़ जाती है।लेकिन जो मिला उसका विवरण आज तक नहीं दे पाई। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ने कहा है हमने 22130 परिवारों को राहत दी मैं प्रदेश सरकार से इन 22130 लोगों की सूची मांगता हूं क्योंकि हमारे विधायक अगर इस सरकार के पास तारपाल मांगने भी गए तो इन्होंने FIR दी विनोद जी को नाचन के विधायक इसके गवाह है। जो सरकार ने खर्च किया उसका विवरण सामान्य मुख्यमंत्री बताएं। जो सरकार ने घोषणा की वह मैं लेकर आया हूं । व्यवस्था परिवर्तन सरकार ने 45000 करोड़ का आपदा राहत पैकेज घोषित किया कितना पैसा अपने यहां से दिया उसका विवरण सार्वजनिक करें। किस ब्लॉक में कितना नुकसान हुआ इसका आकलन के लिए दो बार पत्र जिलाधीशों को लिखा गया मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण के लिए सेंट्रल से एक टीम भेजी थी जिन्होंने प्रदेश के अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और वापस जाकर रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी उसकी प्रतिलिपि प्रदेश सरकार को भी उन्होंने दी प्रदेश सरकार उसको सर्वजनि करें। वर्तमान प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी हम प्रभावित लोगों को किराया देंगे सरकार बताएं कितने लोगों को इन्होंने कराया दिया। यहां तक के जो सरकारी कर्मचारी के घर इस आपदा में प्रभावित हुए उन्हें सरकारी आवास जो खाली पड़े थे वह भी अलॉट नहीं किए गए। हमने सरकार को प्रार्थना की प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुछ घर जो खाली पड़े हैं वह स्थाई तौर पर इनको आवंटित किए जाएं सरकार ने उसको सुना नहीं । आपदा राहत कोष में सरकार ने कितना पैसा इकट्ठा किया इसकी अनुमानित राशि 400 करोड़ से अधिक है कम है माननीय मुख्यमंत्री सही राशि बताएंराहत कोष का पैसा सेविंग अकाउंट HP State cooperative Bank के अकाउंट में इकट्ठा क्यों किया गया व current account में hdfc में क्यों खोला गया जब के हिमाचल प्रदेश की ट्रेजेडी sbi के पास है। इसका कारण मुख्यमंत्री जी सार्वजनिक करें । दो खाते क्यों खोले गए इसका विवरण सरकार दे। प्रदेश को आपदा घोषित क्यों नहीं किया गया यह हम पर इल्जाम है। आपदा घोषित मैन्युअल यह कहता है कि जब तक किसी प्रांत के क्षेत्रफल का 33% आपदा ग्रसित ना हो जाए उसे आपदा घोषित क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सकता। आपदा घोषित करवाने के पीछे की मानसिकता को समझना भी बहुत आवश्यक है। जब आपदा घोषित हो जाती है तो उसे देश के ऊपर बहुत से प्रतिबंध भी लग जाते हैं। प्रदेश सरकार को वर्ल्ड बैंक से लोन लेने में आसानी हो जाती है।इस गंदी मानसिकता के पीछे कांग्रेस का मूल उद्देश्य था। इसी मानसिकता को लेकर मुख्यमंत्री राजकुमारी प्रियंका गांधी को लेकर प्रदेश में घूमते रहे। यह गंभीर इल्जाम मैं लग रहा हूं प्रदेश सरकार इसका खंडन करें। इस राजनीतिक भ्रमण पर कितना खर्चा हुआ सरकार इसको सार्वजनिक करें। हम पर दूसरा इल्जामप्रदेश सरकार को अस्थिर करने का है।जिसे अपना घर नहीं समझता वह पड़ोसियों के हस्तक्षेप का इल्जाम लगाता हैं। तुमने अपने विधायकों को जलील किया तुम्हारी प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की तुम्हारे कार्यकर्ताओं को उपेक्षित महसूस करने का सफल प्रयास तुमने किया चुने हुए प्रतिनिधियों जनता के प्रति उत्तरदाई होता है ना के राजनीति के चुनाव चिन्ह गले में पहने हुए खूंटे पर बंधा हुआ नहीं होता । उसको उसे विधानसभा के क्षेत्र की दोनों लोग जानते हैं जिन्होंने मत दिया होता है और जिन्होंने मत नहीं दिया होता लेकिन मित्रों की सरकार ने नियुक्तियों पर कैबिनेट फौज खड़ी की राजनीतिक सीनियरिटी को वह योग्यता को दरकिनार करके अपने cps बनाएं समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं है जो इन 15 महीने के कार्यकाल में सड़क पर नहीं आया यह सारे विषय सरकार और संगठन के भीतर के थे। समय-समय पर हमने आपत्ति दर्ज की जो हमारा राजनीतिक धर्म था कांग्रेस उसे भीतर का लोकतंत्र बताती रही।लेकिन जिस प्रकार विधानसभा गेट पर गुंडे खड़े किए अगर जनप्रतिनिधि प्रेस संवाद करने भी आए तो कांग्रेस ने गुंडे भेजें आशियाना जो चल पान ग्रह है शिमला में अस्हमती दर्ज करने वाले के ऊपर अपने सहयोगी वह विरोध करने वाले विधायकों के परिवारों ऊपर अत्याचार व दबाव की राजनीति प्रारंभ की तीन विधायकों के ऊपर राजनीतिक दबाव दिया यह लोकतंत्र की सबसे भयावक और भयंकर तस्वीर हैजो आपसे असहमत हो आपक पक्ष में बात ना करें वह बिकाऊ यह परिभाषा किसने तय की। इसका श्रेय भी मुख्यमंत्री जी को लेना चाहिए। भाषाओं में सांप मेंढक भेड़ बकरी से लेकर सर कलम का श्रेय व्यवस्था परिवर्तन को लेना चाहिए। राजनीति से ओत-प्रत होकर कांग्रेस पार्टी के विधायक संवैधानिक पद पर बैठे कुलदीप पठानिया जी ने सर कलम करने वह मेरी आई के नीचे तीन जैसे नीचे वाक्य से कांग्रेस की मानसिकता को सुशोभित किया है। राजनीति में हमने विचार का विरोध किया व्यक्ति विशेष का कभी नहीं किया मुख्यमंत्री की मानसिकता जिसने मंडी के सेरी मंच से विक्रमादित्य जी के नॉमिनेशन पर छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री मंडी लोकसभा के सांसद मंडी लोकसभा के पूर्व मंत्री उनकी धर्मपत्नी उसे क्षेत्र की संसद जिनके पुत्र उसे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हो। जिसके नाम पर यह सरकार आई हो उसे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का नाम तक ना लिया जाए यह अहंकार है या मूर्खता इसका निर्णय कांग्रेस के लोगों को आत्म चिंतन के पश्चात करना चाहिए।
सोलन ! 15 मई [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! चुनाव तो राष्ट्र का है लेकिन हिमाचल में 6 विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव हो रहे हैं।
और देश के क्षेत्रीय दल कांग्रेस का पूरा फोकस प्रांतीय राजनीति तक सीमित है किसी भी राष्ट्रीय एजेंडा पर बात नहीं कर रहे जो नॉरेटिव प्रदेश कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने निश्चित किया हैं उसमें दो प्रमुख बिंदु हैं
1, आपदा में सहयोग राशि
2, सरकार को अस्तर करने का भाजपा पर दोषारोपण
फेडरल स्ट्रक्चर की संरचना के अधीन जो केंद्र से मिला उसे प्रदेश सरकार अपना अधिकार बताती है।
जो उससे अधिक मिला वह मिलना ही था कह कर आगे बढ़ जाती है।
लेकिन जो मिला उसका विवरण आज तक नहीं दे पाई।
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प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ने कहा है हमने 22130 परिवारों को राहत दी मैं प्रदेश सरकार से इन 22130 लोगों की सूची मांगता हूं क्योंकि हमारे विधायक अगर इस सरकार के पास तारपाल मांगने भी गए तो इन्होंने FIR दी विनोद जी को नाचन के विधायक इसके गवाह है। जो सरकार ने खर्च किया उसका विवरण सामान्य मुख्यमंत्री बताएं।
जो सरकार ने घोषणा की वह मैं लेकर आया हूं ।
व्यवस्था परिवर्तन सरकार ने 45000 करोड़ का आपदा राहत पैकेज घोषित किया कितना पैसा अपने यहां से दिया उसका विवरण सार्वजनिक करें।
किस ब्लॉक में कितना नुकसान हुआ इसका आकलन के लिए दो बार पत्र जिलाधीशों को लिखा गया मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण के लिए सेंट्रल से एक टीम भेजी थी जिन्होंने प्रदेश के अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और वापस जाकर रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी उसकी प्रतिलिपि प्रदेश सरकार को भी उन्होंने दी प्रदेश सरकार उसको सर्वजनि करें।
वर्तमान प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी हम प्रभावित लोगों को किराया देंगे सरकार बताएं कितने लोगों को इन्होंने कराया दिया।
यहां तक के जो सरकारी कर्मचारी के घर इस आपदा में प्रभावित हुए उन्हें सरकारी आवास जो खाली पड़े थे वह भी अलॉट नहीं किए गए।
हमने सरकार को प्रार्थना की प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुछ घर जो खाली पड़े हैं वह स्थाई तौर पर इनको आवंटित किए जाएं सरकार ने उसको सुना नहीं ।
