आरटीआई में खुलासा,1 करोड़ रूपए की गड़बड़ी के आरोप, पूर्व एमएलए ठियोग ने उठाई जांच की मांग, बड़ा आंदोलन के लिए भी चेताया।
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शिमला , 01 जनवरी [ विशाल सूद ] ! जिला के ठियोग उप मंडल में पीने के पानी की सप्लाई में बड़ा घोटाला हुआ है। क्षेत्र में पीने की पानी की सप्लाई ठेकेदार ने मोटर साइकिल और छोटे वाहनों से दिखाई है और कुछ वाहन नंबर तो ऐसे हैं जिनका कहीं रिकॉर्ड ही नहीं है उन्हें भी लाखों रुपए की पेमेंट की गई है जबकि टैंकर से पानी की सप्लाई होनी थी। हर साल ठियोग उप मंडल में पानी की किल्लत के समय 10 से 12 लाख रुपए में क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की सप्लाई होती थी लेकिन 2024 में यह आकंड़ा एक करोड़ 13 लाख पहुंच गया। स्थानीय निवासी व पूर्व प्रधान ने जब इसको लेकर आरटीआई मांगी तो उसमें हैरानी वाले तथ्य सामने आए हैं। चार ठेकेदार को पानी के वितरण का कार्य दिया गया था लेकिन पानी ग्रामीणों को मिला ही नहीं। जो बिल बनाए गए हैं उसमें मोटर साइकिल, ऑल्टो कार सहित अन्य छोटे वाहनों में पानी की ढुलाई दिखाई गई है जो कि संभव नहीं है और न ही कानूनी रूप से सही है। कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क ही नहीं हैं वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है। ऐसे ने एसडीएम ठियोग ने बिल को बिना वेरिफाई किए ही ठेकेदार को बिल का भुगतान कर दिया जबकि एडीएम शिमला ने पेमेंट करने से पहले बिल को वेरिफाई करने की एसडीएम दी थी जिसे दरकिनार कर एसडीएम ने पेमेंट कर दी। ऐसे में अब पूर्व विधायक ठियोग राकेश सिंघा ने पानी की सप्लाई के नाम पर बड़े घोटाले के आरोप लगाए हैं और मुख्य सचिव को पत्र सौंप एसडीएम को तलब कर जांच की मांग की है। जॉच नहीं हुई तो ठियोग से शिमला सचिवालय मार्च की भी चेतावनी दी है।
शिमला , 01 जनवरी [ विशाल सूद ] ! जिला के ठियोग उप मंडल में पीने के पानी की सप्लाई में बड़ा घोटाला हुआ है। क्षेत्र में पीने की पानी की सप्लाई ठेकेदार ने मोटर साइकिल और छोटे वाहनों से दिखाई है और कुछ वाहन नंबर तो ऐसे हैं जिनका कहीं रिकॉर्ड ही नहीं है उन्हें भी लाखों रुपए की पेमेंट की गई है जबकि टैंकर से पानी की सप्लाई होनी थी। हर साल ठियोग उप मंडल में पानी की किल्लत के समय 10 से 12 लाख रुपए में क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की सप्लाई होती थी लेकिन 2024 में यह आकंड़ा एक करोड़ 13 लाख पहुंच गया।
स्थानीय निवासी व पूर्व प्रधान ने जब इसको लेकर आरटीआई मांगी तो उसमें हैरानी वाले तथ्य सामने आए हैं। चार ठेकेदार को पानी के वितरण का कार्य दिया गया था लेकिन पानी ग्रामीणों को मिला ही नहीं। जो बिल बनाए गए हैं उसमें मोटर साइकिल, ऑल्टो कार सहित अन्य छोटे वाहनों में पानी की ढुलाई दिखाई गई है जो कि संभव नहीं है और न ही कानूनी रूप से सही है। कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क ही नहीं हैं वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है। ऐसे ने एसडीएम ठियोग ने बिल को बिना वेरिफाई किए ही ठेकेदार को बिल का भुगतान कर दिया जबकि एडीएम शिमला ने पेमेंट करने से पहले बिल को वेरिफाई करने की एसडीएम दी थी जिसे दरकिनार कर एसडीएम ने पेमेंट कर दी। ऐसे में अब पूर्व विधायक ठियोग राकेश सिंघा ने पानी की सप्लाई के नाम पर बड़े घोटाले के आरोप लगाए हैं और मुख्य सचिव को पत्र सौंप एसडीएम को तलब कर जांच की मांग की है। जॉच नहीं हुई तो ठियोग से शिमला सचिवालय मार्च की भी चेतावनी दी है।
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