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चम्बा , 23 मई [ रीना सहोत्रा ] ! जिला चम्बा का एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र जिसका नाम सगोटी ग्राम पंचायत भजोत्रा है। सगोटी बूथ के सभी लोगों ने सरकार की नीतियों से नाखुश होकर लोकसभा 2024 के चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है इसी बात को लेकर तहसीलदार पटवारी सहित पीडब्ल्यूडी के विभाग ने मिलकर वहां के स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की। स्थानीय लोगों का कहना है कि 70 सालों से हमारा कोई भी काम सरकार द्वारा नहीं किया गया है उनका मानना है कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के लिए जाना जाता है ग्रामीणों ने तो यहां तक कह दिया की माना की 5 साल के लिए सत्ता सरकार के हाथ में होती है लेकिन संविधान उन्हें एक दिन की ऐसी शक्ति देता है जिसे मतदान कहा जाता है ग्रामीणों का कहना है कि इस बार वह अपनी इस शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और चुनाव का पूर्णता बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहां की यूं तो यहां समस्यायों का भंडार है लेकिन उनकी जो खास समस्या है वह सड़क सुविधा को लेकर है चंबा जिला का सगोटी गांव जो जम्मू कश्मीर के साथ लगता है और इसी के साथ वहां आतंक का भी खतरा रहता है जिस करके उन्हें सड़क सुविधा का होना और भी आवश्यक हो जाता है उन्हें अपनी जरूरत का सामान भी उन्हें पीठ पर लादकर चार-पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उन लोगों का कहना है कि इस बार वह चुनाव का पूर्णता बहिष्कार कर रहे हैं या फिर कोई ऐसा प्रतिनिधि जो उनकी समस्याओं का समाधान करें तो हम उस प्रतिनिधि को वोट देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वो हमे विश्वास दिलाए की सरकार बनते ही सर्व प्रथम उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा यहां पर उन्हें सड़क सुविधा, स्कूल के बच्चों के लिए स्कूल की अच्छी शिक्षा, स्थानीय लोगों के स्वास्थय के लिए डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी तो वह उस प्रतिनिधि को वोट करेंगे। चुनावी सरगर्मियां जैसे-जैसे जोरों पर हैं वैसे-वैसे वहां के स्थानीय ग्रामीण लगातार इकट्ठे होकर मीटिंग कर रहे हैं और सबने यह निर्णय लिया है कि वह इस बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
चम्बा , 23 मई [ रीना सहोत्रा ] ! जिला चम्बा का एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र जिसका नाम सगोटी ग्राम पंचायत भजोत्रा है। सगोटी बूथ के सभी लोगों ने सरकार की नीतियों से नाखुश होकर लोकसभा 2024 के चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है इसी बात को लेकर तहसीलदार पटवारी सहित पीडब्ल्यूडी के विभाग ने मिलकर वहां के स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि 70 सालों से हमारा कोई भी काम सरकार द्वारा नहीं किया गया है उनका मानना है कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के लिए जाना जाता है ग्रामीणों ने तो यहां तक कह दिया की माना की 5 साल के लिए सत्ता सरकार के हाथ में होती है लेकिन संविधान उन्हें एक दिन की ऐसी शक्ति देता है जिसे मतदान कहा जाता है ग्रामीणों का कहना है कि इस बार वह अपनी इस शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और चुनाव का पूर्णता बहिष्कार करेंगे।
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उन्होंने कहां की यूं तो यहां समस्यायों का भंडार है लेकिन उनकी जो खास समस्या है वह सड़क सुविधा को लेकर है चंबा जिला का सगोटी गांव जो जम्मू कश्मीर के साथ लगता है और इसी के साथ वहां आतंक का भी खतरा रहता है जिस करके उन्हें सड़क सुविधा का होना और भी आवश्यक हो जाता है उन्हें अपनी जरूरत का सामान भी उन्हें पीठ पर लादकर चार-पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
उन लोगों का कहना है कि इस बार वह चुनाव का पूर्णता बहिष्कार कर रहे हैं या फिर कोई ऐसा प्रतिनिधि जो उनकी समस्याओं का समाधान करें तो हम उस प्रतिनिधि को वोट देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वो हमे विश्वास दिलाए की सरकार बनते ही सर्व प्रथम उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा यहां पर उन्हें सड़क सुविधा, स्कूल के बच्चों के लिए स्कूल की अच्छी शिक्षा, स्थानीय लोगों के स्वास्थय के लिए डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी तो वह उस प्रतिनिधि को वोट करेंगे।
चुनावी सरगर्मियां जैसे-जैसे जोरों पर हैं वैसे-वैसे वहां के स्थानीय ग्रामीण लगातार इकट्ठे होकर मीटिंग कर रहे हैं और सबने यह निर्णय लिया है कि वह इस बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
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