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चम्बा, 1 सितम्बर,[ रीना सहोत्रा ] ! सुन्दर शिक्षा न्यास के तत्वावधान में कला सृजन पाठशाला पंजीकृत द्वारा रामदरश मिश्र के सौंवें जन्म दिवस के उपलक्ष पर लेख-पाठ तथा रचना-पाठ का आयोजन सत्र-52(स्वर्ण सत्र-2) किया। कार्यक्रम को विधिवत आरम्भ करते हुए सबसे पहले सरस्वती वंदना के साथ उपस्थित सदस्यों ने विमला देवी की अगुवाई में दीप प्रज्वलित किया। तत्पश्चात कार्यक्रम की कार्यवाही शुरू करते हुए कला सृजन पाठशाला के सलाहकार भूपेंद्र जसरोटिया ने यह कहा कि आज के आयोजन के संचालन का जिम्मा मेरे को दिया गया है। सबसे पहले उन्होंने शरत् शर्मा से रामदरश मिश्र के जीवन वृत्त को प्रस्तुत करने के लिए आमन्त्रित किया। शरत् शर्मा ने रामदरश मिश्र के साहित्यिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन को परत दर परत खोलते हुए उपस्थित रचनाकारों से विश्लेषित एवं समग्र परिचय करवाया। इसके पश्चात पारुल जसरोटिया ने अपनी प्रस्तुति में विद्यार्थी जीवन को लेकर लेख के माध्यम से अनेक बातों को सबके समक्ष रखा और विद्यार्थियों के करियर की चिंता करते हुए कहा कि कला सृजन पाठशाला के साथ वही विद्यार्थी जुड़ पाएंगे जो यहां आकर कुछ सीखेंगे भी तथा विद्यार्थियों की भागीदारी के ऊपर कार्यक्रम को केंद्रित करते हुए ही किए जाने चाहिए। इसके साथ उन्होंने अध्यात्म के ऊपर अपनी राय रखते हुए योग की महता तथा स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग के आसान पर बल दिया। इसके बाद विमला देवी ने मंच सम्भालते हुए एक से बढ़िया एक प्रकृति पर अपनी रचनाएं पढ़कर सबको मोहित कर दिया। इसके साथ उन्होंने रामदरश मिश्र की कुछ चुनिंदा कविताओं में से कुछ चुनिंदा अंश को पढ़ा और उसके साथ अदभुत अन्दाज में उसकी व्याख्या भी प्रस्तुत की। इसके पश्चात शरत् शर्मा ने भूपेंद्र जसरोटिया को मंच पर आमंत्रित किया। भूपेंद्र जसरोटिया ने चंब्याली कविता मैं बि कताब छपाई अनोखे अंदाज में पढ़कर सबको लोटपोट कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने एक और चंब्याली कविता फूफा हुन्दा रबड़ा साहई का पाठ करके हंसी के फव्वारे छूट्टा दिए। इसके पश्चात शरत् शर्मा ने स्वयं रचित कविता ध्वस्त होता आदमी का पाठ करके सबको सोचने के लिए बाध्य कर दिया। इसके साथ ही शरत् शर्मा ने महत्वपूर्ण समकालीन कवि कुमार कृष्ण की कविता न्याय किधर है का भी पाठ करके श्रोताओं को उद्वेलित किया। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बालकृष्ण पराशर ने अपने भेजे संदेश में कहा कि एक्टिव तथा पैसिव सदस्यों की संगठन की निर्मिति में आला दर्जे की भूमिका को इग्नोर नहीं किया जा सकता। इसके साथ प्रकृति के सम्मान को तरजीह देने की निष्ठा को सर्वोपरि बताया। वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने सन्देश में बताया कि कला सृजन पाठशाला की आर्थिक मजबूती के लिए अति जेनुइन सदस्यों को पञ्जीकरण शुल्क के साथ जोड़ा जाए जिससे संगठन को आर्थिक और सृजनशीलता की मजबूती मिले। मंच का संचालन कला सृजन पाठशाला के सलाहकार भूपेंद्र जसरोटिया ने बड़े ही गर्म जोशी के साथ निभाया तथा सभी उपस्थित रचनाकारों की हौंसला अफजाई की। अपने वक्तव्य में शरत् शर्मा ने इस ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया कि कला सृजन पाठशाला में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए तथा उन्हीं सदस्यों को जोड़ा जाए जो ट्रूअली कमिटेड हों के साथ प्रेस तथा डिजिटल चैनल द्वारा कला सृजन पाठशाला के आयोजनों की कवरेज को समय-समय पर जन-जन तक पहुंचाने के लिए कृतज्ञता सहित आयोजन सत्र-52 को विराम की ओर अग्रेषित किया।
