- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , 16 अक्टूबर [ शिवानी ] ! राजकीय महाविद्यालय चंबा में 'ग्रामीण विकास हेतु अनुसंधान' विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन राजकीय महाविद्यालय चम्बा में 16 अक्टूबर 2024 को 'उन्नत भारत अभियान' के अंतर्गत आयोजित 'ग्रामीण विकास हेतु अनुसंधान' विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अनुसंधान के महत्व को समझाना और छात्रों को शोध पद्धतियों से अवगत कराना था, ताकि वे ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण और उन्नति में योगदान दे सकें। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राकेश राठौर ने कार्यशाला के दौरान हुए विचार-विमर्श और चर्चाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के विकास में अनुसंधान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और यह कार्यशाला छात्रों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रोफेसर राठौर ने यह भी कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को नई तकनीकों और आधुनिक उपायों से जोड़ने का कार्य किया जा सकता है, जो देश के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।इस अवसर पर उन्नत भारत अभियान के नोडल अधिकारी श्री विजय कुमार ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में दो मुख्य वक्ता, डॉ. पवन कुमार और डॉ. वीरेन्द्र सिंह, ने अपने विचार साझा किए। डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसंधान के महत्व और उसके संभावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है, और वहां के विकास के लिए ठोस अनुसंधान आधारित नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों को इस दिशा में प्रेरित करते हुए कहा कि यदि वे ग्रामीण समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे तो इससे समाज के निचले स्तर तक सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। डॉ. पवन कुमार ने अपने वक्तव्य में अनुसंधान की विधियों और उनके प्रयोग की तकनीकों पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को अनुसंधान प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की जानकारी दी और ग्रामीण विकास में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए सर्वेक्षण, डेटा संग्रहण और विश्लेषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को गहराई से समझने के लिए विस्तृत अध्ययन और नए विचारों की आवश्यकता होती है, जो इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से संभव है। श्री विजय कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में महाविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें ग्रामीण विकास के संदर्भ में अनुसंधान के विभिन्न आयामों से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि उन्नत भारत अभियान के तहत महाविद्यालय द्वारा निरंतर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक छात्र ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को समझकर उनके समाधान में सक्रिय भागीदारी कर सकें। कार्यशाला के दौरान छात्रों को प्रायोगिक गतिविधियों और समूह चर्चा के माध्यम से ग्रामीण विकास में अनुसंधान की आवश्यकताओं और उसके प्रयोग की जानकारी दी गई। छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस कार्यशाला से उन्हें अनुसंधान के नए दृष्टिकोण और तकनीकों के बारे में सीखने का मौका मिला है। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी वक्ताओं, छात्रों और आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों के शैक्षणिक और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें समाज की सेवा के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने ग्रामीण विकास में अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि महाविद्यालय भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, छात्र, और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
चम्बा , 16 अक्टूबर [ शिवानी ] ! राजकीय महाविद्यालय चंबा में 'ग्रामीण विकास हेतु अनुसंधान' विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन राजकीय महाविद्यालय चम्बा में 16 अक्टूबर 2024 को 'उन्नत भारत अभियान' के अंतर्गत आयोजित 'ग्रामीण विकास हेतु अनुसंधान' विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अनुसंधान के महत्व को समझाना और छात्रों को शोध पद्धतियों से अवगत कराना था, ताकि वे ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण और उन्नति में योगदान दे सकें।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राकेश राठौर ने कार्यशाला के दौरान हुए विचार-विमर्श और चर्चाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के विकास में अनुसंधान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और यह कार्यशाला छात्रों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
प्रोफेसर राठौर ने यह भी कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को नई तकनीकों और आधुनिक उपायों से जोड़ने का कार्य किया जा सकता है, जो देश के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।इस अवसर पर उन्नत भारत अभियान के नोडल अधिकारी श्री विजय कुमार ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर सभी का धन्यवाद किया।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में दो मुख्य वक्ता, डॉ. पवन कुमार और डॉ. वीरेन्द्र सिंह, ने अपने विचार साझा किए। डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसंधान के महत्व और उसके संभावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है, और वहां के विकास के लिए ठोस अनुसंधान आधारित नीतियों की आवश्यकता है।
उन्होंने छात्रों को इस दिशा में प्रेरित करते हुए कहा कि यदि वे ग्रामीण समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे तो इससे समाज के निचले स्तर तक सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं।
डॉ. पवन कुमार ने अपने वक्तव्य में अनुसंधान की विधियों और उनके प्रयोग की तकनीकों पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को अनुसंधान प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की जानकारी दी और ग्रामीण विकास में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए सर्वेक्षण, डेटा संग्रहण और विश्लेषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को गहराई से समझने के लिए विस्तृत अध्ययन और नए विचारों की आवश्यकता होती है, जो इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से संभव है।
श्री विजय कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में महाविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें ग्रामीण विकास के संदर्भ में अनुसंधान के विभिन्न आयामों से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि उन्नत भारत अभियान के तहत महाविद्यालय द्वारा निरंतर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक छात्र ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को समझकर उनके समाधान में सक्रिय भागीदारी कर सकें।
कार्यशाला के दौरान छात्रों को प्रायोगिक गतिविधियों और समूह चर्चा के माध्यम से ग्रामीण विकास में अनुसंधान की आवश्यकताओं और उसके प्रयोग की जानकारी दी गई। छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस कार्यशाला से उन्हें अनुसंधान के नए दृष्टिकोण और तकनीकों के बारे में सीखने का मौका मिला है।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी वक्ताओं, छात्रों और आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों के शैक्षणिक और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें समाज की सेवा के लिए प्रेरित करती हैं।
उन्होंने ग्रामीण विकास में अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि महाविद्यालय भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, छात्र, और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -