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चम्बा, 1 फरवरी [ के एस प्रेमी ] ! वन परिक्षेत्र मसरूंड में कसमल के अवैध खनन का विरोध करने पर ग्रामीणों को धमकियां मिल रही हैं जिससे ग्रामीण सहम गए हैं। शुक्रवार इस संबंध में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल एस.पी. अभिषेक यादव से मिला तथा उन्हें शिकायत पत्र सौंपा। इसमें ग्रामीणों तिलक, संजय, रमेश, मनोज, संजय, सुभाष, हंसराज, राजेश, बलदेव व प्रेम लाल आदि ने बताया कि वन परिक्षेत्र मसरूंड में इस वर्ष वन विभाग द्वारा निजी भूमि से कसमलको उखाड़ने की स्वीकृति प्रदान की गई है। है। इस स्वीकृति में निजी भूमि से केवल 40 प्रतिशत कसमल के दोहन से पूर्व निजी भूमि के मालिक की वन विभाग द्वारा निशानदेही करवाई जानी थी, लेकिन इस तरह की किसी भी प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। लोगों ने भी निजी भूमि की आड़ में वन भूमि से कसमल को उखाड़ कर तहस नहस कर दिया है। वन विभाग भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। जगह-जगह कसमल के ढेर लगे हुए हैं जबकि कुछ गाड़ियां बाहरी राज्यों में भेजी जा चुकी हैं। निजी भूमि की आड़ में वन भूमि से कसमल के लाखों पौधे उखाड़ दिए गए हैं।ग्रामीण जब इसका विरोध करते हैं तो कुछ लोग उन्हें धमका रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि एक और तो वन संपदा लुट रही है और विरोध करने वाले ग्रामीणों की आवाज को दबाने का यह नया पैंतरा अपनाया जा रहा है। उन्होंने एस. पी. से अपील की है कि इसकी जांच की जाए और कसमल के अवैध खनन में लिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही ग्रामीणों को धमकाने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। जब तक जांच पूरी न हो तब तक कसमल की किसी भी गाड़ी को भरने की अनुमति प्रदान न की जाए। एस.पी. अभिषेक यादव ने कहा कि शिकायत मिली है तथा मामले की गहनता से जांच की जाएगी।
चम्बा, 1 फरवरी [ के एस प्रेमी ] ! वन परिक्षेत्र मसरूंड में कसमल के अवैध खनन का विरोध करने पर ग्रामीणों को धमकियां मिल रही हैं जिससे ग्रामीण सहम गए हैं। शुक्रवार इस संबंध में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल एस.पी. अभिषेक यादव से मिला तथा उन्हें शिकायत पत्र सौंपा। इसमें ग्रामीणों तिलक, संजय, रमेश, मनोज, संजय, सुभाष, हंसराज, राजेश, बलदेव व प्रेम लाल आदि ने बताया कि वन परिक्षेत्र मसरूंड में इस वर्ष वन विभाग द्वारा निजी भूमि से कसमलको उखाड़ने की स्वीकृति प्रदान की गई है। है। इस स्वीकृति में निजी भूमि से केवल 40 प्रतिशत कसमल के दोहन से पूर्व निजी भूमि के मालिक की वन विभाग द्वारा निशानदेही करवाई जानी थी, लेकिन इस तरह की किसी भी प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया।
लोगों ने भी निजी भूमि की आड़ में वन भूमि से कसमल को उखाड़ कर तहस नहस कर दिया है। वन विभाग भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। जगह-जगह कसमल के ढेर लगे हुए हैं जबकि कुछ गाड़ियां बाहरी राज्यों में भेजी जा चुकी हैं। निजी भूमि की आड़ में वन भूमि से कसमल के लाखों पौधे उखाड़ दिए गए हैं।ग्रामीण जब इसका विरोध करते हैं तो कुछ लोग उन्हें धमका रहे हैं।
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ग्रामीणों ने कहा कि एक और तो वन संपदा लुट रही है और विरोध करने वाले ग्रामीणों की आवाज को दबाने का यह नया पैंतरा अपनाया जा रहा है। उन्होंने एस. पी. से अपील की है कि इसकी जांच की जाए और कसमल के अवैध खनन में लिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
साथ ही ग्रामीणों को धमकाने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। जब तक जांच पूरी न हो तब तक कसमल की किसी भी गाड़ी को भरने की अनुमति प्रदान न की जाए। एस.पी. अभिषेक यादव ने कहा कि शिकायत मिली है तथा मामले की गहनता से जांच की जाएगी।
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