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चम्बा, 29 अगस्त, [ शिवानी ] ! आज दिनांक 29 अगस्त को राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेहला मे आशा कार्यकर्त्ताओ के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया Iआयोजन की जानकारी देते हुए डॉ वैभवी गुरंग नें बताया कि यह पखवाड़ा 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक चलेगा और जिस मे लोगों को आँखो की देख भाल और आंखों की बीमारीयों तथा मृत्यु के बाद आँखो के दान के बारे मे विस्तार से बताया गया I जिला जन शिक्षा एवम सूचना अधिकारी श्री छाँगा राम ठाकुर नें बताया इस नेत्र दान पखवाड़ा मे नेत्र सम्बंधित जानकारी दी जाएगी जिस मे समय-समय पर अपने नेत्रों की जांच तथा उनमें होने वाले रोगों तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा हैI उन्होंने बताया की आंख की चोट,ट्राउमा,इन्फेक्शन, आंख में किसी बाहरी चीज पडने की स्थिति में शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि भारतवर्ष में लगभग 68 लाख से अधिक लोग कॉर्निंया की बीमारी से ग्रसित हैं और 120000 लोग कॉर्निंअल ब्लाइंडनेस के शिकार हैँ I उन्होंने कहा की होली खेलते समय रंगों का आंख में पड़ना, दिवाली में पटाखों से आँखों का वचाव नहीं किया गया तो सदा के लिए अंधापन की नौबत आ सकती है I इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए युक्त भोज्य पदार्थ जैसे आम,केला, खरबूजा,घी, मछली तथा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए I उन्होंने कहा कि किसी भी उम्र, लिंग, धर्म,जाति, समाज का व्यक्ति अपनी आंखों को मरणोपरांत दान कर सकता हैI उन्होंने नेत्रदान की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बताते हुए कहा कि नेत्रदान करने वाले व्यक्ति को नेत्र ब्लड बैंक में जाकर एक शपथ पत्र भर कर देना होता है, मरणो उपरांत 6 घंटे के अंदर अंदर नेत्र बैंक -जो की आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज तथा नेरचौक मंडी मैं स्थित है -से टीम आकर उक्त व्यक्ति की आंख की कॉर्निया निकाल कर दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित की जा सकती है जिससे व्यक्ति की आँखों की रोशनी आ जाती है I इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से दीपक जोशी तथा खंड चूड़ी से इंदरसेन स्वास्थ्य पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे ।
चम्बा, 29 अगस्त, [ शिवानी ] ! आज दिनांक 29 अगस्त को राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेहला मे आशा कार्यकर्त्ताओ के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया Iआयोजन की जानकारी देते हुए डॉ वैभवी गुरंग नें बताया कि यह पखवाड़ा 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक चलेगा और जिस मे लोगों को आँखो की देख भाल और आंखों की बीमारीयों तथा मृत्यु के बाद आँखो के दान के बारे मे विस्तार से बताया गया I
जिला जन शिक्षा एवम सूचना अधिकारी श्री छाँगा राम ठाकुर नें बताया इस नेत्र दान पखवाड़ा मे नेत्र सम्बंधित जानकारी दी जाएगी जिस मे समय-समय पर अपने नेत्रों की जांच तथा उनमें होने वाले रोगों तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा हैI उन्होंने बताया की आंख की चोट,ट्राउमा,इन्फेक्शन, आंख में किसी बाहरी चीज पडने की स्थिति में शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि भारतवर्ष में लगभग 68 लाख से अधिक लोग कॉर्निंया की बीमारी से ग्रसित हैं और 120000 लोग कॉर्निंअल ब्लाइंडनेस के शिकार हैँ I
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उन्होंने कहा की होली खेलते समय रंगों का आंख में पड़ना, दिवाली में पटाखों से आँखों का वचाव नहीं किया गया तो सदा के लिए अंधापन की नौबत आ सकती है I इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए युक्त भोज्य पदार्थ जैसे आम,केला, खरबूजा,घी, मछली तथा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए I
उन्होंने कहा कि किसी भी उम्र, लिंग, धर्म,जाति, समाज का व्यक्ति अपनी आंखों को मरणोपरांत दान कर सकता हैI उन्होंने नेत्रदान की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बताते हुए कहा कि नेत्रदान करने वाले व्यक्ति को नेत्र ब्लड बैंक में जाकर एक शपथ पत्र भर कर देना होता है, मरणो उपरांत 6 घंटे के अंदर अंदर नेत्र बैंक -जो की आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज तथा नेरचौक मंडी मैं स्थित है -से टीम आकर उक्त व्यक्ति की आंख की कॉर्निया निकाल कर दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित की जा सकती है जिससे व्यक्ति की आँखों की रोशनी आ जाती है I इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से दीपक जोशी तथा खंड चूड़ी से इंदरसेन स्वास्थ्य पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे ।
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