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शिमला ! आज उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना धर्मपत्नि सहित पारिवारिक सदस्यों के साथ हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय पहुँचे। गौरतलब है कि सतीश महाना पिछले 2 दिनों से हिमाचल राज्य के प्रवास पर हैं तथा राज्य सरकार द्वारा उन्हें राज्य अतिथि घोषित किया गया है। विधान सभा सचिवालय पहुँचने पर हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष द्वारा गेट नं0 1 पर उनकी अगवानी की गई तथा गुलदस्ता भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कुलदीप पठानियां ने अपने कार्यालय कक्ष में सतीश महाना को शॉल व टोपी पहनाकर सम्मानित किया तथा उनकी धर्मपत्नि व पारिवारिक सदस्यों को भी शॉल, मफलर तथा स्टॉल भेंट कर सम्मानित किया। सतीश महाना कुलदीप पठानियां के निजी मित्र हैं तथा उन्होने राज्यपाल हि0प्र0 तथा विधान सभा अध्यक्ष के साथ ही शिष्टाचार भेंट करने का कार्यक्रम रखा था। इस अवसर पर सतीश महाना को कुलदीप सिंह पठानियां सदन भी ले गए तथा कौंसिल चैम्बर के इतिहास की जानकारी दी। सदन के अवलोकन के दौरान पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर एक ऐतिहासिक इमारत है जिसका निर्माण वर्ष 1920 से 1925 के बीच ₹10 लाख की लागत से हुआ था। यह इमारत देश की पहली राष्ट्रीय असैम्बली बनी तथा विठ्ठल भाई पटेल ने अंग्रेज प्रतिद्वन्द्वी को 2 मतों से हराकर राष्ट्रीय असैम्बली का पहला चेयरमैन बनने का गौरव हासिल किया। महिलाओं को मताधिकार का अधिकार तथा अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रस्ताव यहीं से पारित हुआ था। कौंसिल चैम्बर को पँजाब विधान सभा होने का भी गौरव प्राप्त हुआ था। 1952 से 1957 तथा पुन: 1 जुलाई 1963 से हिमाचल प्रदेश विधान सभा का यह प्रमुख भवन है। इस अवसर पर मीडिया से रूबरू होते हुए पठानियां ने कहा कि सतीश महाना देश की सबसे बड़ी विधान सभा के अध्यक्ष हैं तथा 9 बार विधान सभा सदस्य रह चुके हैं। पठानियां ने कहा कि सदन में अध्यक्ष का आसन बर्मीज टीक से बनी कुर्सी वर्ष 1925 में बर्मा सरकार द्वारा तत्कालीन बर्तानिया सरकार को उपहार स्वरूप भेंट की गई थी जो आज भी ज्यों की त्यों है। पठानियां ने कहा कि इस विधान सभा को देश की पहली पेपर लैस सभा होने का गौरव प्राप्त हुआ है जब 4 अगस्त 2014 को हिमाचल ई –विधान प्रणाली लागू की गई थी। अब हमने भी डिजिटल इंडिया अभियान के तहत हिमाचल ई- विधान प्रणाली छोड़कर राष्ट्रीय ई –विधान (नेवा) को अपना लिया है जिसका कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त पठानियां ने महाना को हिमाचल प्रदेश विधान सभा की कार्यप्रणाली, समिति प्रणाली, सत्र संचालन तथा आन्तरिक क्रिया –क्लापों की भी जानकारी सांझा की। उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष ने कुलदीप पठानियां का अतिथि सत्कार करने के लिए आभार प्रकट किया तथा उन्हें उत्तर प्रदेश विधान सभा आने का निमन्त्रण दिया। महाना ने कहा कि उनका 2 वर्ष पहले पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में कुलदीप पठानियां से परिचय हुआ था जिस तरह का उन्हें संसदीय प्रणाली तथा विधायी ज्ञान है वह प्रशंसनीय है जिस वजह से वह इनसे बहुत प्रभावित हुए हैं और उनका दिल से सम्मान करते हैं। सतीश महाना ने कुलदीप पठानियां को उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यप्रणाली तथा क्रिया – क्लापों की जानकारी दी तथा विधायी कार्य तथा प्रजातांत्रिक प्रणाली पर चर्चा की। सदन अवलोकन उपरान्त कुलदीप सिंह पठानियां तथा सतीश महाना परिवार सहित जाखू मन्दिर पहुँचे जहाँ उन्होने पूजा अर्चना की तथा शीश नवाया।
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