चम्बा, 1 सितम्बर,[ रीना सहोत्रा ] ! सुन्दर शिक्षा न्यास के तत्वावधान में कला सृजन पाठशाला पंजीकृत द्वारा रामदरश मिश्र के सौंवें जन्म दिवस के उपलक्ष पर लेख-पाठ तथा रचना-पाठ का आयोजन सत्र-52(स्वर्ण सत्र-2) किया। कार्यक्रम को विधिवत आरम्भ करते हुए सबसे पहले सरस्वती वंदना के साथ उपस्थित सदस्यों ने विमला देवी की अगुवाई में दीप प्रज्वलित किया।
तत्पश्चात कार्यक्रम की कार्यवाही शुरू करते हुए कला सृजन पाठशाला के सलाहकार भूपेंद्र जसरोटिया ने यह कहा कि आज के आयोजन के संचालन का जिम्मा मेरे को दिया गया है। सबसे पहले उन्होंने शरत् शर्मा से रामदरश मिश्र के जीवन वृत्त को प्रस्तुत करने के लिए आमन्त्रित किया। शरत् शर्मा ने रामदरश मिश्र के साहित्यिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन को परत दर परत खोलते हुए उपस्थित रचनाकारों से विश्लेषित एवं समग्र परिचय करवाया।
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इसके पश्चात पारुल जसरोटिया ने अपनी प्रस्तुति में विद्यार्थी जीवन को लेकर लेख के माध्यम से अनेक बातों को सबके समक्ष रखा और विद्यार्थियों के करियर की चिंता करते हुए कहा कि कला सृजन पाठशाला के साथ वही विद्यार्थी जुड़ पाएंगे जो यहां आकर कुछ सीखेंगे भी तथा विद्यार्थियों की भागीदारी के ऊपर कार्यक्रम को केंद्रित करते हुए ही किए जाने चाहिए। इसके साथ उन्होंने अध्यात्म के ऊपर अपनी राय रखते हुए योग की महता तथा स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग के आसान पर बल दिया। इसके बाद विमला देवी ने मंच सम्भालते हुए एक से बढ़िया एक प्रकृति पर अपनी रचनाएं पढ़कर सबको मोहित कर दिया।
इसके साथ उन्होंने रामदरश मिश्र की कुछ चुनिंदा कविताओं में से कुछ चुनिंदा अंश को पढ़ा और उसके साथ अदभुत अन्दाज में उसकी व्याख्या भी प्रस्तुत की। इसके पश्चात शरत् शर्मा ने भूपेंद्र जसरोटिया को मंच पर आमंत्रित किया। भूपेंद्र जसरोटिया ने चंब्याली कविता मैं बि कताब छपाई अनोखे अंदाज में पढ़कर सबको लोटपोट कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने एक और चंब्याली कविता फूफा हुन्दा रबड़ा साहई का पाठ करके हंसी के फव्वारे छूट्टा दिए। इसके पश्चात शरत् शर्मा ने स्वयं रचित कविता ध्वस्त होता आदमी का पाठ करके सबको सोचने के लिए बाध्य कर दिया। इसके साथ ही शरत् शर्मा ने महत्वपूर्ण समकालीन कवि कुमार कृष्ण की कविता न्याय किधर है का भी पाठ करके श्रोताओं को उद्वेलित किया।
कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बालकृष्ण पराशर ने अपने भेजे संदेश में कहा कि एक्टिव तथा पैसिव सदस्यों की संगठन की निर्मिति में आला दर्जे की भूमिका को इग्नोर नहीं किया जा सकता। इसके साथ प्रकृति के सम्मान को तरजीह देने की निष्ठा को सर्वोपरि बताया।
वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने सन्देश में बताया कि कला सृजन पाठशाला की आर्थिक मजबूती के लिए अति जेनुइन सदस्यों को पञ्जीकरण शुल्क के साथ जोड़ा जाए जिससे संगठन को आर्थिक और सृजनशीलता की मजबूती मिले।
मंच का संचालन कला सृजन पाठशाला के सलाहकार भूपेंद्र जसरोटिया ने बड़े ही गर्म जोशी के साथ निभाया तथा सभी उपस्थित रचनाकारों की हौंसला अफजाई की। अपने वक्तव्य में शरत् शर्मा ने इस ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया कि कला सृजन पाठशाला में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए तथा उन्हीं सदस्यों को जोड़ा जाए जो ट्रूअली कमिटेड हों के साथ प्रेस तथा डिजिटल चैनल द्वारा कला सृजन पाठशाला के आयोजनों की कवरेज को समय-समय पर जन-जन तक पहुंचाने के लिए कृतज्ञता सहित आयोजन सत्र-52 को विराम की ओर अग्रेषित किया।
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