आपदा राहत कोष में सरकार ने कितना पैसा इकट्ठा किया इसकी अनुमानित राशि 400 करोड़ से अधिक है कम है माननीय मुख्यमंत्री सही राशि बताएं
राहत कोष का पैसा सेविंग अकाउंट HP State cooperative Bank के अकाउंट में इकट्ठा क्यों किया गया व current account में hdfc में क्यों खोला गया जब के हिमाचल प्रदेश की ट्रेजेडी sbi के पास है।
इसका कारण मुख्यमंत्री जी सार्वजनिक करें । दो खाते क्यों खोले गए इसका विवरण सरकार दे। प्रदेश को आपदा घोषित क्यों नहीं किया गया यह हम पर इल्जाम है।
आपदा घोषित मैन्युअल यह कहता है कि जब तक किसी प्रांत के क्षेत्रफल का 33% आपदा ग्रसित ना हो जाए उसे आपदा घोषित क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सकता।
आपदा घोषित करवाने के पीछे की मानसिकता को समझना भी बहुत आवश्यक है।
जब आपदा घोषित हो जाती है तो उसे देश के ऊपर बहुत से प्रतिबंध भी लग जाते हैं।
प्रदेश सरकार को वर्ल्ड बैंक से लोन लेने में आसानी हो जाती है।
इस गंदी मानसिकता के पीछे कांग्रेस का मूल उद्देश्य था। इसी मानसिकता को लेकर मुख्यमंत्री राजकुमारी प्रियंका गांधी को लेकर प्रदेश में घूमते रहे। यह गंभीर इल्जाम मैं लग रहा हूं प्रदेश सरकार इसका खंडन करें। इस राजनीतिक भ्रमण पर कितना खर्चा हुआ सरकार इसको सार्वजनिक करें।
हम पर दूसरा इल्जाम
प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का है।
जिसे अपना घर नहीं समझता वह पड़ोसियों के हस्तक्षेप का इल्जाम लगाता हैं।
तुमने अपने विधायकों को जलील किया तुम्हारी प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की तुम्हारे कार्यकर्ताओं को उपेक्षित महसूस करने का सफल प्रयास तुमने किया चुने हुए प्रतिनिधियों जनता के प्रति उत्तरदाई होता है ना के राजनीति के चुनाव चिन्ह गले में पहने हुए खूंटे पर बंधा हुआ नहीं होता ।
उसको उसे विधानसभा के क्षेत्र की दोनों लोग जानते हैं जिन्होंने मत दिया होता है और जिन्होंने मत नहीं दिया होता लेकिन मित्रों की सरकार ने नियुक्तियों पर कैबिनेट फौज खड़ी की राजनीतिक सीनियरिटी को वह योग्यता को दरकिनार करके अपने cps बनाएं समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं है जो इन 15 महीने के कार्यकाल में सड़क पर नहीं आया यह सारे विषय सरकार और संगठन के भीतर के थे।
समय-समय पर हमने आपत्ति दर्ज की जो हमारा राजनीतिक धर्म था कांग्रेस उसे भीतर का लोकतंत्र बताती रही।
लेकिन जिस प्रकार विधानसभा गेट पर गुंडे खड़े किए अगर जनप्रतिनिधि प्रेस संवाद करने भी आए तो कांग्रेस ने गुंडे भेजें आशियाना जो चल पान ग्रह है शिमला में अस्हमती दर्ज करने वाले के ऊपर अपने सहयोगी वह विरोध करने वाले विधायकों के परिवारों ऊपर अत्याचार व दबाव की राजनीति प्रारंभ की तीन विधायकों के ऊपर राजनीतिक दबाव दिया यह लोकतंत्र की सबसे भयावक और भयंकर तस्वीर है
जो आपसे असहमत हो आपक पक्ष में बात ना करें वह बिकाऊ यह परिभाषा किसने तय की।
इसका श्रेय भी मुख्यमंत्री जी को लेना चाहिए। भाषाओं में सांप मेंढक भेड़ बकरी से लेकर सर कलम का श्रेय व्यवस्था परिवर्तन को लेना चाहिए। राजनीति से ओत-प्रत होकर कांग्रेस पार्टी के विधायक संवैधानिक पद पर बैठे कुलदीप पठानिया जी ने सर कलम करने वह मेरी आई के नीचे तीन जैसे नीचे वाक्य से कांग्रेस की मानसिकता को सुशोभित किया है।
राजनीति में हमने विचार का विरोध किया व्यक्ति विशेष का कभी नहीं किया मुख्यमंत्री की मानसिकता जिसने मंडी के सेरी मंच से विक्रमादित्य जी के नॉमिनेशन पर छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री मंडी लोकसभा के सांसद मंडी लोकसभा के पूर्व मंत्री उनकी धर्मपत्नी उसे क्षेत्र की संसद जिनके पुत्र उसे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हो।
जिसके नाम पर यह सरकार आई हो उसे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का नाम तक ना लिया जाए यह अहंकार है या मूर्खता इसका निर्णय कांग्रेस के लोगों को आत्म चिंतन के पश्चात करना चाहिए।
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